Gandhi Jayanti Speech in Hindi 2024, Mahatma Gandhi Jayanti Par Bhashan: भारत में महात्मा गांधी के जन्मदिन को 2 अक्टूबर के दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में होने वाले कार्यक्रमों में महात्मा गांधी के जीवन, कार्य और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में जानकारी दी जाती है और साथ ही कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।
अगर आप भी अपने स्कूल, कॉलेज या संस्थान में गांधी जयंती 2024 के उपलक्ष्य में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो यहां जान लीजिए महात्मा गांधी पर निबंध, भाषण, कविताओं के आईडिया, जिनके जरिए आप सभा में उपस्थित सभी श्रोताओं की तालियां और वाहवाही लूट सकते हैं।
भाषण में बताएं महात्मा गांधी का जीवन परिचय
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। गांधी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 गुजरात के पोरबंदर नामक गांव में हुआ था। महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी अपने जीवन में सदैव अहिंसा का मार्ग अपनाया था और वे अन्य लोगों से भी इस मार्ग पर चलने की अपेक्षा करते थे। गांधी ने लंदन से वकालत की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद 1893 में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के अधिकारों के लिए सत्याग्रह सिद्धांत के जरिए अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाया था।
सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ गांधी
महात्मा गांधी ने भारत आने के बाद कई मुद्दों पर जन चेतना को विकसित करने के लिए कई नई पहल की थी जिसमें स्वराज, अस्पृश्यता के खिलाफ आवाज, महिलाओं के अधिकार और किसानों के हितों को साधने जैसे कई कार्यक्रम चलाए। गांधी ने मनुष्यों के बीच जारी भेदभाव को खत्म करने के लिए ‘स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वयं को खोजना ‘ नारा भी दिया था।
गांधी पर कहें हरिवंशराय बच्चन की कविता
गोलियों के ओढ़े बाएँ-दाएँ,
यह छाती परिचित थी भारत की धड़कन से,
यह छाती विचलित थी भारत की तड़पन से,
यह तानी जहाँ, बैठी हिम्मीत गोले-गन की अचरज ही है पिस्तौल इसे जो बिठलाए,
इन आँखों को था बुरा देखना नहीं सहन,
जो नहीं बुरा कुछ सुनते थे ये वही श्रवण,
मुख यही कि जिससे कभी न निकला बुरा वचन,
यह बंद-मूक जग छलछुद्रों से उकताए,
यह देखो बापू की आजानु भुजाएँ हैं,
उखड़े इनसे गोराशाही के पाए हैं,
लाखों इनकी रक्षा-छाया-में आए हैं,
ये हाथ सबल निज रक्षा में क्योंक सकुचाए,
यह बापू की गर्वीली, ऊँची पेशानी,
बस एक हिमालय की चोटी इनकी सनी,
इससे ही भारत ने अपनी भावी जानी,
जिसने इनको वध करने की मन में ठानी उसने भारत की किस्मत में फेरा पानी;
इस देश-जाती के हुए विधाता ही बाएँ।
-हरिवंशराय बच्चन
गांधी जयंती पर करें स्वच्छता के प्रति जागरूक
“स्वच्छता ही सेवा है स्वच्छता ही स्वास्थ्य है स्वच्छता ही समृद्धि है” स्वच्छता हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है। स्वच्छता से हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। स्वच्छता से हमारा देश सशक्त बन सकता है। स्वच्छता से हमारा देश सुंदर बन सकता है। स्वच्छता के लिए हमें अपने घरों को साफ रखना चाहिए। स्वच्छता के लिए हमें अपने आसपास के क्षेत्र को साफ रखना चाहिए। स्वच्छता के लिए हमें अपने देश को साफ रखना चाहिए। स्वच्छता के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। स्वच्छता के लिए हमें अपने देश के नेताओं का साथ देना चाहिए। स्वच्छता के लिए हमें अपने देश की जनता को जागरूक करना चाहिए। स्वच्छता के लिए हमें अपने देश के बच्चों को शिक्षित करना चाहिए। स्वच्छता के लिए हमें अपने देश के युवाओं को जिम्मेदार बनाना चाहिए। स्वच्छता के लिए हमें अपने देश के बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। स्वच्छता के लिए हमें अपने देश के नागरिकों को एकजुट करना चाहिए। स्वच्छता के लिए हमें अपने देश को एक स्वच्छ और सुंदर बनाना चाहिए। स्वच्छता के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।