भूपेंद्र पांचाल

दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में मनमानी फीस बढ़ोतरी को लेकर अब बीजेपी सरकार ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। शिक्षा निदेशालय ने कई निजी मान्यता प्राप्त गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों द्वारा मनमानी, अनियमित और अत्यधिक फीस वृद्धि के बारे में अभिभावकों और छात्रों से मिली कई शिकायतें पर गंभीर संज्ञान लिया है। सरकार ने अब तक 600 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट पूरा कर लिया है जबकि और भी स्कूलों में ऑडिट का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने 10 से ज्यादा ऐसे निजी स्कूल हैं जिनको शिक्षा निदेशालय ने कारण बताओ नोटिस भी भेजा है। साथ ही स्कूलों को बढ़ी फीस वासस लेने के आदेश भी दिए हैं।

शिक्षा निदेशालय ने समितियों को दी जिम्मेदारी

पैरेंट्स की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा निदेशालय ने जिला स्तरीय निरीक्षण समितियों का गठन करने के लिए औपचारिक आदेश जारी किए थे। संबंधित क्षेत्र के उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की अध्यक्षता में गठित प्रत्येक समिति में जिला/जोन के उप शिक्षा निदेशक (जिला/जोन), लेखा अधिकारी और सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य को शामिल किया गया है। इन समितियों को दिल्ली के सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों मेंजमीनी हकीकत का जिम्मा सौंपा गया।

इनमें वह स्कूल भी शामिल रहे जिनके खिलाफ शिक्षा निदेशालय को शिकायतें मिली हैं। बताया जाता है कि 16 अप्रैल तक, दिल्ली भर में 600 से अधिक गैर-सहायता मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का निरीक्षण किया गया है। बाकी विद्यालयों का निरीक्षण करने का काम किया जा रहा है और इसे शीघ्रता से पूरा किया जाएगा।

इसके अलावा ऐसे मामले जिनमें स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस वृद्धि की गई है, जिससे स्कूलों में मुनाफाखोरी और व्यावसायीकरण हो रहा है, उन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। वहीं, शिक्षा निदेशालय के आदेशों को अनुपालन नहीं करने के दोषी पाए गए स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। साथ ही मामले के आधार पर मान्यता रद्द करने और स्कूल प्रबंधन को अपने नियंत्रण में लेने सहित अन्य दंडात्मक उपाय किए जा रहे हैं।

इसके अलावा, इन सभी स्कूलों को तत्काल प्रभाव से मनमानी फीस वृद्धि वापस लेने के भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि 10 से अधिक ऐसे निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को डीएसईएआर 1973 की धारा 24(3) के तहत कारण बताओ नोटिस पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि दिल्लीभर में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में डमी स्कूलिंग के कदाचार के बारे में भी शिक्षा निदेशालय को शिकायतें मिली थीं। निरीक्षण के दौरान, ऐसे 20 ऐसे निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की पहचान भी की गई जिनके खिलाफ डीएसईएआर 1973 के अनुसार सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शिक्षा निदेशालय ने दोहराया है कि सभी निजी मान्यता प्राप्त गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को फीस वृद्धि से संबंधित वैधानिक नियमों का पालन करना चाहिए और अभिभावकों के साथ शुल्क संबंधी संचार में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए।