Work from home scams exposed: वर्क फ्रॉम होम के तीन अलग-अलग रैकेट का भंडाफोड़ करने के साथ ही चंडीगढ़ पुलिस (Chandigarh) ने स्थानीय लोगों से कथित तौर पर 92.56 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। घोटालों में पीड़ितों को घर से काम करने के लिए आकर्षित करना और फिर उन्हें बड़ी रकम का निवेश करने का लालच देकर उनसे अवैध उगाही करना शामिल था।

सात महीनों में चंडीगढ़ के कम से कम 181 लोगों से 3.97 करोड़ से अधिक की ठगी

चंडीगढ़ पुलिस ने दावा किया है कि पिछले सात महीनों में वर्क फ्रॉम होम जॉब घोटाले में शहर के कम से कम 181 लोगों से 3.97 करोड़ रुपये (3,97,34,533) से अधिक की ठगी की गई है। पीड़ितों में से अधिकांश गृहिणियां, स्नातक और बेरोजगार लोग हैं। पुलिस ने कहा कि इस मामले में हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से नौ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। एसपी (साइबर सेल) केतन बंसल ने कहा, “ रिपोर्ट की गई शिकायतों के रिकॉर्ड के अनुसार यह पता चला कि शहर में पिछले कुछ महीनों से घर से काम करने की कुल 181 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें चंडीगढ़ के निर्दोष लोगों से 3,97,34,543 रुपये ठगे गए।”

21 फर्जी कंपनियों की पहचान करने का भी दावा, सभी संदिग्धों की हुई शिनाख्त

यूटी पुलिस ने 21 फर्जी कंपनियों की पहचान करने का भी दावा किया है। इनके जरिए विभिन्न बैंक खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने कम से कम 24 सेल फोन, आठ बैंक अकाउंट किट, शेल कंपनियों के 16 टिकट और शेल कंपनियों के विभिन्न फ्लेक्स बोर्ड और बाउंस चेक बरामद किए गए हैं। संदिग्धों की पहचान संदीप कुमार सांगवान (28), मनीष रावत (33), राकेश (28), आदित्य शर्मा (20), महेश शर्मा (34), राज कुमार नारंग (47), प्रतीक मैंगी (35), महेश कुमार (35) और विशाल वर्मा (34) के रूप में की गई है।

कैसे होता है प्रीपेड जॉब घोटाला? काम तलाश रहे जरूरतमंद लोगों को बनाते हैं निशाना

प्रीपेड जॉब घोटाले वे हैं जिनमें पीड़ितों को टेलीग्राम या व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर नकली नौकरी के अवसर के लिए बरगलाना शामिल है। ये ऑनलाइन घोटाले करने वाले जालसाज अक्सर कमजोर व्यक्तियों को टार्गेट करते हैं जिन्हें पैसे की ज़रूरत होती है और वे कुछ फुलटाइम या पार्टटाइम काम जैसे यूट्यूब वीडियो/चैनलों को लाइक करना ये सब्सक्राइब करने और सोशल मीडिया एप्लिकेशन को लाइक करने और साझा करने वगैरह की तलाश में होते हैं।

शुरुआत में वीडियो पसंद करने पर रकम दी, फिर एक टेलीग्राम ग्रुप में शामिल होने कहा

सूत्रों ने बताया कि कंवलजीत सिंह और दो महिलाओं की धोखाधड़ी की तीन शिकायतें मिलीं। कंवलजीत ने बताया कि उनके साथ करीब लाखों रुपये की धोखाधड़ी हुई है। उन्हें यूट्यूब वीडियो पसंद करने के लिए अंशकालिक ऑनलाइन नौकरी के संबंध में एक नंबर से व्हाट्सएप संदेश मिला। एक टेलीग्राम समूह द्वारा 39,53,825 की ठगी के पीड़ित ने शिकायत की कि शुरुआत में आरोपी ने उसे वीडियो पसंद करने के लिए कुछ रकम दी और फिर उसे एक टेलीग्राम ग्रुप में शामिल होने के लिए कहा।

