सीबीएसई बोर्ड के 10वीं और 12वीं में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को कंपार्टमेंट एग्जाम देना है। हालांकि अभी तक एग्जाम्स की तारीखों को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई है। कोरोनावायरस संक्रमण के मद्देनजर बोर्ड ने 10वीं-12वीं की बची हुईं बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी थीं। इसलिए अब कंपार्टमेंट को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इस संबंध में बोर्ड का स्पष्टीकरण भी आ गया है। बोर्ड ने कहा है कि ‘हमारे पास इस साल 10वीं व 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षाएं रद्द करने को लेकर कई रिक्वेस्ट आई हैं। लेकिन अगर बोर्ड कंपार्टमेंट परीक्षा रद्द करता है, तो कई छात्र-छात्राओं के भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि ये 10वीं व 12वीं बोर्ड की बात है। इसलिए सीबीएसई ने फैसला किया है कि कंपार्टमेंट परीक्षाएं रद्द नहीं किए जा सकते।’ वहीं बिहार बोर्ड ने हाल ही में कोरोनावायरस के चलते कंपार्टमेंट एग्जाम के बिना 2 लाख से अधिक छात्रों को प्रमोट किया है।
CBSE Board Class 10th, 12th Compartment Exam 2020 Live Update: Check Here
कंपार्टमेंट परीक्षा कंडक्ट कराने के संबंध में सीबीएसई का कहना है कि स्टूडेंट्स के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा और सभी गाइडलाइंस का प्रयोग करके ही परीक्षा कंडक्ट करायी जाएगी। होम मिनिस्ट्री द्वारा जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स (SOP) का पालन किया जाएगा ताकि स्टूडेंट्स को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। सीबीएसई ने परीक्षा कराने को लेकर बहुत से कारण दिए हैं. जैसे जेईई मेन, नीट-यूजी, जेईई एडवांस जैसी बड़ी परीक्षाओं के लिए बोर्ड रिजल्ट की जरूरत पड़ती है। इनके माध्यम से हायर एजुकेशन में एंट्री मिलती है। ऐसे में बोर्ड परीक्षाएं कराए बिना इन परीक्षाओं के लिए आवेदन सुलभ करना ठीक नहीं है।
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बता दें कि, दिल्ली सरकार के स्कूलों को भी मिलेगा अपने मनपसंद बोर्ड को चुनने का अधिकार। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को कहा कि, “अन्य राज्य बोर्डों में क्या होता है कि निजी स्कूल अपनी पसंद बनाने के लिए स्वतंत्र हैं, चाहे वे सीबीएसई, आईसीएसई या राज्य बोर्ड का चयन करना चाहते हैं, जबकि सरकारी स्कूल राज्य बोर्ड का पालन करते हैं। हमारे पास कोई थोपा नहीं जाएगा। यह वैकल्पिक होगा।’ उन्होंने कहा, “सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूल। हम बोर्ड को इतना समृद्ध और उपयोगी बनाना चाहते हैं कि इसकी मांग हो।”
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सीबीएसई ने अब "फेल" शब्द के स्थान पर “Essential Repeat” शब्द इस्तेमाल करने का फैसला किया है। एक जारी बयान में कहा गया था कि, रिजल्ट फेल घोषित हुए उम्मीदवारों को जारी किए गए दस्तावेजों और वेबसाइट पर होस्ट किए गए रिजल्ट में "फेल" शब्द के स्थान पर “Essential Repeat” लिखा दिखाई देगा।
इसे लेकर हजारों स्टूडेंट्स और पैरेंट्स के मन में सवाल हैं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बोर्ड ने 10वीं-12वीं की बची हुईं बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी थीं। इसलिए अब कंपार्टमेंट को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इस संबंध में बोर्ड का स्पष्टीकरण भी आ गया है।
नीति का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा के जरिये कार्यरूप लेगा जिसके लिये अधिक से अधिक सहभागिता वाले कदमों की जरूरत है।
सीबीएसई के निदेशक ने कहा कि प्रतिस्पर्धी शिक्षा और शिक्षण परिणाम के लिये जरूरी प्रशिक्षण सभी पक्षकारों की प्रगतिशील सहभागिता से हासिल की जा सकती है।
