Thank You Coronavirus Helpers Google Doodle: गूगल के डूडल की खास पहचान है क्योंकि वह हर किसी बड़े इवेंट पर कुछ न कुछ बनाता है। आज भी गूगल ने खास डूडल बनाया है। आज का डूडल उन योद्धाओं को समर्पित है जो कि कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ रहे हैं। मतलब कोरोना वॉरियर्स को गूगल ने आज डूडल के माध्यम से धन्यवाद बोला है। जब आप गूगल खोलेंगे तो आपको Google एक नए अंदाज में लिखा दिखाई देगा। Google में पहले G के पैर लगे हैं। दूसरे वाले O के ऊपर लाल रंग का दिल बना है। इसके अलावा आखिर में e को तो पूरा ही बदल दिया है। इसके माध्यम से गूगल ने लिखा है To all doctors, nurses, and medical workers, thank you. जैसे ही आप गूगल पर क्लिक करेंगे तो गूगल सर्च बार में thank you coronavirus helpers लिखा हुआ एक नया पेज खुल जाएगा।
नए पेज पर आपको कोरोना वायरस से जुड़ी खबरें और लेटेस्ट अपडेट्स मिल जाएंगे। आपको बता दें कि कोरोना वायरस से दुनिया भर में महामारी फैली हुई है। दुनियाभर में इससे संक्रमित होने वालों की संख्या करीब 18.5 लाख पहुंच गई है। वहीं करीब 4.2 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या भी 1.14 लाख से ज्यादा है। अगर भारत ही बात करें तो देश में 8,447 मामले सामने आए हैं। इनमें से 765 लोग ठीक हो चुके हैं और 273 लोगों की मौत हो चुकी है।
Coronavirus से जुड़ी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: कोरोना वायरस से बचना है तो इन 5 फूड्स से तुरंत कर लें तौबा | जानिये- किसे मास्क लगाने की जरूरत नहीं और किसे लगाना ही चाहिए |इन तरीकों से संक्रमण से बचाएं | क्या गर्मी बढ़ते ही खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस?
इस बीच, सरकार के प्रवक्ता केएस धतवालिया ने बताया कि मंत्रिसमूह ने अपने पास पर्याप्त भंडार के बाद 13 देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की गोलियां जारी करने के लिए मंजूरी दे दी है। भारत के पास तीन करोड़ से ज्यादा इस दवा की गोलियां हैं, जबकि जरूरत फिलहाल एक करोड़ की ही है।
20 हजार रेल बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जा रहा है जिसमें से पहले फेज में पांच हजार बोगियों में वार्ड तैयार हो चुके हैं। यहां डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ इत्यादि तैनात होंगे।
भेल, हेल और इंडियन ऑर्डनेंस फैक्टरी ने अब तक 10 अस्पतालों में 280 बिस्तरों का इंतजाम कर लिया है। हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड ने आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है जिसमें 90 बेड हैं। यहां आईसीयू केयर व्यवस्था भी है।
भारतीय सेना के 51 अस्पतालों को कोरोना विशेष के लिए तैयार किया है। कोलकाता, विशाखापट्टनम, कोच्चि, हैदराबाद, बैंग्लोर, कानपुर, जैसलमेर, गोरखपुर सहित कई जगहों पर 9 हजार बिस्तरों की व्यवस्था है। सात हजार बिस्तरों को स्टैंडबाई पर रखा है। अरुणाचल प्रदेश में आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) ने वॉटरप्रूफ 50 टेंट लगाए हैं।
किसी में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं लेकिन उसकी तबीयत काबू में है तो उसे कोविड हेल्थ सेंटर में रखा जा रहा है। गंभीर मरीजों के लिए कोविड अस्पताल हैं। इन तीनों के लिए एंबुलेंस सेवा उपलब्ध है जिससे मरीज के मौजूदा लक्षणों में बदलाव होने पर उसे संबंधित अस्पताल या सेंटर भेजा जा सके।
कोरोना वायरस का इलाज करने वाले कोविड अस्पतालों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संक्रमण नियंत्रण से लेकर वेंटिलेटर प्रबंधन तक के बारे में दिल्ली एम्स के डॉक्टर ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना वायरस का असर मरीजों में तीन तरह से देखने को मिल रहा है। माइल्ड, मॉडेरेट और क्रिटिकल। इन तीनों ही तरह के मरीजों के लिए अलग अलग तरह के अस्पतालों की व्यवस्था है। अगर किसी व्यक्ति में कोरोना का असर हल्का है तो उसे कोविड केयर सेंटर में रखा जा रहा है।
इस वायरस के फैलने की शुरुआत चीन के हुबेई प्रान्त से हुई थी, मगर दुनिया के कई देश संक्रमितों की गिनती के मामले में चीन से आगे निकल चुके हैं। अमेरिका, इटली और स्पेन के बाद अब UK ने भी संक्रमितों की गिनती में चीन को पीछे छोड़ दिया है। बता दें कि दुनियाभर में 1 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं।
औसतन 16 हजार से ज्यादा टेस्ट रोजाना किए जा रहे हैं जिसमें से औसतन 584 पॉजिटिव केस मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक 40 से ज्यादा टीकों के विकास पर काम चल रहा है, मगर अभी तक इनमें से कोई भी अगले चरण तक नहीं पहुंच पाया।
आईसीएमआर के मुताबिक देश में 129 जांच सुविधा केंद्र है। रविवार दोपहर 1,86,906 नमूने जांचे गए, जिनमें से टेस्ट किए गए जिनमें से 7,953 यानी 4.3 प्रतिशत पॉजिटिव केस मिले।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। हम तैयारियों के मामले में इस खतरनाक वायरस से एक कदम आगे चल रहे हैं। आप सभी इसमें सहयोग करें। देश हर स्थिति से लड़ने के लिए तैयार है। इस लड़ाई में सरकार और निजी क्षेत्र भी शामिल हैं। मगर, सबसे अहम है आम लोगों का सहयोग। यह बेहद जरूरी है कि हम सामाजिक दूरी का पालन करें।
देश में कोरोना के 80 फीसदी से ज्यादा मरीज ऐसे हैं जिनमें अभी वायरस के संक्रमण का मामूली असर देखने को मिल रहा है। तकरीबन 20 फीसदी (1689) मरीजों को ही अस्पताल में दाखिले की जरूरत महसूस हो रही है, जबकि देश में 601 कोविड अस्पतालों में 1.05 लाख बेड उपलब्ध हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक पोर्टल शुरू किया है ताकि इसके विभिन्न विभागों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों और खासकर कोविड-19 से जुड़़ी पहलों की निगरानी की जा सके और उन्हें रिकॉर्ड किया जा सके।
ज्यादातर कंपनियों ने अपने एंप्लॉयीज से घर पर ही रहकर काम करने के लिए कह रखा है। इस दौरान फ्लाइट, रेलवे जैसी सभी जरूरी सेवाओं को भी बंद कर रखा है, जिससे यह संक्रमण एक राज्य से दूसरे राज्य में न फैले। यह ऐसा वायरस है जो एक शख्स से दूसके शख्स को छूने से फैलता है। ऐसे में हेल्थ वर्कर्स लगातार मरीज़ों के संपर्क में रहते हुए उनका इलाज करते हैं जिसके लिए उनका शुक्रगुज़ार होना जरूरी है।
अपने डूडल के माध्यम से गूगल इस इस अंदाज में हेल्थ प्रोफेश्नल्स को थैंक्यू कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 14 अप्रैल को सुबह 10 बजे देश के नाम संबोधन करने वाले हैं। उम्मीद की जा रही है कि कल के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ाने को लेकर फैसला ले सकते हैं।
लॉकडाउन के समय सरकार लोगों से घर पर रहने की अपील कर रही है। सरकार ने जरूरी सेवाओं में काम करने वाले लोगों को ही बाहर निकलने की इजाजज दे रखी है। आपको बता दें कि दुनियाभर में लाखों लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि कई लाख लोग इस बीमारी के संक्रमण में है। भारत में संक्रमितों की बढ़ती गिनती हो देखते हुए लॉकडाउन को और आगे बढ़ाया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्रोत के आधार पर तैयार आंकड़ों के मूल्यांकन के मुताबिक 7000 केस पर 23 देशों की सूची में मौतों के मामले में भारत 10 ऐसे देशों में है जहां जान गंवाने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है।