अनजान कॉलर से एक व्हाट्सएप संदेश, लिंक लाइक करने पर रकम

उन्होंने उसे यूट्यूब चैनल, सोशल मीडिया पोस्ट को लाइक करने और अधिक पैसे कमाने के काम के लिए पैसे निवेश करने के लिए कहा गया। शिकायतकर्ता ने बताया कि 39 लाख 53 हजार 82 रुपये देने के बाद उसे समझ आ गया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। पुलिस ने कहा कि दोनों महिलाओं से भी इसी तरीके से 53,02,223 रुपये की ठगी की गई।

कथित धोखेबाजों द्वारा भेजे गए लिंक पर यूट्यूब वीडियो को लाइक करने का काम

महिलाओं में से एक ने पुलिस को बताया कि उसे एक अनजान कॉलर से एक व्हाट्सएप संदेश मिला, जिसने खुद को ज़ेबरा टेकीज़ सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से सागरिका यादव के रूप में पहचाना। उसने उसे घर से काम के अवसर के लिए पार्ट टाइम जॉब की पेशकश की। इस काम में कथित धोखेबाजों द्वारा भेजे गए लिंक पर यूट्यूब वीडियो को लाइक करना और सब्सक्राइब करना शामिल था।

210 रुपये दो बार और 90 रुपये एक बार भेजने के बाद देते थे लाखों के निवेश का लालच

शिकायत करने वाली महिला के अनुसार, उनके वीडियो पसंद आने के बाद वे उसे 210 रुपये दो बार और 90 रुपये एक बार भेजते थे और इस तरह पूर्व भुगतान के साथ कारोबारी काम भी उपलब्ध हो जाता था। व्यापारी कार्य के लिए उसने प्रारंभिक राशि के रूप में 1,000 रुपये और 5,000 रुपये का भुगतान किया। उसे विटफिनेक्स डॉट कॉम पर एक खाता बनाने के लिए कहा गया, जो एक मल्टी-ट्रेडिंग एक्सचेंज कंपनी की वेबसाइट है।

पीड़िता ने बताया कि खाता बनाने के दौरान उसे बताया गया कि उसने एक गलती की है, जिसके कारण समूह के सदस्य काम नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें उनके पैसे नहीं मिल रहे हैं। उसने शुरुआत में मानवता के आधार पर 1,90,000 रुपये का भुगतान किया और घोटाले में कुल 7,62,000 रुपये खो दिए।

कार्य प्रणाली

शुरुआत में, पीड़ितों को कुछ ऑनलाइन अंशकालिक नौकरी (Part Time Job) के संबंध में व्हाट्सएप/टेलीग्राम के माध्यम से संदेश प्राप्त हुआ। कथित जालसाजों द्वारा भेजे गए संदेश में अक्सर लिंक भी होते हैं। लिंक पर क्लिक करने या नंबर पर संपर्क करने के बाद पीड़ितों को टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर ग्रुप में शामिल होने के लिए कहा जाता था, जिसमें उनके पांच से दस सहयोगी पहले से मौजूद होते थे। अन्य सदस्य अपनी भारी आय दिखाकर पीड़ितों को भरोसा दिलाते हैं कि समूह वास्तविक है।

सोशल मीडिया पोस्ट को लाइक करने और सब्सक्राइब करने का काम

फिर पीड़ितों को यूट्यूब वीडियो और चैनल और अन्य सोशल मीडिया पोस्ट को लाइक करने, सब्सक्राइब करने का काम दिया जाता है। उन्हें उनके कार्य के लिए कुछ मामूली राशि का भुगतान भी किया जाता है। जब पीड़ित को अपने कार्य के लिए कुछ राशि प्राप्त होती है, तो उन्हें टेलीग्राम समूह पर उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड साझा करके धोखेबाजों द्वारा डिजाइन की गई वेबसाइट पर एक खाता बनाने के लिए कहा जाता है।

खाता बनाने के बाद पीड़ितों को बड़ी रकम निवेश करने का लालच

खाता बनाने के बाद पीड़ितों को बड़ी रकम निवेश करने का लालच दिया जाता है। पीड़ितों को टेलीग्राम/व्हाट्सएप के माध्यम से उनके वेबसाइट अकाउंट पर उनकी कमाई हुई रकम भी दिखाई जाती है, लेकिन वे उस रकम को निकाल नहीं सकते हैं। वे लगातार पीड़ितों से और पैसे जमा करने के लिए कहते हैं। जैसे-जैसे निवेश की रकम बड़ी होती जाती है, वे पीड़ित को समूह से निकाल देते हैं और वेबसाइट को रद्दी बना देते हैं। जब पीड़ित अपना पैसा निकालने के लिए उनसे संपर्क करते हैं, तो वे पीड़ितों से एक नए कार्य के लिए नए समूह में अधिक पैसा निवेश करने के लिए कहते हैं।

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घोटाले में चार्टेड अकाउंटेंट, बैंक कर्मचारी और वकील तक शामिल

जांच के दौरान, यूटी पुलिस ने कहा कि यह पता चला है कि सीए, बैंक कर्मचारी, ज्यादातर आईडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और वकील भी वर्क फ्रॉम होम घोटाले में शामिल हैं। वे फर्जी ट्रेडिंग कंपनियों के कार्यालय स्थापित करते हैं और विभिन्न बैंकों में अपने खाते खोलते हैं। जालसाज जरूरतमंद और गरीब लोगों की तलाश करते हैं और उनके नाम पर बैंक खातों का उपयोग वर्क फ्रॉम होम टास्क घोटाले के माध्यम से ठगी गई राशि को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है। उन्होंने ऐसे गरीब लोगों के नाम पर मोबाइल नंबर भी प्राप्त कर लिए और उन्हीं मोबाइल नंबरों को धोखाधड़ी के उद्देश्य से खोले गए बैंक खातों में दर्ज कर दिया।

पाकिस्तान और चीन स्थित हैंडलर

खाते खोलने के बाद, जालसाज उन्हें टेलीग्राम/व्हाट्सएप के माध्यम से दुबई, चीन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान में मौजूद अपने आकाओं को खाते की डिटेल मुहैया कराते हैं और वे उन्हें v5smsf, Bee, SMSEye2, पोकर का लिंक भेजते हैं (इन एप्लिकेशन का उपयोग एक्सेस लेने के लिए किया जाता है) मोबाइल फोन के एसएमएस और इन एप्लिकेशन को उन मोबाइल फोन में इंस्टॉल करने के लिए कहता है, जो कथित बैंक खातों में रजिस्टर्ड हैं। इंस्टॉलेशन के बाद वह धोखाधड़ी के उद्देश्य से मोबाइल से एसएमएस तक पहुंचने के लिए एप्लिकेशन में प्रवेश करने के लिए एक कोड प्रदान करता है।

वर्क फ्रॉम होम घोटाले की रकम क्रिप्टो करेंसी में निवेश, डिजिटल वॉलेट के जरिए भेजते हैं विदेश

वर्क फ्रॉम होम घोटाले से एकत्र की गई बड़ी राशि को क्रिप्टो मुद्रा (यूएसडीटी, बिटकॉइन) में निवेश किया जाता है और विभिन्न डिजिटल वॉलेट के माध्यम से दुबई, चीन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान भेजा जाता है। जांच के दौरान यह भी पता चला कि गिरफ्तार किए गए लोग मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। आरोपियों ने कथित तौर पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के उद्देश्य से शेल आयात/निर्यात ट्रेडिंग कंपनियां खोलीं। पुलिस ने दावा किया कि 20 फर्जी ट्रेडिंग फर्मों की संलिप्तता सामने आई है।