साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा-स्नातक (सीयूईटी-यूजी) के दूसरे चरण के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह 12 मार्च तक जारी रहेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मुताविक परीक्षा 21-31 मई तक आयोजित की जानी है। परीक्षा के लिए शहर के बारे में घोषणा 30 अप्रैल को की जाएगी।

मई, 2023 के दूसरे सप्ताह से राष्ट्रीय परीक्षा एजंसी (एनटीए) की वेबसाइट से प्रवेश पत्र डाउनलोड करना होगा। विश्वविद्यालयों में स्नातक प्रवेश प्रक्रिया जुलाई 2023 तक पूरी कर ली जाएगी और एक अगस्त से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो सकता है। अभ्यर्थियों की संख्या और विषय की पसंद के आधार पर परीक्षा कई दिनों में तीन पालियों में आयोजित की जाएगी।

अभ्यर्थी सीयूईटी (यूजी)-2023 के लिए आवेदन केवल आनलाइन माध्यम से कर सकते हैं। सीयूईटी (यूजी)-2023 13 भाषाओं यानी अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू में आयोजित की जाएगी। सीयूईटी-यूजी का पहला संस्करण पिछले साल जुलाई में आयोजित किया गया था और कई गड़बड़ियों के कारण एनटीए को कई केंद्रों पर परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा था।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में कई विकल्पों के साथ एफवाईयूपी शुरू होने की संभावना

जामिया मिल्लिया इस्लामिया आगामी शैक्षणिक सत्र से चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) की पेशकश कर सकता है जिसमें विद्यार्थियों के पास कई विकल्प मौजूद होंगे। इस संबंध में प्रस्ताव को हाल ही में आयोजित अकादमिक परिषद (एसी) की बैठक में अपनाया गया था। यह मामला अब कार्यकारी परिषद की अगली बैठक में रखा जाएगा, जो विश्वविद्यालय की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है।

विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर के मुताबिक हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी पहलुओं को अपनाने का प्रयास किया है। हाल ही में हुई अकादमिक परिषद की बैठक में सदस्यों ने उच्च शिक्षा संस्थानों में पेश किए जाने वाले शैक्षणिक कार्यक्रमों में प्रवेश और निकास संबंधी कई विकल्पों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों को अपनाया और पुनर्गठित चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की रूपरेखा को लागू किया।

यदि कार्यकारी परिषद द्वारा यह प्रस्ताव अनुमोदित किया जाता है, तो स्नातक की डिग्री इस अवधि के भीतर प्रवेश और निकास के कई विकल्पों के साथ या तो तीन या चार साल की अवधि की होगी। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 का हिस्सा था।

राज्यपाल, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षण संस्थानों में मातृभाषा में पढ़ाई को बढ़ावा दें : यूजीसी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनसे उच्च शिक्षण संस्थानों में मातृभाषा में पठन-पाठन को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में मातृभाषा में पाठ्यपुस्तकों को बढ़ावा देने को भी कहा गया है। आयोग की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मातृभाषा में शिक्षा एक प्रमुख आयाम है।

इस नीति में मातृभाषा में पठन-पाठन की सामग्री के महत्त्व को भी रेखांकित किया गया है। यह सुखद है कि मातृभाषा और स्थानीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकों को बढ़ावा दिया जा रहा है और देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में इसका उपयोग किया जा रहा है।

दिल्ली विश्वविद्यालय का अकादमिक कैलेंडर अगले सत्र से समय पर होगा

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने भरोसा जताया है कि कोरोना की वजह से तीन साल से बाधित रहा अकादमिक कैलेंडर अगले सत्र से निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप रहेगा। विश्वविद्यालय उन तरीकों पर विचार करेगा जिससे संबद्ध महाविद्यालयों की सभी 70 हजार सीटों पर प्रवेश हो। इस सत्र में करीब पांच हजार सीटें खाली रह गई थीं।

डीयू ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 में प्रवेश के लिए सोमवार को अपने वेबसाइट की शुरुआत की। तीन साल से शिक्षक और विद्यार्थी अकादमिक कैलेंडर को लेकर चिंता जा रहे थे, खासतौर पर दो सेमेस्टर के बीच अंतराल न होने पर।