कम्पार्टमेंट परीक्षा आमतौर पर उन छात्रों के लिए आयोजित की जाती है जो एक या दो विषयों में फेल होते हैं। बिहार और तेलंगाना राज्य बोर्ड सहित कई बोर्डों ने महामारी के कारण कंपार्टमेंटल परीक्षा को रद्द कर दिया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के निदेशक ने शुक्रवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का मुख्य उद्देश्य नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (National Curriculum Framework) के जरिये कार्यरूप लेगा। नई नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सुधार का प्रस्ताव किया गया है।
सीबीएसई ने साफ कर दिया है कि कंपार्टमेंट परीक्षाएं जरूर ली जाएंगी। साथ ही ये भी कहा है कि ये परीक्षाएं कोविड-19 महामारी के हालात को समझते हुए एक निश्चित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के तहत आयोजित की जाएंगी। इसकी जानकारी बोर्ड अपनी वेबसाइट cbse.nic.in पर देगा।
सीबीएसई के टू-लेवल मैथ्स रूल के अनुसार, जो छात्र 11 और 12 क्लास में मैथमैटिक्स पढ़ना चाहते हैं उन्हें 10 मैथमैटिक्स स्टैंडर्ड लेना जरूरी होता है। दूसरे छत्र 10वीं में सामान्य गणित (बेसिक मैथ्स) लेते हैं। कठिनाई के स्तर पर दोनो पेपर अलग होते हैं। ऐसा नया सिद्धांत 2019 में शुरू किया गया है जिससे कि मैथ्स न पढ़ने के इच्छुक छात्रों को अनावश्यक मैथ्स का बोझ न हो।
इसमें स्कूली शिक्षा में सुधार, पांचवी कक्षा तक मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा, 3 या 4 वर्ष का स्नातक कोर्स चुनने का विकल्प, डिग्री कोर्स में बहु स्तरीय प्रवेश या निकासी की व्यवस्था, उच्च शिक्षा में एकल नियामक, फीस तय किये जाने सहित अनेकों सुधारों की बात कही गई है।
CBSE बोर्ड इस साल कंपार्टमेंट एग्जाम आयोजित करेगा या नहीं अभी नहीं कहा जा सकता है। बोर्ड जल्द ही कम्पार्टमेंट परीक्षा और वैकल्पिक परीक्षा के लिए शिड्यूल जारी करने या नहीं करने की जानकारी देगा। कम्पार्टमेंट एग्जाम की तारीखों का फैसला भारत सरकार के परामर्श से किया जाएगा।
सीबीएसई ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा, यदि कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, तो बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होगा।
प्रतिस्पर्धी शिक्षा और शिक्षण परिणाम के लिये जरूरी प्रशिक्षण के बारे में चर्चा हो सकती है लेकिन एक बार हमने निर्णय कर लिया तब हम इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। यह सभी पक्षकारों की प्रगतिशील सहभागिता से हासिल की जा सकती है। यह अग्रगामी नीति है।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय की एक याचिका का जवाब देते हुए, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कहा था कि रिजल्ट स्पेशल फॉर्मुले के आधार पर जारी किया जाएगा।
सीबीएसई ने 13 जुलाई को 12वीं और 15 जुलाई को 10वीं के नतीजे जारी किये। इस साल मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली को छोड़कर देशभर में 10वीं की परीक्षाएं ली गईं। जबकि 12वीं के कई अहम विषयों की परीक्षाएं देशभर में रद्द करनी पड़ीं।
सीबीएसई ने अब "फेल" शब्द के स्थान पर “Essential Repeat” शब्द इस्तेमाल करने का फैसला किया है। एक जारी बयान में कहा गया था कि, रिजल्ट फेल घोषित हुए उम्मीदवारों को जारी किए गए दस्तावेजों और वेबसाइट पर होस्ट किए गए रिजल्ट में "फेल" शब्द के स्थान पर “Essential Repeat” लिखा दिखाई देगा।
सीबीएसई ने साफ कर दिया है कि कंपार्टमेंट परीक्षाएं जरूर ली जाएंगी। साथ ही ये भी कहा है कि ये परीक्षाएं कोविड-19 महामारी के हालात को समझते हुए एक निश्चित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के तहत आयोजित की जाएंगी। इसकी जानकारी बोर्ड अपनी वेबसाइट cbse.nic.in पर देगा।
सीबीएसई ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा, यदि कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, तो बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए थे। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।
सीबीएसई ने अब "फेल" शब्द के स्थान पर “Essential Repeat” शब्द इस्तेमाल करने का फैसला किया है। एक जारी बयान में कहा गया था कि, रिजल्ट फेल घोषित हुए उम्मीदवारों को जारी किए गए दस्तावेजों और वेबसाइट पर होस्ट किए गए रिजल्ट में "फेल" शब्द के स्थान पर “Essential Repeat” लिखा दिखाई देगा।
बोर्ड ने यह भी कहा कि वे स्टूडेंट्स जो अपने इंटर्नल एसेसमेंट के रिजल्ट्स से संतुष्ट नहीं हैं वे बाद में होने वाले फिजिकल टेस्ट को देकर अपने अंक सुधारने का प्रयास कर सकते हैं।
कम्पार्टमेंट परीक्षा आमतौर पर उन छात्रों के लिए आयोजित की जाती है जो एक या दो विषयों में फेल होते हैं। बिहार और तेलंगाना राज्य बोर्ड सहित कई बोर्डों ने महामारी के कारण कंपार्टमेंटल परीक्षा को रद्द कर दिया है।
सीबीएसई ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट के तहत विचाराधीन है इसलिए बोर्ड को परीक्षा रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, परीक्षा आयोजित करने का फैसला होता है तो सभी जरूरी सावधानियां बरती जाएंगी।
सीबीएसई के टू-लेवल मैथ्स रूल के अनुसार, जो छात्र 11 और 12 क्लास में मैथमैटिक्स पढ़ना चाहते हैं उन्हें 10 मैथमैटिक्स स्टैंडर्ड लेना जरूरी होता है। दूसरे छत्र 10वीं में सामान्य गणित (बेसिक मैथ्स) लेते हैं। कठिनाई के स्तर पर दोनो पेपर अलग होते हैं। ऐसा नया सिद्धांत 2019 में शुरू किया गया है जिससे कि मैथ्स न पढ़ने के इच्छुक छात्रों को अनावश्यक मैथ्स का बोझ न हो।
सीबीएसई ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा, यदि कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, तो बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होगा।
बहुत से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ने CBSE से गुहार लगाई थी कि इस साल की कंपार्टमेंट परीक्षा टाल दी जाए क्योंकि इससे स्टूडेंट्स की सुरक्षा को खतरा है। सीबीएसई ने काफी विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला सुनाया है कि किसी भी कंडीशन में कंपार्टमेंट परीक्षाएं कैंसिल नहीं की जाएंगी।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के निदेशक ने शुक्रवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का मुख्य उद्देश्य नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (National Curriculum Framework) के जरिये कार्यरूप लेगा। नई नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सुधार का प्रस्ताव किया गया है।
सीबीएसई का यह भी कहना है कि कुछ सोचकर ही मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने एमएचआरडी को कॉलेजेस के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं और बोर्ड की बची परीक्षाएं कंडक्ट कराने की अनुमति दी है। इन्हें कंडक्ट कराते समय हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखा जाएगा जो स्टूडेंट की सेफ्टी के लिए जरूरी हैं।
सीबीएसई का यह भी कहना है कि कुछ सोचकर ही मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने एमएचआरडी को कॉलेजेस के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं और बोर्ड की बची परीक्षाएं कंडक्ट कराने की अनुमति दी है। इन्हें कंडक्ट कराते समय हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखा जाएगा जो स्टूडेंट की सेफ्टी के लिए जरूरी हैं।
सीबीएसई ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा, यदि कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, तो बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होगा।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय की एक याचिका का जवाब देते हुए, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कहा था कि रिजल्ट स्पेशल फॉर्मुले के आधार पर जारी किया जाएगा।