भारत में जब कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 7000 था तो मौतों की संख्या 249 थी, जबकि जब जर्मनी में 7000 केस थे तो उस वक्त वहां मात्र 13 लोगों की मौत हुई थी, दक्षिण कोरिया में ये आंकड़ा 54 था, अमेरिका में तब मात्र 100 लोगों की मौत हुई थी, चीन में 170 लोगों ने जान गंवाई थी। फ्रांस में 7000 केस पर मौत का आंकड़ा 175 था और ईरान में यह 237 था।
हॉटस्पॉट वाले इलाकों में सभी राज्य होम डिलिवरी सुनिश्चित कराएं। वर्क फ्रॉम होम हो रहा है। ऑनलाइन लेनदेन भी हो रहा है। गृह मंत्रालय ‘साइबर दोस्त’ के जरिए आपको उपयोगी राय दे रहा है। साइबर दोस्त ट्विटर हैंडल को फॉलो करें। cybercrime.gov.in पर साइबर अपराध दर्ज करा सकते हैं।
गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा, अंतरराज्यीय और राज्य के भीतर परिवहन के जरिए वस्तुओं को ले जाने पर कोई रोक नहीं है। गोदाम में भंडार कर सकते हैं। राज्य प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि जरूरी वस्तुएं बनाने वाले मजदूरों को सुचारु रूप से पास मिले जिससे इन यूनिटों में बाधा न आए।
इस बीच, सरकार के प्रवक्ता केएस धतवालिया ने बताया कि मंत्रिसमूह ने अपने पास पर्याप्त भंडार के बाद 13 देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की गोलियां जारी करने के लिए मंजूरी दे दी है। भारत के पास तीन करोड़ से ज्यादा इस दवा की गोलियां हैं, जबकि जरूरत फिलहाल एक करोड़ की ही है।
इस बीच, सरकार के प्रवक्ता केएस धतवालिया ने बताया कि मंत्रिसमूह ने अपने पास पर्याप्त भंडार के बाद 13 देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की गोलियां जारी करने के लिए मंजूरी दे दी है। भारत के पास तीन करोड़ से ज्यादा इस दवा की गोलियां हैं, जबकि जरूरत फिलहाल एक करोड़ की ही है।
20 हजार रेल बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जा रहा है जिसमें से पहले फेज में पांच हजार बोगियों में वार्ड तैयार हो चुके हैं। यहां डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ इत्यादि तैनात होंगे।
भेल, हेल और इंडियन ऑर्डनेंस फैक्टरी ने अब तक 10 अस्पतालों में 280 बिस्तरों का इंतजाम कर लिया है। हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड ने आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है जिसमें 90 बेड हैं। यहां आईसीयू केयर व्यवस्था भी है।
भारतीय सेना के 51 अस्पतालों को कोरोना विशेष के लिए तैयार किया है। कोलकाता, विशाखापट्टनम, कोच्चि, हैदराबाद, बैंग्लोर, कानपुर, जैसलमेर, गोरखपुर सहित कई जगहों पर 9 हजार बिस्तरों की व्यवस्था है। सात हजार बिस्तरों को स्टैंडबाई पर रखा है। अरुणाचल प्रदेश में आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) ने वॉटरप्रूफ 50 टेंट लगाए हैं।
किसी में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं लेकिन उसकी तबीयत काबू में है तो उसे कोविड हेल्थ सेंटर में रखा जा रहा है। गंभीर मरीजों के लिए कोविड अस्पताल हैं। इन तीनों के लिए एंबुलेंस सेवा उपलब्ध है जिससे मरीज के मौजूदा लक्षणों में बदलाव होने पर उसे संबंधित अस्पताल या सेंटर भेजा जा सके।
