दिल्ली की एक अदालत ने 1990 के भ्रष्टाचार के एक मामले में उसके निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए रेलवे के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए और अदालतों का सम्मान नहीं करने पर उन्हें आड़े हाथ लिया। अदालत ने उत्तर रेलवे के संभागीय रेलवे प्रबंधक (वाणिज्य) और वरिष्ठ संभागीय कार्मिक अधिकारी के खिलाफ वारंट जारी किए और 18 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के लिए कहा क्योंकि उनमें से एक स्पष्टीकरण देने के लिए अदालत के सामने पेश नहीं हुआ।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के जरिए समन भेजने का निर्देश देते हुए विशेष सीबीआइ जज संजीव अग्रवाल ने कहा कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को निर्देश दिया जाता है कि वह अदालत में इन अधिकारियों की मदद के लिए उनके संभावित व्यस्त समय से कुछ कीमती समय निकालने दें क्योंकि ऐसा लगता है कि इन दोनों वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों के पास या तो समय नहीं है या अदालत के आदेश या न्याय प्रणाली के लिए सम्मान नहीं है।
यह विधि के शासन के लिए गंभीर चिंता का विषय है। जज ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ उतने ही मुचलके की राशि के साथ पांच हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया और दोनों को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश होने का निर्देश दिया।