इन दिनों विराट कोहली के चर्चे हर ओर हैं। हर दिन कोई न कोई एक्सपर्ट, वर्तमान या पूर्व खिलाड़ी कोहली की तरीफ में कुछ न कुछ कह रहा है। अब कोहली के आदर्श मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने उनकी इस सफलता का राज बताया है। तेंदुलकर ने यह भी कहा कि कोहली में ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें युवा खिलाड़ी अपना सकते हैं। आइए जानते हैं कि कोहली की सफलता के पीछे क्या है-

तेंदुलकर ने ‘गल्फ न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘विराट सीधे बल्ले से खेलता है और कुछ अच्छे क्रिकेट शॉट खेलकर रन बनाता है। वह एक विशिष्ट प्रतिभा का धनी है और वह अपने खेल पर काफी मेहनत करता है। उसका अनुशासन और प्रतिबद्धता अनुकरणीय है।’

तेंदुलकर ने इंडियन प्रीमियर लीग में क्रिकेट के स्तर की काफी तारीफ की और उनका मानना है कि हाल में इसका स्तर उंचा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘आईपीएल में प्रतिस्पर्धा का स्तर लगातार बढ़ रहा है। हमने पिछले दो सत्र में देखा कि पूल के अंतिम मैच से अंतिम तालिका और नॉकआउट चरण की टीमों का पता चला। यह अच्छा टूर्नामेंट है जिसमें शुरू से लेकर आखिर तक दिलचस्पी का स्तर बरकरार रहता है।’’

सचिन ने कहा कि उन्हें दिन-रात्रि टेस्ट क्रिकेट के विचार से कोई आपत्ति नहीं है और उन्हें लगता है कि इससे खेल के इस प्रारूप को दर्शकों के लिए आकषर्क बनाया जा सकता है। इस 43 वर्षीय क्रिकेटर ने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट किसी भी क्रिकेटर के लिए चुनौती बना रहेगा। इसे टेस्ट बिलकुल उचित पुकारा जाता है, क्योंकि इस प्रारूप में आपके कौशल, धर्य, क्षमता और सहनशक्ति की परीक्षा होती है। इसे दर्शकों के लिए रोमांचकारी बनाने के लिए बदलाव पर विचार किया जाना चाहिए।’’

टी-20 मनोरंजन का खेल है जिसमें दर्शक चौके और छक्के लगते देखना चाहते हैं और तेंदुलकर को लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजों के लिए भी कुछ होना चाहिए। तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि टेस्ट क्रिकेट का क्रिकेट में अपना विशिष्ट मुकाम है। मुझे यह भी लगता है कि इस प्रारूप को गेंदबाजों के अनुकूल होना चाहिए। अन्य प्रारूप ज्यादातर बल्लेबाजों के लिए फायदेमंद होते जा रहे हैं, इसलिए टेस्ट क्रिकेट को संतुलन बनाना चाहिए।’’

एलिस्टर कुक 10,000 टेस्ट रन क्लब से जुड़ने के लिये तैयार हैं, जिसके तेंदुलकर सदस्य हैं। यह पूछने पर कि इस तरह की उपलब्धि हासिल करने के लिए क्या चाहिए होता है, तो तेंदुलकर ने कहा, ‘‘हर बार नए सिरे से शुरुआत करना और नए मैच के लिये तैयारी करते रहना महत्वपूर्ण है। आपने पिछले मैच में भले ही शतक जड़ा हो लेकिन यह बीती बात है। आपको अपनी कमजोरी पर काम करने की जरूरत होती है क्योंकि गेंदबाज, कोच और सहयोगी स्टाफ हमेशा आपकी बल्लेबाजी का आकलन करते रहते हैं। कड़ी मेहनत और अनुशासन का कोई और विकल्प नहीं है।’’