अब महिलाएं हर क्षेत्र में अव्वल हैं। यही वजह है जमीं से लेकर आसमान में भी फाइटर प्लेन तक की उड़ान भरने लगी हैं। लिहाजा अब एक और वर्जना को तोड़ते हुए महिलाएं देश के सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल CRPF नक्सल प्रभावित राज्यों में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए कमांडो बनेंगी और नक्लसियों का सामना करेंगी।
जी हां, CRPF कुछ चुनिंदा वाम चरमपंथ प्रभावित राज्यों में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए 567 से ज्यादा महिला कमांडो की तैनाती करने जा रहा है। अजमेर में इसके ट्रेनिंग सेंटर से 567 महिलाओं का एक बैच पिछले हफ्ते पास होकर निकला है।
लिहाजा ऐसे में महिलाएं अब नक्सलियों से भी निपटने की क्षमता रखेंगी। CRPF महानिदेशक के दुर्गाप्रसाद ने कहा कि पूरे बैच को ‘कंपनी फोरमेशन’ शैली में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से तैनात किया जाएगा। ‘कंपनी फोरमेशन’ का मतलब एक बार में 100 कर्मियों को तैनात करना है।
CRPF के निदेशक ने कहा कि अगर महिलाएं नक्सल प्रभावित क्षेत्र के कामों को ध्यान में रखकर प्रशिक्षित की गयी हैं, हमने उन्हें सेवा की शुरुआत में ही प्रारंभिक सालों में कठिनतम जिम्मेदारी देने को सोची। बता दें कि CRPF अधिकारियों ने महिलाओं के नक्सलियों से निपटने के पीछे धराणा है कि जब वे मओवादी हो सकती हैं तो आखिरकार सुरक्षाबलों में क्यों नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि शुरुआत में ये महिलाकर्मी एक कंपनी में तैनात की जाएंगी और कुछ समय बाद उनकी तैनाती और कार्य उपयुक्तता बढ़ायी जाएगी।’ हाल ही में सीमा प्रहरी बल भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने घोषणा की थी कि वह अपनी महिला कर्मियों को भारत चीन सीमा के नजदीक अपनी इकाइयों में पूर्ण युद्ध भूमिका में तैनात करेगा।