संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती प्रेस से जुड़ी है। उन्होंने भारतीय पत्रकार करुण मिश्रा की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि विश्व में कहीं भी जब कभी किसी पत्रकार की हत्या होती है और प्रेस को चुप कराया जाता है तो कानून व्यवस्था और लोकतंत्र कमजोर हो जाते हैं।
बान ने दक्षिण पश्चिम जर्मनी के बाडेन में जर्मन मीडिया पुरस्कार स्वीकार करते हुए सोमवार कहा,‘वैश्विक एजंडों में मीडिया अहम है। इसके बावजूद उत्पीड़न, सेंसरशिप और हमलों के जरिए पत्रकारों की आवाज बंद कराने के प्रयास बढ़ रहे हैं। पत्रकार अपराधी नहीं हैं लेकिन उनके साथ अकसर गलत व्यवहार किया जाता है या उनकी हत्या तक कर दी जाती है क्योंकि उनमें आपराधिक कृत्यों का खुलासा करने का साहस होता है।’
उन्होंने कहा कि केवल पिछले वर्ष 105 पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई। हालांकि आइएसआइएस और अन्य हिंसक अतिवादियों के हमलों में पश्चिमी पत्रकारों की हत्या के मामलों पर पूरी दुनिया का ध्यान गया। सशस्त्र संघर्ष में मारे गए 95 प्रतिशत पत्रकार स्थानीय थे। बान ने कहा,‘मेक्सिको के पत्रकार मोइसिस दागदुग लुतजोव की पिछले महीने विल्लाहर्मोसा शहर स्थित उनके घर में हत्या कर दी गई। फिलीपीन के क्राइम रिपोर्टर एलविस ओरदानिजा को गोली मार दी गई। इसी तरह भारत में जन संदेश टाइम्स के जिला ब्यूरो प्रमुख करुण मिश्रा की हत्या कर दी गई।’
बान की मून ने कहा,‘जब कभी किसी पत्रकार की हत्या की जाती है, जब कभी प्रेस को चुप कराया जाता है, तो कानून व्यवस्था और लोकतंत्र कमजोर हो जाते हैं। मैं आपको पत्रकारों की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र की कार्य योजना में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।’
अंबेडकर नगर में जन संदेश टाइम्स में हिंदी भाषा के समाचार पत्र के जिला ब्यूरो प्रमुख मिश्रा को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर शहर में अज्ञात हमलावरों ने फरवरी में गोली मार दी थी। यूनेस्को की महानिदेशक इरिना बोकोवा और द कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट ने भी मिश्रा की हत्या की निंदा की थी।
बान ने कहा कि महासचिव के तौर पर पिछले नौ वर्षों से वह गलत तरीके से हिरासत में रखे गए पत्रकारों को आजाद कराने के लिए सोच समझ कर राजनियक प्रयास करके प्रेस की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक तौर पर और पर्दे के पीछे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा,‘प्रेस, समाज और मानवाधिकार रक्षकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए हम सभी को अपनी अपनी भूमिका निभानी चाहिए ताकि वे अपना काम कर सकें।’