जुल्मो-सितम झेलकर नाइंसाफी के खिलाफ खड़ा होना उनकी पहचान है। नक्सली करार दिए जाने के आरोप में पुलिसिया बर्बरता से लेकर समाज का जुल्म तक झेला। और आज जब वे एक राजनीतिक दल की कार्यकर्ता के रूप में अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं तो उनपर जानलेवा हमला हुआ। इसके बाद भी हौसला ऐसा कि पूछ रही हैं..देखना है दम कितना तेरे दमन में है। आप और कांग्रेस ने मामले को संसद में उठाने की चेतावनी दी।
दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में दाखिल आदिवासी कार्यकर्ता और आम आदमी पार्टी की सदस्य सोनी सोरी की हालत अब बेहतर है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार सोनी को पूरी तरह से ठीक होने में दो-तीन हफ्ते लग सकते हैं। हालांकि, सोनी सोरी आदिवासी अधिकारों के लिए कानूनन और जमीनी तौर पर लंबी लड़ाई लड़ चुकी हैं, लेकिन इस बार लड़ाई में राजनीतिक ताकत झोंकने की तैयारी है। आम आदमी पार्टी जगदलपुर में 26 फरवरी को विशाल रैली करने जा रही है जिसमें सर्व आदिवासी सभा के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में उठाने की तैयारी में है, वामदल भी साथ दे रहे हैं।
चौतरफा राजनीतिक दबाव का नतीजा रहा कि छत्तीसगढ़ शासन की आवासीय आयुक्त ने मंगलवार को अस्पताल जाकर सोनी के स्वास्थ्य की जानकारी ली। लेकिन, इन सब घटनाक्रम के बीच सोनी के बच्चे सहमे हुए हैं जो सोनी के लंबे समय से सहयोगी रहे लिंगा राम कापोड़ी की देख-रेख में गीदम में घर पर हैं।
सोनी सोरी को रविरार की रात जगदलपुर के महारानी अस्पताल से दिल्ली इंद्रप्रस्थ अपोलो लाया गया था। यहां अस्पताल के आइसीयू की बिस्तर संख्या 2100 पर लेटी सोनी अपनी कहानी खुद बयान करने की स्थिति में नहीं हैं। सोनी के साथ हुई बर्बरता की गवाह रहीं रश्मि ठाकुर, सोनी की रिश्तेदार और सहयोगी, ने बताया कि कैसे 20 फरवरी की रात हमला किया गया। रश्मि ने कहा, ‘रात नौ बजे के करीब वे सोनी को बाइक पर लेकर जगदलपुर से गिदम लौट रही थी।
घर पहुंचने में अभी 15-16 किलोमीटर बचा था कि तीन लड़के आए और बात करने के बहाने बाइक रुकवाया। उनके हाथ में दो चाकू दिखा। दो लड़कों ने सोनी को सड़क के किनारे ले जाकर उनके चेहरे पर ज्वलनशील पदार्थ मला जबकि एक लड़का उसके साथ खड़ा रहा। इसके बाद लिंगा को बुलाकर पहले गिदम के अस्पताल फिर महारानी अस्पताल गए’। रश्मि ने कहा, ‘सोनी को सबसे पहली चिंता मेरी थी। बच्चों को लेकर भी वे बहुत परेशान थीं, लेकिन अब थोड़ी आश्वस्त हैं’। उधर गिदम में रह रहीं सोनी की तीन बेटियां सहमी हुई हैं। रश्मि का कहना है, ‘हालांकि बच्चे माहौल के साथ काफी ढल गए हैं, लेकिन उन्होंने मां पर सरेआम इस तरह का शारीरिक हमला नहीं देखा था, यह घटना उनके लिए भयावह थी’।
सोनी सोरी के साथ दिल्ली आए छत्तीसगढ़ आप पार्टी के अध्यक्ष संकेत ठाकुर ने कहा, छत्तीसगढ़ प्रशासन और पुलिस दशहत का माहौल तैयार करने की कोशिश कर रही है, छत्तीसगढ़ सरकार का एजंडा है कि माओवाद खत्म करने के नाम पर आदिवासी को खत्म कर दो। आदिवासी तो सरकार और नक्सलियों के बीच पिस रहे हैं, उन्हें या तो नक्सर करार दिया जाता है या मुखबिर। संकेत ठाकुर ने कहा, ‘लेकिन इस बार हम अलग-थलग नहीं हैं। हमारे साथ आप, कांग्रेस, वाम दल हैंह्ण। उधर छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष बीके हरिप्रसाद ने कहा, ‘हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे, यह भाजपा की नीति रही है कि बस्तर में उनके खिलाफ उठने वाली आवाजों को कुचल दिया जाए’।
उधर छत्तीसगढ़ प्रशासन ने सोनी के परिवार को सुरक्षा प्रदान करने, इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और अपराधियों को गिरफ्तार करने के जरूरी कदम उठाने का दावा किया है। छत्तीसगढ़ के आवासीय आयुक्त बीवी उमादेवी ने सोनी का इलाज कर रहे प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर आईपी सिंह से मिलने के बाद स्वीकार किया कि सोनी के चेहरे पर ग्रीस नहीं बल्कि केमिकल ही मला गया था। उनकी आंखों की रोशनी सुरक्षित है, लेकिन पलकें जल गई हैं। हालांकि, चेहरे के सूजन में कमी है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने इस घटना को बेदह शर्मनाक बताया और कहा कि किसी को खामोश करने का यह एक भयंकर तरीका है। मालिवाल ने कहा, ‘हालांकि यह मामला राष्ट्रीय महिला आयोग या राज्य महिला आयोग के दायरे में आता है यह देखना है। लेकिन हम देख रहे हैं कि हमारे तरफ से मामले में संज्ञान लिया जा सकता है या नहीं’। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वाति मालिवाल ने सोनी सोरी से सोमवार को मुलाकात की थी। स्वाती मालिावाल के अनुसार अपोलो अस्पताल आयोग के प्रयासों से अपोलो में सोनी सोरी का इलाज नि:शुल्क हो रहा है।