दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के नतीजों को लेकर अभी और इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट नतीजे जारी करने के निर्देश देने के बिल्कुल मूड में नहीं है। बुधवार को हाईकोर्ट ने डूसू चुनाव में उतरे उम्मीदवारों को यह निर्देश दिया कि अगर वह मतगणना चाहते हैं तो चुनाव के दौरान कैंपस में हुए नुकसान की भरपाई करें और कैंपस को साफ सुथरा करें।

26 सितंबर को आना था चुनाव का रिजल्ट

बता दें कि हाईकोर्ट ने 26 सितंबर को यह कहते हुए मतगणना और रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी थी कि चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने का उद्देश्य किसी का नहीं होना चाहिए, ऐसा करने वालों और ऐसा सोचने वालों के खिलाफ कड़ा संदेश देना होगा। हाईकोर्ट के इस निर्देश पर उम्मीदवारों ने यह कहा है कि वह सुनिश्चित करेंगे कि उनके कॉलेजों के परिसर छात्रों द्वारा साफ किए जाएं और विश्वविद्यालय के समन्वय में फिर से रंगे जाएं।

क्या कहा है कोर्ट ने?

चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने बुधवार को कहा कि जिस दिन कैंपस की जगह साफ हो जाएगी उसके अगले दिन हम मतगणना की अनुमति दे देंगे। बता दें कि हाईकोर्ट की यह बेंच दो उम्मीदवारों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने दो अलग-अलग कॉलेजों में चुनाव लड़ा था। इस याचिका में रिजल्ट जारी करने की भी मांग की गई थी।

21 अक्टूबर को होगी अब अगली सुनवाई

सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि अगर प्रत्याशी चुनाव प्रचार के लिए बेंटलेज कार लेकर आ सकते हैं तो गंदगी को साफ करना होगा और दीवारों को दोबारा पेंट करना होगा। साथ ही बेंच ने प्रत्याशियों, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 21 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।

21 कैंडिडेट्स ने इस बार लड़ा चुनाव

25 सितंबर को हुए डूसू चुनाव में कुल 21 कैंडिडेट्स चुनाव लड़ रहे हैं जिसमें अध्यक्ष के लिए आठ, उपाध्यक्ष के लिए पांच और सचिव और संयुक्त सचिव के लिए चार-चार उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। डूसू चुनाव के लिए वोटिंग शुक्रवार को संपन्न हुई। इस दौरान कुल 52 कालेजों व विभागों में वोट डाले गए। 145893 मतदाताओं में से 51300 छात्रों ने अपने मत का उपयोग किया।