दिल्ली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधारों का एलान किया है। इन घोषणाओं को चुनौती 2018 का नाम दिया गया है। बुधवार को यह घोषणा करते हुए दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि नवीं कक्षा में दो या उससे ज्यादा बार फेल होने वाले छात्रों को माडीफाइड पत्राचार स्कीम आफ एक्जामिनेशन के जरिए दसवीं कक्षा की परीक्षा में बैठने का विकल्प मिलेगा। इसे एमपीएसई नाम दिया गया है।
सिसोदिया ने कहा कि नए सुधारों के चलते दिल्ली सरकार के स्कूलों की नवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को नो डिटेंशन पालिसी के प्रतिकूल प्रभावों के कारण होने वाली समस्याओं से भी निजात मिलेगी। कई अन्य राज्यों की सरकारों की तरह दिल्ली सरकार ने भी नो डिटेंशन पालिसी(एनडीपी) को खत्म करने की वकालत की है, क्योंकि इससे छात्रों के बीच आत्मसंतोष की प्रवृत्ति बढ़ती है और वहीं छात्रों व शिक्षकों में जिम्मेदारी का अभाव भी बढ़ता है। सिसोदिया ने कहा कि एनडीपी के परिणामस्वरूप दिल्ली में छात्रों को दुर्भाग्यपूर्ण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि उन्हें ऐसी परीक्षाओं में बैठना पड़ता है, जिसके लिए उन्होंने तैयारी भी नहीं की होती है। छात्रों के अध्ययन स्तर में कमी के कारण बड़ी संख्या में छात्र नवीं कक्षा में फेल होते हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों में जानकारी के अभाव की समस्या सिर्फ नवीं तक ही सीमित नहीं है, लेकिन ये ही छात्र खराब व्यवस्था के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं।
उन्होंने बताया कि चुनौती 2018 के पीछे की सोच यह है कि 2016-17 में नवीं कक्षा में दाखिला लेने लेने वाले छात्रों को 2018 में होने वाली दसवीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन किया जा सके, जिससे वे परीक्षाओं में सफल हो सकें। उन्होंने कहा कि नवीं कक्षा में दो या ज्यादा बार फेल होने वाले छात्रों को एमपीएसई स्कीम के जरिए दसवीं की परीक्षा में बैठनें का विकल्प मिलेगा। एमपीएसई को विशेष तौर पर बच्चों को स्कूलों में बनाए रखनें और ड्रापआउट की संभावनाएं घटाना है। छात्रों को स्कूलों में उनके सामान्य शिक्षक ही पढ़ाएंगे और उन्हें किताबें,यूनिफार्म इत्यादि की सभी सामान्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। ऐसे छात्र स्कूलों की सभी सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में प्रतिभागिता करेंगे। वे सीधे दसवीं कक्षा की परीक्षाओं में बैठेंगे न कि स्कूलों के जरिए। इन छात्रों को गणित जैसे विषय छोड़ने का भी विकल्प मिलेगा। पत्राचार विद्यालय के जरिए दसवीं की परीक्षा पास करनें वाले छात्रों को भी उसी सरकारी स्कूल में 11वीं कक्षा में दाखिले का विकल्प दिलाया जाएगा।