कोरोना वायरस का इलाज करने वाले कोविड अस्पतालों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संक्रमण नियंत्रण से लेकर वेंटिलेटर प्रबंधन तक के बारे में दिल्ली एम्स के डॉक्टर ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना वायरस का असर मरीजों में तीन तरह से देखने को मिल रहा है। माइल्ड, मॉडेरेट और क्रिटिकल। इन तीनों ही तरह के मरीजों के लिए अलग अलग तरह के अस्पतालों की व्यवस्था है। अगर किसी व्यक्ति में कोरोना का असर हल्का है तो उसे कोविड केयर सेंटर में रखा जा रहा है।
औसत रूप से 16 हजार से ज्यादा टेस्ट रोजाना किए जा रहे हैं जिसमें से औसतन 584 पॉजिटिव केस मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक 40 से ज्यादा टीकों के विकास पर काम चल रहा है, मगर अभी तक इनमें से कोई भी अगले चरण तक नहीं पहुंच पाया।
आईसीएमआर के मुताबिक देश में 129 जांच सुविधा केंद्र है। रविवार दोपहर 1,86,906 नमूने जांचे गए, जिनमें से टेस्ट किए गए जिनमें से 7,953 यानी 4.3 प्रतिशत पॉजिटिव केस मिले।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। हम तैयारियों के मामले में इस खतरनाक वायरस से एक कदम आगे चल रहे हैं। आप सभी इसमें सहयोग करें। देश हर स्थिति से लड़ने के लिए तैयार है। इस लड़ाई में सरकार और निजी क्षेत्र भी शामिल हैं। मगर, सबसे अहम है आम लोगों का सहयोग। यह बेहद जरूरी है कि हम सामाजिक दूरी का पालन करें।
देश में कोरोना के 80 फीसदी से ज्यादा मरीज ऐसे हैं जिनमें अभी वायरस के संक्रमण का मामूली असर देखने को मिल रहा है। तकरीबन 20 फीसदी (1689) मरीजों को ही अस्पताल में दाखिले की जरूरत महसूस हो रही है, जबकि देश में 601 कोविड अस्पतालों में 1.05 लाख बेड उपलब्ध हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक पोर्टल शुरू किया है ताकि इसके विभिन्न विभागों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों और खासकर कोविड-19 से जुड़़ी पहलों की निगरानी की जा सके और उन्हें रिकॉर्ड किया जा सके।
ज्यादातर कंपनियों ने अपने एंप्लॉयीज से घर पर ही रहकर काम करने के लिए कह रखा है। इस दौरान फ्लाइट, रेलवे जैसी सभी जरूरी सेवाओं को भी बंद कर रखा है, जिससे यह संक्रमण एक राज्य से दूसरे राज्य में न फैले। यह ऐसा वायरस है जो एक शख्स से दूसके शख्स को छूने से फैलता है।
लॉकडाउन के समय सरकार लोगों से घर पर रहने की अपील कर रही है। सरकार ने जरूरी सेवाओं में काम करने वाले लोगों को ही बाहर निकलने की इजाजज दे रखी है। आपको बता दें कि दुनियाभर में लाखों लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि कई लाख लोग इस बीमारी के संक्रमण में है।
COVID-19 का मामला सबसे पहले मध्य चीनी शहर वुहान से सामने आया था जो संक्रामक वायरस का केंद्र बन गया था। हालांकि, अमेरिका में मामलों की बढ़ती संख्या के साथ सेंटर अब शिफ्ट हो गया है।
25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने से पूर्व की संख्या देश में 606 थी तथा 25 मार्च को इसमें 17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। 12 अप्रैल को कोरोना मरीजों की संख्या 8,447 तक पहुंच गई है लेकिन दैनिक वृद्धि दर 17 फीसदी से घटकर 12.4% की करीब है।
इस बार का डूडल उन डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए है जो अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों को कोरोना से बचाने में लगे हुए हैं। इस डूडल में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को उनके इस काम के लिए धन्यवाद किया गया है।