हाल ही में ‘संघ मुक्त भारत’ की वकालत करने और इसके लिए सभी पार्टियों को एक साथ आने की जरूरत बताने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में जाया करते थे। सोशल साइट फेसबुक पर कई लोग यह दावा कर रहे हैं और इसी आधार पर नीतीश के ‘सघ मुक्त भारत’ की दलील की आलोचना कर रहे हैं। ये लोग अपने दावे के समर्थन में एक पुरानी तस्वीर भी शेयर कर रहे हैं। बताया जाता है कि यह तस्वीर 13 मई २006 की है। दावा किया गया कि नीतीश कुमार आरएसएस के पूर्व सरसंघ चालक गोलवलकर की तस्वीर के सामने दीपक चला रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि केंद्रीय राजनीति में आने की चाहत में नीतीश बीजेपी विरोधी पार्टियों को एकजुट करके उस गठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा बनना चाहते हैं।
बता दें कि नीतीश के ‘संघ मुक्त भारत’ के आवाह्न पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा था कि आरएसएस के आलोचकों को कम से कम एक बार उसकी शाखा में भाग लेना चाहिए, ताकि उनकी ‘गलत धारणाएं’ मिट सकें। बीजेपी ने कहा था कि उसका मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त मोर्चा बनाने के प्रयासों से उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। पार्टी ने यह भी कहा था कि मोदी सरकार को देश के विकास एवं गरीबों के लिए काम करने से रोकने के ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे। बीजेपी प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा था, ‘नीतीश कुमार ने ‘आरएसएस मुक्त’ भारत की बात कही है। आप संघ के लोगों के साथ काफी लम्बे समय तक रहे हैं। आपका बीजेपी के साथ लंबा गठबंधन रहा है। और आप बीजेपी के कार्यक्रमों में भाग भी लेते रहे हैं। आपने ‘संघ मुक्त’ भारत की भी बात कही है। बेहतर होगा कि आप संघ को थोड़ा देखें और समझें।’ उसके लिए संघ की शाखा में जाना सर्वोत्तम होगा। जो लोग देश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का विरोध करते हैं उन्हें कम से कम एक बार उसकी शाखा में जाना चाहिए। उसके बाद ही उनकी समझ बेहतर हो सकेगी और उनकी गलत धारणा दूर हो सकेगी। उसके बाद ही उनके सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियां दूर हो सकेंगी।’