बिहार में बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रीलिम्स परीक्षा को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस परीक्षा को रद्द करने की मांग पर अड़े अभ्यर्थियों ने अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत की मांग कर डाली है। दरअसल, शनिवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने आयोग के अधिकारियों के साथ पटना में बातचीत के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। यह प्रस्ताव जिला प्रशासन की ओर से आया था।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रीलिम्स परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को आयोजित हुई थी, लेकिन परीक्षा वाले दिन पटना के एक सेंटर पर हंगामा हुआ। इस दौरान प्रश्न पत्र भी फाड़े गए। हालांकि उस हंगामे के बीच परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन बाद में उस सेंटर पर परीक्षा को रद्द कर दिया गया और 4 जनवरी को उसी सेंटर पर दोबारा परीक्षा कराने का फैसला लिया गया है, लेकिन अब छात्रों ने पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग उठाई है और इसको लेकर पटना में BPSC दफ्तर के बाहर उनका विरोध प्रदर्शन भी जारी है।

आयोग ने परीक्षा रद्द करने से कर दिया इनकार

छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच आयोग ने यह साफ कर दिया है कि परीक्षा को रद्द किए जाने का सवाल ही नहीं उठता। आयोग का कहना है कि यह प्रदर्शन प्रायोजित है। आयोग के इस स्पष्टीकरण के बाद भी छात्र अपनी मांग पर अड़े हैं। रविवार को जन सुराज संस्था के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा बुलाई गई ‘छात्र संसद’ (छात्रों की सभा) को जिला मजिस्ट्रेट की ओर से अनुमति नहीं मिली है। जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि आगे से विरोध प्रदर्शन में किसी भी तरह से शामिल पाए जाने वाले कोचिंग संस्थान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बीपीएससी 70वीं संयुक्त प्रीलिम्स परीक्षा नहीं होगी रद्द, अपने तय समय पर ही होगी मेन्स परीक्षा

सीएम से मुलाकात संभव नहीं- जिला प्रशासन

प्रदर्शनकारी छात्रों को जिला प्रशासन की ओर से डीएम ने पेशकश की। उन्होंने बताया कि हमने प्रदर्शनकारी छात्रों को BPSC अधिकारियों से मिलने का प्रस्ताव दिया था ताकि वह अपनी शिकायतों को आयोग के समक्ष रख सकें, लेकिन छात्रों की ओर से उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है और यह मांग उठाई है कि उन्हें सीएम से मिलना है, लेकिन यह संभव नहीं है क्योंकि बीपीएससी एक स्वतंत्र निकाय है इसमें सरकार की कोई दखलअंदाजी नहीं है।