केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने फिर से स्कूलों को 9वीं और 11वीं में फेल हुए छात्रों की जानकारी देने के लिए सूचित किया है। CBSE) ने सूचित किया है कि कक्षा 9 और 11 के छात्र जो अपनी परीक्षा में असफल हो गए थे, उन्हें फिर से परीक्षा में बैठने और अपने अंतिम अंकों में सुधार करने का अवसर मिलेगा। यह अधिसूचना शुरू में 13 मई को जारी की गई थी।
ICSE, ISC Board Marking Scheme 2020: Click Here to Know
सीबीएसई द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, बहुत सारे स्कूल बोर्ड द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं और फेल हुए कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों को दोबारा परीक्षा में बैठने और अपने अंतिम अंकों में सुधार करने का अवसर नहीं दे रहे हैं। वहीं, सीबीएसई बोर्ड अब COVID-19 के मद्देनजर मौजूदा हालात और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद, 10वीं और 12वीं के परिणाम बिना परीक्षा के मूल्यांकन योजना के तहत घोषित करने की तैयारी कर रहा है। छात्रों को अब उनके बेस्ट परफॉर्मिंग विषयों में मिले मार्क्स के एवरेज के आधार पर बचे विषयों में नंबर दिए जाएंगे।
CBSE 10th, 12th Result 2020 Date and Time: Check here
CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी कर सकता है। CBSE ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा रद्द करने और वैकल्पिक अंक का फार्मूला जारी कर दिया है। रिजल्ट, बेस्ट ऑफ 3 या बेस्ट ऑफ 2 परीक्षा परीणामों के आधार पर तैयार किए जाएंगे। बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक- जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं और बेस्ट ऑफ 2 का औसत, जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं उनके अंक और आंतरिक मूल्यांकन/प्रैक्टिकल का औसत होगा। वहीं बोर्ड 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए पाठ्यक्रम में 33% की कमी कर सकता है। पेपर पैटर्न भी संशोधित होने की उम्मीद है। इसके अलावा COVID19 के प्रकोप से होने वाले पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए सिलेबस में कटौती की घोषणा की गई।


CBSE मूल्यांकन मानदंड 2020 के अनुसार, जो छात्र तीन से अधिक पेपरों के लिए उपस्थित हुए हैं, उन्हें शेष पेपरों के लिए बेस्ट ऑफ थ्री 'के आधार पर चिह्नित किया जाएगा।
बोर्ड द्वारा 25 मई को जारी किए गए सीबीएसई इवैल्यूएशन क्राइटेरिया 2020 के अनुसार तीन पेपरों में उपस्थित हुए छात्रों को सर्वश्रेष्ठ में से दो पेपरों के औसत के आधार पर स्कोर किया जाएगा।
बोर्ड द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, परिणाम कभी भी 15 जुलाई तक जारी किए जाएंगे। जाहिर तौर पर जुलाई के दूसरे सप्ताह में परिणाम किसी भी समय आ सकते हैं। हालांकि अभी बोर्ड ने आधिकारिक तौर पर दिन और समय का ऐलान नहीं किया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, CBSE ने कहा था कि कक्षा 12 बोर्ड के परिणाम 2020 जुलाई 15, 2020 तक जारी किए जाएंगे। CBSE मामले में याचिकाकर्ता के वकील सवाल किया कि 12वीं के बच्चों को दोबारा परीक्षा का मौका कब मिलेगा, इसे भी स्पष्ट किया जाए। हालाांकि इस बिंदु पर अभी स्पष्टता नहीं दी गई है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई से उम्मीद है कि कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए विभिन्न स्कूलों के साथ एक कम पाठ्यक्रम शेयर किया जाएगा। नया सिलेबस, अधिकारियों ने शेयर किया है, जो लगभग तैयार है और जल्द ही संबंधित स्कूलों के साथ को भेजा जाएगा।
