केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पेपर लीक के आरोपों पर अपना स्पष्टीकरण दिया है। सोमवार को बोर्ड की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पेपर लीक के सभी दावे निराधार हैं। बोर्ड की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जो लोग सोशल मीडिया पर पेपर लीक की अफवाह फैला रहे हैं उन्हें चेतावनी दी गई है कि सोशल मीडिया पर इस तरह की भ्रांतियां ना फैलाएं। बता दें कि सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा था कि बोर्ड एग्जाम के पेपर सेंटर से पहले लीक किए जा रहे हैं।

क्या कहा है बोर्ड ने?

बोर्ड की ओर से जारी एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया है, ‘बोर्ड के संज्ञान में आया है कि कुछ असमाजिक तत्व यूट्यूब, फेसबुक, ‘एक्स’ के माध्यम से पेपर लीक होने या 2025 की परीक्षा के पेपर्स को लेकर गलत जानकारी शेयर कर रहे हैं। बोर्ड यह स्पष्ट करना चाहता है कि ऐसे सभी दावे निराधार है इनका उद्देश्य सिर्फ छात्रों और अभिभावकों के बीच अनावश्यक दहशत पैदा करना है।” बता दें कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हो गई हैं जो कि 4 अप्रैल तक चलेंगी।

BPSC Exam Row: री-एग्जाम की मांग के साथ फिर सड़कों पर छात्र, खान सर बोले- हम दोबारा परीक्षा करवा कर रहेंगे

लीगल एक्शन लिया जाएगा ऐसे लोगों के खिलाफ- बोर्ड

बोर्ड ने इस स्पष्टीकरण के साथ-साथ अफवाह फैलाने वालों को सख्त हिदायत भी दी है। बोर्ड ने कहा है कि सोशल मीडिया या फिर किसी भी माध्यम से पेपर लीक को लेकर जो भी तत्व ऐसी फर्जी जानकारी फैलाएंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है। गलत सूचना फैलाने का दोषी पाए जाने वाले किसी भी छात्र या व्यक्ति को सीबीएसई के अनुचित साधनों (यूएफएम) विनियमों के तहत दंडित किया जाएगा।

छात्रों और शिक्षकों के लिए बोर्ड की सलाह

बोर्ड ने छात्रों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है। बोर्ड ने गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों से केवल आधिकारिक सीबीएसई वेबसाइट पर भरोसा करने का आग्रह किया है। बोर्ड ने अभिभावकों से यह भी अनुरोध किया है कि वे अपने बच्चों को सही और गलत जानकारी के बीच अंतर समझने में उनकी मदद करें।