आज के युग में 5जी तकनीक का प्रयोग इसलिए भी अपरिहार्य हो गया है कि बिना इसके भविष्य की वायरलेस तकनीक विकसित कर पाना संभव नहीं होगा और इसका असर न केवल सूचना प्रौद्योगिकी, बल्कि प्रौद्योगिकी विकास से जुड़े हर क्षेत्र में पड़ता दिखेगा।

इसलिए तेजी से बदलती दुनिया में भारत को अपनी जगह बनाने के लिए जरूरी है कि 5जी तकनीक का इस्तेमाल कर प्रौद्योगिकी के हर क्षेत्र का कायापलट किया जाए और खासतौर से विनिर्माण क्षेत्र में भारत दुनिया का प्रमुख केंद्र बन सके। अभी स्थिति यह है कि हम दुनिया के जिन विकसित देशों से कई मामलों में पीछे हैं, उसका एक बड़ा कारण दूरसंचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पीछे रहना है। दुनिया के कई देशों में तो 5जी पहले ही से प्रयोग में आ रही है, लेकिन अब जिस तेजी से 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए कमर कसी गई है, उससे यह साफ है कि भारत जल्दी ही दूरसंचार क्षेत्र में एक और बड़े बदलाव का गवाह बनने जा रहा है।

यों भारत में डिजिटल क्रांति का आगाज काफी पहले हो चुका था। इसके नतीजे भी सामने हैं। बैंकिंग सेवाओं से लेकर आनलाइन बाजार तक का जो विकास आज हम देख रहे हैं, वह इंटरनेट सेवाओं की ही देन है। अभी तक भारत में यह सब 4जी के सहारे ही चलता आ रहा है। इसके अलावा शिक्षा से जुड़े कार्यक्रम हों या घर-दफ्तर से होने वाले काम, ये अगर आज सब आनलाइन संभव हुए हैं तो इसके पीछे दूरसंचार क्रांति ही है। जाहिर है, 5जी की शुरुआत भारतीय जनजीवन में और बड़ा बदलाव लाएगी।

फिलहाल पहले चरण में दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी ‘एअरटेल’ ने देश के आठ शहरों में यह सेवा शुरू की है। इसी तरह ‘जियो’ भी जल्द ही चार शहरों में 5जी मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं शुरू करने की तैयारी में है। दूसरी कंपनियां भी देर-सवेर 5जी नेटवर्क शुरू करेंगी ही। फिलहाल जिन शहरों में 5जी सेवा शुरू होने की बात है, उनमें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बंगलुरु, पुणे, गुरुग्राम, चंडीगढ़, कोलकाता, लखनऊ जैसे बड़े शहर हैं। इन शहरों के लिए 5जी सेवा इसलिए भी जरूरी है कि ये शहर व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र होने के साथ आइटी सेवाओं के भी बड़े केंद्र हैं।

इसमें कोई संदेह नहीं कि 5जी सेवा से बहुत सारा काम आसान हो जाएगा। इंटरनेट की रफ्तार बढ़ेगी। दस मिनट का काम काफी कम वक्त में संभव हो सकेगा। और सिर्फ इंटरनेट संबंधी कामकाज ही नहीं, फोन काल सेवा भी बेहतर होने का दावा किया जा रहा है। इस वक्त देश में ज्यादातर मोबाइल उपभोक्ता फोन काल सेवाओं को लेकर संतुष्ट नहीं हैं।

ऐसे में यह सवाल तो उठता ही है कि अगर जहां 4जी के बाद भी नेटवर्क ढंग से काम नहीं करें और इंटरनेट की रफ्तार धीमी व बाधित होती रहने वाली हो, तो कैसे उन्नत दूरसंचार सेवाएं लोगों तक पहुंच पाएंगी? हालांकि अभी 5जी को देशभर में पहुंचाने में दो साल का वक्त लगने की बात कही जा रही है। यानी भारत में इस सेवा को हर मोबाइल उपयोगकर्ता तक पहुंचाना फिलहाल चुनौती भरा काम है। इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि भारत में दूरसंचार सेवाओं का बुनियादी ढांचा कोई अच्छी स्थिति में नहीं है। बीच में काल टूटने से लेकर इंटरनेट बाधा जैसी समस्याएं इसी का नतीजा हैं। ऐसे में 5जी की शुरुआत के बाद भी दूरसंचार सेवाओं को दुरुस्त बनाना कम बड़ी चुनौती नहीं होगी।