यदि CBSE द्वारा यह निर्णय अमल में लाया जाता है, तो इसका मतलब यह होगा कि अगले साल होने वाली बोर्ड परीक्षा उन विषयों और टॉपिक्स पर छात्रों का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा, जिन्हें उन्होंने सेल्फ स्टडी, असाइनमेंट और प्रोजेक्ट्स के माध्यम से कवर किया है। NCERT के सूत्रों के अनुसार, दस्तावेज के मसौदे पर अभी भी चर्चा चल रही है और इसमें और बदलाव हो सकते हैं।
CBSE ने स्कूलों को सलाह दी है कि वे पाठ्यक्रम में बदलाव न करें ताकि छात्रों के सीखने के स्तर के आकलन पर प्रभाव न पड़े। बोर्ड ने जारी नोटिफिकेशन में कहा, “यह देखा गया है कि पाठ्यक्रम के कोई भी बदलाव छात्र के सीखने के स्तर के मूल्यांकन और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को गंभीरता से प्रभावित कर सकता है। कृपया ध्यान दें कि मूल्यांकन वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए दिए गए पाठ्यक्रम के अनुसार ही किया जाएगा।”
आरोग्य सेतु एप सभी छात्रों, स्कूलों के फैकल्टी मेंबर्स और टीचर्स के साथ-साथ इन सभी के फैमिली मेंबर्स के लिए कोविड -19 से लड़ने में सहायक साबित होगा। आरोग्य सेतु एप को आईओएस और एंड्रॉयड प्लेटफॉर्मों पर लांच किया गया है और जिसे आईओएस एप-स्टोर या प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। ऐप्प डाउनलोड के लिए लिंक सीबीएसई के नोटिस में भी दिया गया है।
अफवाहों से गुमराह होने से बचने के लिए, सभी छात्रों और अभिभावकों को सूचित किया जाता है कि वे केवल बोर्ड द्वारा आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें जो बोर्ड की वेबसाइट पर किए गए हैं। सभी राज्य बोर्ड ने गलत खबर फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतवानी दी है। छात्र केवल आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी पर ही भरोसा करें।
CBSE ने स्कूलों को सलाह दी है कि वे पाठ्यक्रम में बदलाव न करें ताकि छात्रों के सीखने के स्तर के आकलन पर प्रभाव न पड़े। बोर्ड ने जारी नोटिफिकेशन में कहा, “यह देखा गया है कि पाठ्यक्रम के कोई भी बदलाव छात्र के सीखने के स्तर के मूल्यांकन और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को गंभीरता से प्रभावित कर सकता है। कृपया ध्यान दें कि मूल्यांकन वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए दिए गए पाठ्यक्रम के अनुसार ही किया जाएगा।”
सीबीएसई बोर्ड ने छात्रों, अभिभावकों और मीडिया को भी इस नोटिफिकेशन के जरिए सूचित किया है कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें और बोर्ड के आधिकारिक हैंडल पर आधिकारिक घोषणाओं की जांच करें।
जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक- जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 2 का औसत- जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं- उनके अंक और आंतरिक मूल्यांकन/प्रैक्टिकल का औसत।
COVID-19 महामारी के मद्देनजर काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) बोर्ड ने अगले शैक्षणिक वर्ष में पाठ्यक्रम में 25 प्रतिशत की कमी करने का फैसला किया है।
10वीं कक्षा के छात्रों का रिजल्ट, आंतरिक मूल्यांकन और विषय (सर्वश्रेष्ठ तीन पेपरों) के प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के आधार तैयार किया जाएगा। वहीं 12वीं के छात्रों का रिजल्ट, सबजेक्ट प्रोजेक्ट और प्रैक्टिकल वर्क के आधार पर तैयार किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि छात्रों को उन विषयों में से औसतन तीन प्रतिशत अंक प्राप्त होंगे जिनके लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित की गई है।
सीबीएसई बोर्ड की तरह CISCE भी बेस्ट ऑफ थ्री मूल्यांक योजना का इस्तेमाल करेगा। CISCE द्वारा जारी की गई मूल्यांकन योजना के मुताबिक, छात्रों के रिजल्ट बेस्ट ऑफ थ्री पेपरों के औसत के आधार पर तैयार किया जाएगा।
