दिल्ली की एक अदालत ने भाजपा सांसद कीर्ति आजाद, पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी और दो अन्य के खिलाफ मानहानि के फौजदारी मुकदमे पर सोमवार को संज्ञान लिया। यह मुकदमा एक ‘अंडर-19’ क्रिकेटर के पिता की ओर से दायर की गई है। शिकायती पिता ने आजाद और बेदी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने दुर्भावनापूर्ण इरादे से झूठे आरोप लगाए हैं कि विजय हजारे ट्रॉफी में उनके बेटे के चयन के लिए 25 लाख रुपए अदा किए गए थे। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने कहा कि इस पर संज्ञान लिया और समन से पहले के साक्ष्यों को दर्ज करने के लिए 22 फरवरी की तारीख तय की। हालांकि, मजिस्ट्रेट ने मामले की तेजी से सुनवाई का अनुरोध नामंजूर करते हुए कहा कि करीब चार हजार मामले अदालत में लंबित हैं। जज ने मामले को 22 फरवरी के लिए मुल्तवी कर दिया।

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान अंडर 19 क्रिकेटर हिम्मत सिंह के पिता तेजबीर सिंह की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि आजाद, पूर्व क्रिकेटर बेदी और सुरेंद्र खन्ना व समीर बहादुर ने हाल ही में प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया था कि युवा क्रिकेटर के चयन के लिए 25 लाख रुपए अदा किए गए थे। याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील गजेंदर सिंह ने कहा कि प्रेस कांफ्रेंस कर इन आरोपियों ने युवा क्रिकेटर का नाम लिया और कहा कि टीम में उसके चयन के लिए 25 लाख रुपए अदा किए गए। इस कथित आरोप ने हिम्मत सिंह को बदनाम किया जो अच्छा खेल रहा है और अपनी प्रतिभा के बूते टीम में जगह बनाई है।

उन्होंने कहा कि यह बयान देने का आरोपियों का जो कुछ भी मकसद रहा हो, चाहे ऐसा राजनीति के चलते किया गया हो या, देल्ही डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिया किया गया हो, इससे युवा खिलाड़ी का नाम कथित तौर पर बदनाम हुआ है। वकील ने इस मामले में तेजी से सुनवाई का अनुरोध किया ताकि क्रिकेटर के खिलाफ लगाए गए आरोप स्पष्ट हो सके। मगर अदालत ने यह अनुरोध नहीं माना।