भाजपा से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने पार्टी नेताओं की ओर से एसएफआइओ जांच में डीडीसीए में कोई घोटाला नहीं होने की दलील को खारिज करते हुए भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआइ और ईडी से व्यापक जांच कराने की मांग की है। आजाद ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी लड़ाई क्रिकेट निकाय में भ्रष्टाचार के खिलाफ है और वह वित्त मंत्री अरुण जेटली को निशाना नहीं बना रहे हैं। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस नेताओं को लपेटते हुए आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि राजीव शुक्ला, नवीन जिंदल, अरविंदर सिंह लवली जैसे उसके कई नामित डीडीसीए के निदेशक के रूप में काम कर रहे थे और वे इन गलत कार्यों का हिस्सा थे।
कीर्ति आजाद ने दावा किया, ‘परिसंपत्तियों और देनदारियों का ब्योरा दिए बिना फर्जी पते पर खुले खातों पर करोड़ों रुपए हस्तांतरित किए गए। यह अनोखा फर्जीवाड़ा था जिसमें समान लोगों को, समान कार्यों के लिए बार-बार भुगतान किया गया। मेरे पास इसके साक्ष्य हैं। मेरी लड़ाई खेल में भ्रष्टाचार को लेकर है, यह जेटली के खिलाफ नहीं है।’ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए आजाद ने कहा कि यह भाजपा या केंद्र सरकार या जेटली के खिलाफ नहीं है। उल्लेखनीय है कि जेटली पर तीखा प्रहार करने के बाद आजाद को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
कीर्ति आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं इस बात को नहीं समझ पा रहा हूं कि मैंने वित्त मंत्री पर कहां निशाना साधा। मैंने पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कहा। मैं हमेशा से वफादार सिपाही रहा हूं। लेकिन मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा। डीडीसीए मामले की सीबीआइ व ईडी, डीआरआइ जैसी अन्य जांच एजेंसियों से व्यापक जांच कराई जानी चाहिए।’
मीडिया को संबोधित करते हुए आजाद ने कई कंपनियों का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि वे करोड़ों रुपए की धनराशि की हेराफेरी करने में शामिल थे और इनके संबंध डीडीसीए अधिकारियों से थे। उन्होंने पार्टी की उस दलील को सिरे से खारिज कर दिया कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ने डीडीसीए में कोई घोटाला नहीं पाया। उन्होंने कहा कि एसएफआइओ ने केवल उन कागजातों को देखा जो उन्हें मुहैया कराए गए थे।
कीर्ति आजाद ने कहा, ‘एसएफआइओ समिति ने केवल उन कागजातों को देखा जो उन्हें मुहैया कराए गए थे। उसने यह पता नहीं लगाया कि क्या जिन कंपनियों को करोड़ों रुपए मुहैया कराए गए, वे अस्तित्व में हैं या नहीं।’ जेटली और डीडीसीए ने हालांकि आजाद के आरोपों से इनकार किया है। आजाद ने कहा कि इसका भाजपा से कुछ लेना देना नहीं है। यह खेल में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। मैं कई वर्षो से खेल में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं और ऐसा करना जारी रखूंगा।’ उन्होंने कहा, ‘इससे अरुण जेटली को मत जोड़ें।’
उन्होंने सीबीआइ द्वारा डीडीसीए पर छापा मारने की बजाए नोटिस भेजने पर भी सवाल उठाए और कहा कि इससे आरोपी को साक्ष्य मिटाने का मौका मिलता है। कीर्ति आजाद ने कहा कि मैंने 90 फीसद जांच की है और सीबीआइ को मुझसे साक्ष्य लेना चाहिए। मैं नहीं जानता कि वे इतना धीमे क्यों हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने और अन्य लोगों ने इसके बारे में जेटली को 200 से अधिक पत्र लिखे हैं।