हवाई सेवाओं में जरा भी चूक सैकड़ों लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए हवाई जहाज उड़ाने वालों की कुशलता का विशेष ध्यान रखा जाता है। बदलती तकनीक के मुताबिक उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाता है। मगर कुछ दशक से जिस तरह विमानन सेवा के क्षेत्र में निरंतर विस्तार हुआ और कारोबारी प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, उसमें कई बार कुछ विमानन कंपनियां इस पहलू पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे पातीं।

हालांकि नागर विमानन महानिदेशालय समय-समय पर चालक दल की कुशलता का आकलन करता रहता है, पर फिर भी चूकें हो ही जाती हैं। इसका ताजा उदाहरण मुंबई से दुर्गापुर जा रहे स्पाइस जेट कंपनी के विमान का उतरते समय वायुमंडलीय विक्षोभ के कारण विचलित होकर संतुलन खो देना और सत्रह यात्रियों का घायल हो जाना है। बताया जा रहा है कि विमान का आटो पायलट काम नहीं कर रहा था, जिसकी वजह से चालकों को उसे संभालना पड़ा।

विमान एकदम से पांच हजार फीट नीचे आ गया और हवाई पट्टी पर उसमें जोर के झटके लगने लगे, जिसके चलते यात्रियों को गंभीर चोटें आर्इं। गनीमत है कि एक बड़ा हादसा टल गया। हालांकि यह विमान चालन में गंभीर खामी है, जिसके लिए संबंधित चालक दल को फिलहाल काम से अलग रखा गया है। नागर विमानन महानिदेशालय अब स्पाइस जेट के पूरे बेड़े की जांच कर रहा है।

हवाई सेवाओं के लिए वायुमंडलीय विक्षोभ कोई नई या अचानक प्रकट हो गई समस्या नहीं है। विमान जितना अधिक ऊपर उड़ान भरता है, उसके सामने उतना ही अधिक ऐसे विक्षोभ की आशंका रहती है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के सामने तो यह समस्या अक्सर आती रहती है। खराब मौसम से तो विमानों को अक्सर दो चार होना पड़ता है। कभी तेज बारिश, कभी घने बादल, तो कभी धुंध और कोहरा, कभी तेज तूफान आदि। मगर इन सबके बीच से विमान को गुजरना होता है।

ऐसी ही स्थितियों में चालक की कुशलता देखी जाती है। विमान उड़ाने में सबसे अधिक कुशलता की जरूरत उसे उतारते समय पड़ती है। अक्सर तेज बारिश में हवाई पट्टी पर फिसलन की आशंका होती है, तो घने कोहरे के वक्त हवाई पट्टी पर दृश्यता कम होने से दुर्घटना हो जाने की। इसके अलावा जिन हवाईअड््डों पर पट्टियां छोटी हैं, उन पर गति का संतुलन बिठाना भी खासी कुशलता की मांग करता है। इन स्थितियों से निपटने में जो चालक दक्ष नहीं होते, वही अक्सर हादसों की वजह बनते हैं।

कुछ दिनों पहले ही नागर विमानन महानिदेशालय ने स्पाइस जेट के ही नब्बे से अधिक चालकों को इसलिए अकुशल करार दिया था कि उन्होंने अत्याधुनिक तकनीक वाले विमान उड़ाने का प्रशिक्षण नहीं लिया था। हालांकि तब स्पाइस जेट ने कहा था कि इससे उसके विमानों के परिचालन में कोई कठिनाई नहीं आएगी, क्योंकि उसके पास पर्याप्त चालक हैं।

मगर इस नए हादसे के बाद अब नागर विमानन महानिदेशालय के सामने इस कंपनी के न सिर्फ चालकों की दक्षता, बल्कि विमानों की गुणवत्ता और तकनीकी रूप से उड़ान भरने योग्य होने की जांच का भी बिंदु होगा। लंबे समय तक सेवाएं बंद होने और अब र्इंधन की कीमतें बढ़ने की वजह से विमानन कंपनियों के सामने कमाई बढ़ाने और अधिक से अधिक यात्रियों को आकर्षित करने की चुनौती बनी हुई है। इसलिए कई मामलों में वे कटौती करती देखी जा रही हैं। मगर इसका अर्थ यह नहीं कि वे यात्रियों की जान की कीमत पर कोई भी समझौता करें।