उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए मंत्रिमंडल में नवप्रभात और राजेंद्र सिंह भंडारी को शामिल किया है। अब रावत मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या 12 हो गई है। नवप्रभात नारायण दत्त तिवारी के मंत्रिमंडल में साल 2002 से 2007 तक कैबिनेट मंत्री थे और भंडारी भुवनचंद्र खंडूरी और रमेश पोखरियाल के मंत्रिमंडल में साल 2007 से 2012 तक कैबिनेट मंत्री रहे। सुरेंद्र राकेश की मृत्यु के बाद सवा साल से रावत सरकार में मंत्री एक पद खाली चला आ रहा था। वहीं हरक सिंह रावत के मार्च में कांग्रेस से बगावत करने के बाद यह पद खाली था।
सुरेंद्र राकेश और हरक सिंह रावत की जगह हरीश रावत ने गढ़वाल के बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी को मंत्री बनाकर भाजपा नेता पूर्व सांसद सतपाल महाराज को झटका दिया है। भंडारी सतपाल महाराज के खास माने जाते रहे हैं लेकिन उन्होंने सतपाल महाराज से नाता तोड़कर हरीश रावत का संकट के समय साथ दिया। वहीं नवप्रभात विजय बहुगुणा के खास थे। नवप्रभात भी बहुगुणा के कांगे्रस से बगावत करने पर बहुगुणा का साथ छोड़ रावत खेमे में शामिल हो गए। रावत ने भंडारी और नवप्रभात को मंत्री बनाकर वफादारी का ईनाम दिया। हरीश रावत ने ब्राह्मण समुदाय के नवप्रभात को कैबिनेट मंत्री बनाया है।
वहीं दूसरी ओर भंडारी और नवप्रभात को मंत्री बनाए जाने से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक हीरा सिंह बिश्ट, रावत सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह और हरिद्वार जिले के दो विधायक फुरकान अहमद और दलित समुदाय के नेता विधायक ममता राकेश नाराज हैं। ममता राकेश अपने पति सुरेंद्र राकेश के स्थान पर मंत्री बनने का दावा ठोक रहीं थीं और फुरकान अहमद अल्पसंख्यक समुदाय के होने के कारण मंत्री बनने का दावा कर रहे थे। जहां रावत ने देहरादून से नवप्रभात और पहाड़ी क्षेत्र से भंडारी मंत्री बनाकर गढ़वाल मंडल में संतुलन बनाने की कोशिश की वहीं हरिद्वार जिले से किसी भी विधायक को मंत्री न बनाकर मैदानी क्षेत्र की उपेक्षा की है, जिसका खामियाजा कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। हीरा सिंह बिश्ट, फुरकान अहमद और ममता राकेश मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से नाराजगी के चलते गुरुवार देहरादून में दोनों मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आए।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वे हरिद्वार से सांसद रहे हैं। वे भले ही धारचूला से विधायक हैं लेकिन वे असली प्रतिनिधित्व हरिद्वार का ही करते हैं। इसलिए हरिद्वार की उपेक्षा का सवाल ही नहीं उठता। नवप्रभात ने मंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा कि वे पूरी क्षमता से काम करेंगे। नव नियुक्त मंत्री राजेंद्र भंडारी ने कहा कि वे मुख्यमंत्री और उत्तराखंड की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे।