विभिन्न राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को वापस लाने के आह्वान के बीच आंध्र प्रदेश की गारंटीड पेंशन स्कीम (जीपीएस) केंद्र सरकार की निगाह में चढ़ी है। कहा जाता है कि यह पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और नई पेंशन योजना (एनपीएस) दोनों में सर्वश्रेष्ठ है। इसे मध्यमार्गी विकल्प माना जा रहा है।
खबरों के अनुसार, अधिकारियों का मानना है कि योजना दिलचस्प है, हालांकि इसका विस्तार से अध्ययन करने की आवश्यकता है। यह योजना पहली बार आंध्र में अप्रैल 2022 में प्रस्तावित की गई थी और राज्य सरकार के कर्मचारियों को बिना किसी कटौती के अंतिम आहरित मूल वेतन के 33 फीसद की गारंटी पेंशन प्रदान करती है। इसके लिए उन्हें हर महीने अपने मूल वेतन का 10 फीसद योगदान देना होगा और राज्य सरकार इतना ही योगदान करेगी। यदि कर्मचारी हर महीने 14 फीसद से अधिक योगदान करने को तैयार है, तो उन्हें अपने अंतिम आहरित वेतन का 40 फीसद गारंटीशुदा पेंशन प्राप्त होगी।
आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ के अनुसार, बाजार की स्थिति जीपीएस के तहत पेंशन को प्रभावित नहीं करेगी, जो वर्तमान ब्याज दरों के अनुरूप सीपीएस के तहत दी जा रही मौजूदा पेंशन की तुलना में लगभग 70 फीसद अधिक है। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि एनपीएस या सीपीएस जीपीएस की तुलना में कम रिटर्न देंगे। हालांकि केंद्र ने इससे इनकार किया है। इस योजना को केंद्र के एनपीएस को बदलने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे राज्य में अंशदायी पेंशन योजना (सीपीएस) कहा जाता है।
राज्य सरकार इस योजना को लागू करना चाह रही है। कई कर्मचारियों ने जीपीएस के विरोध में आवाज उठाई है। खबरों के मुताबिक वे ओपीएस में ही जाना चाहते हैं। पिछले साल, राज्य के कई शिक्षकों ने वाइएस जगनमोहन रेड्डी सरकार से ओपीएस को वापस लाने के लिए चलो विजयवाड़ा यात्रा का आयोजन किया था।
आंध्र के कर्मचारी संघों का मानना है कि जीपीएस सीपीएस से बेहतर नहीं है। उन्होंने याद किया कि पिछली एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार के दौरान ठक्कर समिति द्वारा अनुशंसित पेंशन के 50 फीसद की गारंटी देने की इसी तरह की योजना थी। उस योजना को भी खारिज कर दिया गया था।
कर्मचारी संघों ने यह भी कहा है कि सीपीएस की तरह जीपीएस में सरकार और संबंधित कर्मचारी दोनों द्वारा मूल वेतन का 10 फीसद भुगतान शामिल है। सीपीएस के तहत उनके योगदान पर अनुमानित 20 फीसद रिटर्न की तुलना में सरकार ने जीपीएस को पेंशन में 65 फीसद की वृद्धि के रूप में पेश किया है। उनके अनुसार, यह सरकार द्वारा आंकड़ों की बाजीगरी से कम नहीं है।
लेकिन कथित तौर पर राज्य सरकार का मानना है कि ओपीएस में जाने से 2023 में पेंशन और वेतन के रूप में 1,85,172 करोड़ रुपए का बजट होगा। वर्तमान में, यह 76,590 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।