दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार दृष्टिबाधित छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अहम योजना पर काम कर रही है। गुरुवार को समाज कल्याण मंत्री रविंदर इंद्राज सिंह ने बताया कि दिल्ली सरकार राजधानी के हर जिले में दृष्टिबाधित छात्राओं के लिए हॉस्टल स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। रविंदर इंद्राज ने यह जानकारी नजफगढ़ के ईसापुर गांव में स्थित दिल्ली सरकार के वरिष्ठ माध्यमिक आवासीय विद्यालय, कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के निरीक्षण के दौरान दी।
पिछली सरकारों में बंद हुए छात्रावास- इंद्राज सिंह
इस दौरान उन्होंने अधिकारियों और स्थानीय निवासियों के साथ छात्रों के लिए विभिन्न शैक्षिक और आवासीय कल्याण योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। इंद्राज सिंह ने बताया कि पिछली सरकार की लापरवाही के कारण दिल्ली भर में स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए कई छात्रावास बंद कर दिए गए थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों में अनियमितताएं सामने आई हैं।
‘सरकार का ध्यान समाज के वंचित वर्ग के लिए काम करने पर’
मंत्री जी ने इस दौरान कहा कि दिल्ली की वर्तमान सरकार का ध्यान समाज के वंचित वर्गों के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित आवासीय वातावरण सुनिश्चित करने पर है। उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बंद छात्रावासों को फिर से खोलने और नए छात्रावास बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। मंत्री ने आगे कहा कि सेवा पखवाड़े के दौरान तिमारपुर में दृष्टिबाधित कॉलेज छात्राओं के लिए एक छात्रावास का उद्घाटन किया गया है।
संस्कार आश्रम को फिर से खोलेगी सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रम को फिर से खोलने और दिल्ली के प्रत्येक जिले में एक छात्रावास स्थापित करने की भी योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि ईसापुर आवासीय विद्यालय अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और अनाथ छात्रों के लिए स्थापित किया गया था, जहां मुफ्त आवास, भोजन, वर्दी, स्टेशनरी और चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती थीं। इसमें कहा गया है कि स्कूल छात्रों के समग्र विकास के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और खेल सुविधाएं भी प्रदान करता है।
