मदन गुप्ता सपाटू
होलिका दहन में वातावरण शुद्धि के लिए हवन सामग्री के अलावा गूलर की लकड़ी, गोबर के उपले, नारियल, अधपके अन्न आदि के अलावा बहुत सी अन्य निरोधात्मक सामग्री का प्रयोग किया जाता है जिससे रोगों के कीटाणु मर जाते हैं। जब लोग 150 डिग्री तापमान वाली होलिका के गिर्द परिक्रमा करते हैं तो उनमें रोगोत्पादक जीवाणुओं को समाप्त करने की प्रतिरोधात्मक क्षमता में वृद्धि होती है और वे कई रोगों से बच जाते है।
ऐसी दूरदृष्टि भारत के हर पर्व में विद्यमान है जिसे समझने और समझाने की आवश्यकता है। देश भर में एक साथ एक विशिष्ट रात में होने वाले होलिका दहन, इस सर्दी और गर्मी की ऋतु-संधि में फूटने वाले मलेरिया, वायरल, बुखार के विरुद्ध यह एक धार्मिक सामूहिक अभियान है। इस पर्व को नवानेष्टि यज्ञ भी कहते हैं क्योंकि खेत से नवीन अन्न लेकर यज्ञ में आहुति देकर फिर नई फसल घर लाने की हमारी पुरातन परंपरा रही है।
होलिका दहन पर विभिन्न समस्याओं के लिए कर सकते हैं एक से अधिक विशेष उपाय:
होली व दिवाली ऐसे विशेष अवसर हैं। जब हर प्रकार की साधनाएं, तांत्रिक क्रियाएं व छोटे-छोटे उपाय भी सार्थक हो जाते हैं। ये उपाय होलिका दहन में किए जाते हैं। आप अपने इलाके में पहले से ही देख कर रखें कि होलिका किस मंदिर में पूरे अनुष्ठान से प्रज्ज्वलित की जाएगी, वहां निर्धारित समय पर पहुंच जाएं और अपनी समस्याओं के अनुसार उपाय करें।
यदि कोई बहुत बीमार है या दवा नहीं लग रही तो एक मुट्ठी पीली सरसों, एक लौंग, काले तिल, एक छोटा टुकड़ा फिटकरी, एक सूखा नारियल लेकर उस पर सात बार उल्टा घुमा के होलिका में दहन कर दें। दांपत्य जीवन में मिठास लाने के लिए – रुई की 108 बत्तियां देसी घी में भिगो के होलिका में संबंध सुधार की अनुनय सहित एक-एक करके परिक्रमा करते हुए डालें। यह उपाय माता-पिता अपने बच्चों, वर-वधु की फोटो पर घुमा कर भी कर सकते हैं।
यदि कोई आपकी धन वापसी में बेईमानी कर रहा है और आप मुकदमे में नहीं पड़ना चाहते तो- होलिका दहन स्थल पर धन न लौटाने वाले का नाम जमीन पर अनार की लकड़ी से त्रिकोण के अंदर लिखें और उस पर हरा गुलाल छिड़क दें। होलिका माता से धन वापसी की प्रार्थना करें। अगले दिन वहां से राख उठा के जल में उस व्यक्ति का नाम लेते हुए प्रवाहित कर दें।
आपके घर, दुकान, प्रतिष्ठान को नजर लग गई हो या प्रतिद्वंद्वी ने कुछ करा दिया हो तो होलिका दहन की सायं मुख्य द्वार की दहलीज पर लाल गुलाल छिड़कें, उस पर आटे का दोमुखी दिया ,थोड़ा सा सरसों का तेल डाल कर जलाएं। समस्याओं के निराकरण की प्रार्थना करें और दीपक ठंडा होने पर होलिका में डाल आएं। लाभ होगा।
कमल गटटे् की माला से-ओम् महालक्ष्म्यै नम: का जाप करें। यही माला धारण कर के होलिका के निकट देसी घी का दीपक जला कर आर्थिक संपन्नता की प्रार्थना करें, शीघ्र लाभ होता है। यदि कोई आत्मीय आपका कहना नहीं मानता या आपका शत्रु ही बन गया हो तो उसका नाम लेते हुए होलिका की रात, लाल चंदन की माला से इस मंत्र का जाप करें- ओम् कामदेवाय विद्महे पुष्पबाणाय धीमहि तन्नो अनंग प्रचोदयात!
व्यापार वृद्धि तथा नजर उतारने के लिए, दुकान, आफिस या कार्यालय में सायंकाल एक सफेद कपड़े पर गेहूं और सरसों की सात ढेरियां रखें। इन पर एक एक काली मिर्च रखें। 7 निम्बू के दो टुकड़े कर के इन ढेरियों पर रखें। निम्न मंत्र का सात बार पाठ करें- ओम् कपालिनी स्वाहा! पाठ समाप्ति पर इस सारी सामग्री की पोटली बनाकर लाल मौली से गांठ लगाकर बांध लें और दुकान या घर में एक सिरे से आरंभ कर के चारों कोनों पर घुमा कर बाहर ले आएं। इस पोटली को होलिका में डाल दें।
दुकान, आफिस, फैक्ट्री या मकान में अक्सर होने वाली या अचानक चोरी या नुकसान, के बचाव हेतु – सूखा नारियल और तांबे का पैसा घर या दुकान में सात बार चारों कोनों में घुमा कर होलिका में डालें। धनवृद्धि के लिए होलिका में यह मंत्र ओम् श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्मय नम: 108 बार पढ़ते जाएं और शक्कर की आहुति देते जाएं। इससे आपके घर और व्यापार में धन की कमी नहीं रहेगी।