बिना हाथों के क्रिकेट खेलने की कल्पना क्या कोई कर सकता है। लेकिन आमिर हुसैन लोन से मिलिये जो न सिर्फ क्रिकेट खेलते हैं बल्कि जम्मू एवं कश्मीर परा क्रिकेट टीम के कप्तान भी हैं। दिग्गज सचिन तेंदुलकर के धुर प्रशंसक आमिर का बचपन का सपना क्रिकेटर बनने का था लेकिन बिजबेहड़ा में उनके पिता की बल्ले तैयार करने वाली इकाई में एक दुर्घटना में उनके दोनों हाथ कट गये।
ऐसे में दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद कोई बल्लेबाजी और गेंदबाजी कैसे कर सकता है। आमिर अपने बायें कंधे और सिर के बीच में बल्ले को रखता है। उनका पसंदीदा शॉट स्क्वॉयर लेग की दिशा में किया गया फ्लिक है। तेंदुलकर इस शॉट को बड़ी अच्छी तरह से खेलते थे।
गेंदबाजी करते समय 26 वर्षीय आमिर गेंद पर ग्रिप बनाने के लिये अपने दायें पांव का उपयोग करते हैं और लेग स्पिन करते हैं जिसे देखकर कई सक्षम क्रिकेटरों को भी ईर्ष्या होने लग जाए।
श्रीनगर से 42 किमी दूर वैगम गांव के रहने वाले आमिर ने कहा, ‘‘मैं तेंदुलकर का धुर प्रशंसक हूं और उनकी तरह राष्ट्रीय टीम में खेलना चाहता था। वह मेरे लिये प्रेरणा है।’’
आमिर की जिंदगी बचाने में चिकित्सकों और सेना ने अहम भूमिका निभायी लेकिन यदि आज वह अपना सपना जी रहे हैं तो इसका श्रेय उनके पिता बशीर अहमद लोन को जाता है जिन्होंने तब सात साल के अपने बेटे के उपचार में अपना सारी पूंजी लगा दी थी।
उन्होंने 1997 में अपने पिता की आरा मशीन में अपने दोनों हाथ गंवा दिये थे। तब वह अपने भाई के लिये लंच लेकर वहां गया था। जब उसका भाई लंच कर रहा था तब आमिर ने बल्ले को तैयार करने के लिये उपयोग में लायी जाने वाली मशीन चला दी। तभी उसके दोनों हाथ कन्वेयर बेल्ट में फंस कर कट गये।