देश भर के CBSE बोर्ड के छात्र जो अगले महीने से होने जा रही परीक्षाओं पर अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे थे उनका इंतजार खत्म हो गया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, CBSE 01 जुलाई से बचे हुए विषयों की परीक्षा आयोजित नहीं कराएगा। बोर्ड ने कोरोना संक्रमण के बीच छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है। बोर्ड ने इस दौरान कई बैठकें कर बगैर परीक्षा के रिजल्ट जारी करने पर भी विचार किया है और आज 25 जून को बोर्ड की तरफ से अंतिम फैसला लिया गया।
CBSE Board Class 10th, 12th Exam 2020 Cancelled: Check Result date here
परीक्षाएं रद्द होने का अर्थ है कि अब छात्रों को इंटर्नल मार्किंग के आधार पर नंबर दिए जाएंगे। प्रधान पब्लिक प्रोसेक्यूटर तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि, कक्षा 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए अंक अंतिम के रूप में होंगे। उन्होंने SC को सूचित किया कि, सीबीएसई ने कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी है और कोई और परीक्षा नहीं होगी। कक्षा 10 की परीक्षा रद्द कर दी गई है जबकि कक्षा 12 के छात्रों के पास एक विकल्प होगा।
CBSE Class 10th, 12th Exam 2020 Live Update: Check here
Highlights
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने ट्वीट किया, ‘वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर, CBSE द्वारा 5 जुलाई 2020 को आयोजित होने वाली CET परीक्षा को स्थगित करने का फैसला लिया गया है। परीक्षा की अगली तारीख की घोषणा की जाएगी।’
बोर्ड द्वारा परिणाम घोषित किए जाने के बाद, 12वीं के जो छात्र अपने परिणामों से असंतुष्ट होंगे, उन्हें पेन-एंड-पेपर परीक्षा का विकल्प दिया जाएगा। यह परीक्षा बोर्ड द्वारा हालात सुधरने के बाद आयोजित की जाएगी।
सीबीएसई बोर्ड आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर जल्द ही 10वीं और 12वीं का परिणाम घोषित करेगा। परिणाम पिछली तीन स्कूली परीक्षाओं के आधार तैयार किया जाएगा। जो छात्र अपने परिणामों से असंतुष्ट होंगे उन्हें बोर्ड अपने अंक सुधारने का मौका देगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने (CBSE) ने देश में कोरोनावायरस महामारी के कारण जुलाई में होने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने के बाद, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) जुलाई 2020 भी स्थगित करने का फैसला किया है। पूरी डिटेल के लिए यहां क्लिक करें-
सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड को आंतरिक मूल्यांकन के लिए योजना को इंगित करने वाली अधिसूचना जारी करने के लिए कहा है। बोर्ड ने कहा है कि वह कल ही इसकी सूचना देगा। सुप्रीम कोर्ट कल सुबह 10.30 बजे इस मामले पर अपना आदेश पारित करेगा।
अफवाहों से गुमराह होने से बचने के लिए, सभी छात्रों और अभिभावकों को सूचित किया जाता है कि वे केवल बोर्ड द्वारा आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें जो बोर्ड की वेबसाइट पर किए गए हैं। सभी राज्य बोर्ड ने गलत खबर फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतवानी दी है। छात्र केवल आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी पर ही भरोसा करें।
CBSE के साथ-साथ CISCE भी इस साल ICSE, ISC परीक्षा आयोजित नहीं करेगी। इस घोषणा का असर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ-साथ JEE मेन और NEET 2020 सहित राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं पर भी पड़ने वाला है।
पिछली 3 परीक्षाओं के आधार पर जारी होने वाले परिणाम के बाद, 12वीं के छात्रों को फिर से एग्जाम देना का मौका मिलेगा। जिसमें छात्र अपनी इच्छानुसार शामिल हो सकेंगे।
प्रधान पब्लिक प्रोसेक्यूटर तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि, कक्षा 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए अंक अंतिम के रूप में होंगे।
नई मूल्यांकन नीति के अनुसार, सीबीएसई बोर्ड ग्रेडिंग प्रणाली का इस्तेमाल कर सकता है। जो छात्र CBSE बोर्ड कक्षा 10, CBSE बोर्ड कक्षा 12 परीक्षाओं के लिए उपस्थित हुए थे, उनका मूल्यांकन CBSE प्री-बोर्ड परीक्षा में उनके द्वारा प्राप्त अंकों के अनुसार किया जाएगा।
इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE) बोर्ड का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ वकील जयदीप गुप्ता ने कहा, "हम कक्षा 10 और कक्षा 12 की परीक्षा भी रद्द कर देंगे। हम एक ही बार में मूल्यांकन परिणाम घोषित करेंगे। बाद में, हम बोर्ड परीक्षा आयोजित कर सकते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड को आंतरिक मूल्यांकन के लिए योजना को इंगित करने वाली अधिसूचना जारी करने के लिए कहा है। बोर्ड ने कहा है कि वह कल ही इसकी सूचना देगा। सुप्रीम कोर्ट कल सुबह 10.30 बजे इस मामले पर अपना आदेश पारित करेगा।
शीर्ष अदालत के इस सवाल के जवाब में कि क्या यह कक्षा 12वीं के छात्रों को परीक्षा में शामिल होने या न होने की अनुमति देगा, बोर्ड ने कहा कि कक्षा 12 के छात्रों को परीक्षा से बाहर निकलने का विकल्प दिया जाएगा। जो छात्र शेष पेपरों के लिए उपस्थित नहीं होना चाहते हैं, उनका मूल्यांकन अंतिम 3 परीक्षाओं के आधार पर किया जाएगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, CBSE 01 जुलाई से बचे हुए विषयों की परीक्षा आयोजित नहीं कराएगा। बोर्ड ने कोरोना संक्रमण के बीच छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है। बोर्ड परीक्षा कराने के अपने फैसले पर टिका रहता तो 01 जुलाई से परीक्षाएं आयोजित की जाती जिसमें छात्रों को संक्रमण के दौर में परीक्षा देने जाना पड़ता।
कोरोनावायरस महामारी के चलते पैदा हुई स्थिति को ध्यान में रखते हुए विदेशों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं की लंबित परीक्षाएं नहीं आयोजित की जाएंगी। 9वीं और 11वीं क्लास के स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट्स, टेस्ट, टर्म एग्जाम आदि के आधार पर पास करने के लिए कहा गया है।
लॉकडाउन के दौरान शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, लेकिन सीबीएसई बोर्ड समेत अन्य कई बोर्ड ने इससे निपटने के लिए ई-लर्निंग का तरीका निकाला है। ई-लर्निंग के जरिए छात्र अपने घरों में रहकर भी आगे की पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
रेगुलर छात्रों के लिए- जो स्टूडेंट्स हॉस्टल में रह रहे थे या जिनकी शिक्षा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित की गई थी या जो अपने स्कूल के जिले से किसी दूसरे जिले में स्थानांतरित हो गए हैं, उन्हें अपना परीक्षा केंद्र बदलने की अनुमति दी जाएगी।
प्राइवेट छात्रों के लिए - जो उस जिले में नहीं हैं जहां उनका परीक्षा केंद्र पड़ता है, वे परीक्षा केंद्र के परिवर्तन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इसके अलावा, जो छात्र कोरोनोवायरस महामारी के कारण किसी अन्य शहर में फंसे हुए हैं उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) के अनुसार उसी शहर से परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।
CBSE बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं पहले तय किए गए एग्जाम सेंटर्स के बजाय छात्रों को अपने स्कूल में ही होगी। ऐसे स्कूल जो कंटेनमेंट ज़ोन में आते हैं, वहां परीक्षा नहीं आयोजित की जाएगी। कंटेनमेंट ज़ोन में एग्जाम सेंटर न बनाने का फैसला गृह मंत्रालय ने लिया है।
बोर्ड ने परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। बोर्ड का कहना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद केवल महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और वे भी बगैर ज्यादा समय खर्च किए। 01 जुलाई से परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।
देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए छात्रों और अभिभावकों ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से JEE Main, NEET 2020 परीक्षा स्थगित करने की मांग की है। छात्रों ने केन्द्रीय मंत्री को टैग करते हुए ट्विटर पर परीक्षा स्थगित करने को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट किए हैं।
यदि बोर्ड परीक्षाओं को निरस्त करने का फैसला लेता है तो इंटर्नल परीक्षाओं के मार्क्स के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा। यह सुझाव दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को दिया था।
सॉलिसिटर जनरल ने जजों की बेंच से कहा कि वे छात्रों और अभिभावकों की चिंता समझते हैं। बैठक अपने अंतिम दौर में है और परीक्षा कराने का लेकर फैसला सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।