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेशन एग्जामिनेशन (CISCE) ने ISC और ICSE या कक्षा 12वीं और 10वीं की परीक्षा के लिए मार्किगं योजना जारी की है। केंद्रीय शिक्षा बोर्ड का दावा है कि यह फॉर्मूला देश भर के बड़े संस्थानों के विशेषज्ञों (reputed statisticians) द्वारा तैयार किया गया है।
COVID19 के प्रकोप से होने वाले पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए सिलेबस में कटौती की घोषणा की गई। CISCE अगले साल ICSE & ISC बोर्ड परीक्षा के सिलेबस को 25% कम करेगा।
अगर किसी छात्र ने केवल 3 विषयों की परीक्षा दी है तो उनमें से 2 विषय के नंबरों का औसत निकाला जाएगा, जिनमें सबसे अच्छे नंबर आए हैं।
अगर कोई छात्र 3 से अधिक परीक्षाओं के लिए उपस्थित हुआ है, तो अन्य विषयों में सर्वश्रेष्ठ तीन विषयों के औसत अंक दिए जाएंगे और सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं परिणाम 2020 को घोषित किया जाएगा।
लगभग 30 लाख छात्र सीबीएसई परिणाम 2020 की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जल्द ही, वे अपने रोल नंबर, एडमिट कार्ड आईडी और अन्य क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके cbse.nic.in परिणाम 2020 10वीं और 12वीं देख सकेंगे।
इसके अलावा, छात्र सीबीएसई बोर्ड परिणाम 2020 की जांच के लिए Google खोज इंजन, एसएमएस सेवा, आईवीआरएस सुविधा, एसएमएस आयोजक ऐप और अन्य तरीकों का उपयोग कर सकते हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 10 वीं और 12 वीं कक्षा के लिए सीबीएसई परिणाम 2020 की तारीख की घोषणा की है। बोर्ड परीक्षा रद्द होने के कारण कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणाम 2020 आधिकारिक वेबसाइट cbse.nic.in पर 5 जुलाई, 2020 तक जारी करने का फैसला लिया है।
सीबीएसई बोर्ड आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर जल्द ही 10वीं और 12वीं का परिणाम घोषित करेगा। परिणाम पिछली तीन स्कूली परीक्षाओं के आधार तैयार किया जाएगा। जो छात्र अपने परिणामों से असंतुष्ट होंगे उन्हें बोर्ड अपने अंक सुधारने का मौका देगा।
CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी कर देगा। CBSE मामले में याचिकाकर्ता के वकील सवाल किया कि 12वीं के बच्चों को दोबारा परीक्षा का मौका कब मिलेगा, इसे भी स्पष्ट किया जाए। हालाांकि इस बिंदु पर अभी स्पष्टता नहीं दी गई है।
जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक- जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 2 का औसत- जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं- उनके अंक और आंतरिक मूल्यांकन/प्रैक्टिकल का औसत।
लॉकडाउन के दौरान शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, लेकिन सीबीएसई बोर्ड समेत अन्य कई बोर्ड ने इससे निपटने के लिए ई-लर्निंग का तरीका निकाला है। ई-लर्निंग के जरिए छात्र अपने घरों में रहकर भी आगे की पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
सीबीएसई के सूत्रों ने बताया कि 10वीं और 12वीं के छात्र जिन्होंने परीक्षा पूरी कर ली है, उनका सामान्य रूप से मूल्यांकन किया जाएगा. जिन छात्रों ने 3 से अधिक पेपर दिए हैं, शेष पेपर के लिए सर्वश्रेष्ठ 3 विषयों के औसत से नंबर को जोड़ा जाएगा. जिन लोगों ने 3 पेपर दिए हैं, शेष परीक्षाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ 2 विषयों के औसत से नंबरों को जोड़ा जाएगा.
इसी तरह जिन छात्रों ने 1 या 2 पेपर दिए हैं, उनके रिजल्ट बोर्ड परफॉर्मेंस और इंटर्नल प्रोजेक्ट असेसमेंट पर होंगे. सीबीएसई की ओर से 15 जुलाई तक रिजल्ट घोषित किए जाएंगे. 12वीं क्लास के बच्चों के लिए वैकल्पिक बोर्ड परीक्षा में बैठने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वह अपना परफॉर्मेंस सुधार लें.