सीबीएसई के निदेशक विश्वजीत साहा ने पीएचडी चैम्बर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में कहा, ''नीति में विभिन्न सिद्धांतों एवं बहु विषय पहल के समागम की स्वतंत्रता प्रदान की गई है। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क नीति में सुझाये सुधारों को लागू करने का खाका प्रदान करेगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कहा था कि वह विशेष सूत्रों के आधार पर परिणाम जारी करेगा, और जिन छात्रों को इस फॉर्मूले के माध्यम से दिए गए अंकों पर कोई आपत्ति होगी, परीक्षा में बैठने का मौका। इसे अंतिम परीक्षा माना जाना था और इसके बाद किसी भी सुधार परीक्षा की अनुमति नहीं दी जानी थी, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया था।
कम्पार्टमेंट परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा अभी बाकी है, हालांकि, बोर्ड को शिकायतें मिल रही हैं ताकि परीक्षा रद्द करने की मांग की जा सके।
कंपार्टमेंट परीक्षा कंडक्ट कराने के संबंध में सीबीएसई का कहना है कि स्टूडेंट्स के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा और सभी गाइडलाइंस का प्रयोग करके ही परीक्षा कंडक्ट करायी जाएगी. होम मिनिस्ट्री द्वारा जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स (SOP) का पालन किया जाएगा ताकि स्टूडेंट्स को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
कोरोना का प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ने सीबीएसई से गुहार लगाई थी कि इस साल की कंपार्टमेंट परीक्षा टाल दी जाए क्योंकि इससे स्टूडेंट्स की सुरक्षा को खतरा है. सीबीएसई ने काफी विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला सुनाया है कि किसी भी कंडीशन में कंपार्टमेंट परीक्षाएं कैंसिल नहीं की जाएंगी.
स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की जबरदस्त मांग के बावजूद सीबीएसई ने साफ किया है कि कंपार्टमेंट परीक्षाएं कैंसिल नहीं की जाएंगी. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने काफी हफ्तों के सोच-विचार के बाद यह फैसला सुनाया है कि स्टूडेंट्स के फ्यूचर को ध्यान में रखते हुए इस साल की कंपार्टमेंट परीक्षाएं कैंसिल नहीं की जाएंगी।
सीबीएसई के टू-लेवल मैथ्स रूल के अनुसार, जो छात्र 11 और 12 क्लास में मैथमैटिक्स पढ़ना चाहते हैं उन्हें 10 मैथमैटिक्स स्टैंडर्ड लेना जरूरी होता है। दूसरे छत्र 10वीं में सामान्य गणित (बेसिक मैथ्स) लेते हैं। कठिनाई के स्तर पर दोनो पेपर अलग होते हैं। ऐसा नया सिद्धांत 2019 में शुरू किया गया है जिससे कि मैथ्स न पढ़ने के इच्छुक छात्रों को अनावश्यक मैथ्स का बोझ न हो।
छात्रों को यह सुविधा वन टाइम उपाय के तौर पर दी गई है। बोर्ड ने बताया कि इसी साल वाले बैच के छात्रों को ऐसी सुविधा दिए जाने का फैसला किया गया है।
जिन छात्रों के पास 10वीं कक्षा में मैथमैटिक्स स्टैंडर्ड पेपर नहीं वे भी इस बार 11वीं में मैथ्स ले सकते सकते हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बताया कि छात्रों को ऐसी सुविधा सिर्फ इसी साल के लिए होगी। सीबीएसई बोर्ड ने इस संबंध में सभी स्कूलों के प्रमुखों निर्देश दिए हैं कि ऐसे छात्र 11वीं में मैथ विषय चुनने की योग्यता रखते हैं।
जिन छात्रों के पास 10वीं कक्षा में मैथमैटिक्स स्टैंडर्ड पेपर नहीं वे भी इस बार 11वीं में मैथ्स ले सकते सकते हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बताया कि छात्रों को ऐसी सुविधा सिर्फ इसी साल के लिए होगी। सीबीएसई बोर्ड ने इस संबंध में सभी स्कूलों के प्रमुखों निर्देश दिए हैं कि ऐसे छात्र 11वीं में मैथ विषय चुनने की योग्यता रखते हैं।