जाहिर है, महामारियों के इतिहास में इसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि टीके के निर्माण में परीक्षणों के कई चक्र की वजह से आमतौर पर कई-कई साल लगते हैं, मगर इस बार चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञों ने अपेक्षया काफी कम समय में टीका तैयार कर लिया। निश्चित रूप से इस मोर्चे पर गंभीर चिंता से दो-चार दुनिया को बड़ी राहत मिली है।
मगर एक नई निराशाजनक और चेतावनी से भरी खबर यह आई है कि कुछ दूसरे देशों सहित हमारे देश के कुछ राज्यों में भी बर्ड फ्लू तेजी से फैलने लगा है। हालांकि इस बुखार का वायरस आमतौर पर कई तरह के पक्षियों को संक्रमित करता है, लेकिन मनुष्य इससे पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। संवेदनशील परिस्थितियों और मामूली लापरवाही की वजह से कोई मनुष्य इस वायरस के संपर्क में आ जाए तो उसे गंभीर खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और केरल जैसे राज्यों में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने की खबरें हैं। हरियाणा में भी इस नए खतरे का असर इस रूप में सामने आया है कि पिछले दिनों पंचकूला में बरवाला के पोल्ट्री फार्म में करीब एक लाख मुर्गियों की मौत हो गई। हिमाचल प्रदेश के पोंग बांध झील अभयारण्य में अब तक लगभग अठारह सौ प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई।
इसके अलावा, राजस्थान के कई जिलों सहित मध्य प्रदेश से भी पक्षियों के नमूनों की जांच के बाद बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। केरल के कोट्टयम में डेढ़ हजार बत्तखों की मौत के बाद कई जिलों में सतर्क रहने की चेतावनी जारी की गई है। जाहिर है, एक साथ कई राज्यों में बर्ड फ्लू के संक्रमण में तेजी के मद्देनजर हालात को गंभीर कहा जा सकता है। अफसोस यह है कि अभी दुनिया के सभी देश कोरोना के झटके का ही सामना कर रहे हैं और इससे बचाव के उपाय नजदीक होने के बावजूद खुद को सुरक्षित नहीं पा रहे हैं। इस बीच बर्ड फ्लू ने एक नई चिंताजनक स्थिति पैदा कर दी है।
दरअसल, बर्ड फ्लू के नाम से ख्यात यह बीमारी एवियन इनफ्लूएंजा वायरस एच5एन1 के जरिए फैलती है। यों मुख्य रूप से इसका असर पक्षियों में देखा गया है और मनुष्य के जीवन पर अब तक इसका कोई बड़ा खतरा सामने नहीं आया है। मगर इसका कारण यह है कि पिछले करीब ढाई दशक के दौरान इसके संक्रमण के गंभीर होने के साथ शुरुआती दौर में ही इससे बचाव के पुख्ता इंतजाम किए गए।
कई देशों में लाखों वैसे पक्षियों को मार कर उनका सुरक्षित तरीके से निपटान किया गया, ताकि संक्रमण मनुष्यों को प्रभावित न करे। हालांकि अब तक मनुष्यों पर सीमित असर के बावजूद इसकी गारंटी नहीं है कि आने वाले दिनों में इस वायरस के खतरे से मनुष्य बचा रहेगा। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि इस वायरस के संक्रमण से सांस लेने में परेशानी, कफ, सिर और मांसपेशियों में दर्द, गले में सूजन आदि कई लक्षण उभर सकते हैं।
फिलहाल जिस कोरोना वायरस ने समूची दुनिया को फिक्र में डाल रखा है, उसकी चपेट में आने पर भी इसी तरह के कुछ मुख्य लक्षण देखे गए हैं। जाहिर है, मौजूदा मुश्किल समय में बर्ड फ्लू का खतरा दोहरी चुनौती की शक्ल में सामने आया है और इससे निपटने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।