उम्मीद की जा रही है कि 10वीं औऱ 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए पाठ्यक्रम में 33% की कमी की जा सकती है। पेपर पैटर्न भी संशोधित होने की उम्मीद है।
यदि CBSE द्वारा यह निर्णय अमल में लाया जाता है, तो इसका मतलब यह होगा कि अगले साल होने वाली बोर्ड परीक्षा उन विषयों और टॉपिक्स पर छात्रों का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा, जिन्हें उन्होंने सेल्फ स्टडी, असाइनमेंट और प्रोजेक्ट्स के माध्यम से कवर किया है। NCERT के सूत्रों के अनुसार, दस्तावेज के मसौदे पर अभी भी चर्चा चल रही है और इसमें और बदलाव हो सकते हैं।
अफवाहों से गुमराह होने से बचने के लिए, सभी छात्रों और अभिभावकों को सूचित किया जाता है कि वे केवल बोर्ड द्वारा आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें जो बोर्ड की वेबसाइट पर किए गए हैं। सभी राज्य बोर्ड ने गलत खबर फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतवानी दी है। छात्र केवल आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी पर ही भरोसा करें।
CBSE ने स्कूलों को सलाह दी है कि वे पाठ्यक्रम में बदलाव न करें ताकि छात्रों के सीखने के स्तर के आकलन पर प्रभाव न पड़े। बोर्ड ने जारी नोटिफिकेशन में कहा, “यह देखा गया है कि पाठ्यक्रम के कोई भी बदलाव छात्र के सीखने के स्तर के मूल्यांकन और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को गंभीरता से प्रभावित कर सकता है। कृपया ध्यान दें कि मूल्यांकन वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए दिए गए पाठ्यक्रम के अनुसार ही किया जाएगा।”
अनुमान लगाया जा रहा है कि सीबीएसई यह सिलेबस ट्रिम करने के लिए चुन सकता है, क्योंकि लॉकडाउन आसान होने के बाद बोर्ड पहले ही नए शैक्षणिक सत्र में आ जाएगा। नए सत्र के अकादमिक कैलेंडर को बनाए रखने और वर्तमान शैक्षणिक सत्र की गतिविधियों के साथ आने के लिए, बोर्ड पाठ्यक्रम को छोटा कर सकता है; लेकिन बोर्ड को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
आरोग्य सेतु एप सभी छात्रों, स्कूलों के फैकल्टी मेंबर्स और टीचर्स के साथ-साथ इन सभी के फैमिली मेंबर्स के लिए कोविड -19 से लड़ने में सहायक साबित होगा। आरोग्य सेतु एप को आईओएस और एंड्रॉयड प्लेटफॉर्मों पर लांच किया गया है और जिसे आईओएस एप-स्टोर या प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। ऐप्प डाउनलोड के लिए लिंक सीबीएसई के नोटिस में भी दिया गया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए शैक्षणिक वर्ष 2021 से एक वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में एक नया विषय ‘Applied Mathematics’ लाने जा रहा है।
अफवाहों से गुमराह होने से बचने के लिए, सभी छात्रों और अभिभावकों को सूचित किया जाता है कि वे केवल बोर्ड द्वारा आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें जो बोर्ड की वेबसाइट पर किए गए हैं। सभी राज्य बोर्ड ने गलत खबर फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतवानी दी है। छात्र केवल आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी पर ही भरोसा करें।
CBSE ने स्कूलों को सलाह दी है कि वे पाठ्यक्रम में बदलाव न करें ताकि छात्रों के सीखने के स्तर के आकलन पर प्रभाव न पड़े। बोर्ड ने जारी नोटिफिकेशन में कहा, “यह देखा गया है कि पाठ्यक्रम के कोई भी बदलाव छात्र के सीखने के स्तर के मूल्यांकन और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को गंभीरता से प्रभावित कर सकता है। कृपया ध्यान दें कि मूल्यांकन वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए दिए गए पाठ्यक्रम के अनुसार ही किया जाएगा।”
सीबीएसई बोर्ड ने छात्रों, अभिभावकों और मीडिया को भी इस नोटिफिकेशन के जरिए सूचित किया है कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें और बोर्ड के आधिकारिक हैंडल पर आधिकारिक घोषणाओं की जांच करें।
जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक- जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 2 का औसत- जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं- उनके अंक और आंतरिक मूल्यांकन/प्रैक्टिकल का औसत।
ओडिशा कैडर के 1990 बैच के IAS मनोज आहूजा को CBSE के नए चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने IAS अनीता करवाल की जगह ली। इससे पहले, वह लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में विशेष निदेशक थे।