केंद्रीय इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए सख्त नियमन की जरूरत है। उन्होंने बुधवार को कहा कि ‘ओवर दी टाप’ (ओटीटी) प्लेटफार्म के संबंध में सख्त मानदंड बनाने के लिए व्यापक चर्चा एवं आमसहमति बनाए जाने की जरूरत है।

लोकसभा में हिबी इडेन, एमके विष्णु प्रसाद और कुछ अन्य सदस्यों के प्रश्न के उत्तर में वैष्णव ने कहा कि ओटीटी प्लेटफार्म के संबंध में सख्त मानदंड बनाने के लिए व्यापक चर्चा एवं आमसहमति बनाए जाने की जरूरत है ताकि ऐसे फिल्मों और धारावाहिकों के प्रसारण को नियंत्रित किया जा सके जो समाज एवं विभिन्न धर्मों में बैमनस्य पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के विस्तार और अधिक से अधिक भारतीयों के आनलाइन आने के साथ बच्चों के खिलाफ आनलाइन अपराधों सहित साइबर अपराध की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। मंत्री ने कहा कि इस संबंध में कड़े नियमन के लिए आम सहमति बनाने की जरूरत है। इसमें कोई संदेह नहीं है।

अश्विनी वैष्णव ने प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि साइबर क्षेत्र की कई चुनौतियां हैं जो इसकी विशालता और सीमाहीन लक्षण के कारण हैं। यही कारण है कि सरकार ऐसी नीतियों और कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है जो यह सुनिश्चित करती है कि भारत में इंटरनेट हमेशा खुला, सुरक्षित-भरोसेमंद और सभी भारतीयों के लिए जवाबदेह है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रेकार्ड ब्यूरो (एनसीअरबी) अपने प्रकाशन ‘भारत में अपराध’ में अपराधों पर सांख्यिकीय आंकड़े संकलित और प्रकाशित करता है। नवीनतम प्रकाशन रिपोर्ट वर्ष 2020 के लिए है।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने बताया कि एनसीआरबी द्वारा प्रकाशित अंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 और 2020 के दौरान बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध के क्रमश: 306 और 1102 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार पुलिस और लोक व्यवस्था राज्य के विषय हैं। राज्य/केंद्रशासित प्रदेश अपनी कानून प्रवर्तन एजंसियों (एलइए) के माध्यम से अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच करने और अभियोजन के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। वैष्णव ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) अधिनियम, 2000 की धारा 67ख में बाल यौन शोषण सामग्री को आनलाइन प्रकाशित करने, प्रसारित करने या देखने के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी प्रकार के साइबर अपराधों से संबंधित शिकायतों की रिपोर्ट करने में नागरिकों को सक्षम बनाने के लिए एक राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल बनाया है।