कर्नाटक के कोलार के एक स्कूल में महिला प्रिंसिपल पर छात्रों से जबरन ‘सोक पिट’ साफ कराने का आरोप है। मामले में किसी ने शिकायत दर्ज करा दी। इसके बाद स्कूल की प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के बाद कोलार जिले के प्रभारी मंत्री बी.एस. सुरेश ने स्कूल का निरीक्षण किया और घटना के बारे में छात्रों और शिक्षकों से जानकारी ली। वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कर्नाटक पुलिस को कथित घटना की जांच करने का निर्देश दिया है। एनसीपीसीआर ने कोलार उपायुक्त को पत्र लिखकर घटना की गंभीरता पर चिंता जाहिर की। इसके अलावा उन्होंने तीन दिनों के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी।
स्कूल की प्रिंसिपल और टीचर को किया गया गिरफ्तार
अधिकारियों ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक की शिकायत पर रविवार को दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थीं। उन्होंने बताया कि पहली एफआईआर ‘सोक पिट’ की घटना से जुड़ी है। जिसमें स्कूल प्रधानाचार्या को गिरफ्तार किया गया। जबकि दूसरी एफआईआर पॉक्सो अधिनियम से संबंधित है। जिसमें एक टीचर को गिरफ्तार किया गया है। मामले में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘स्कूल की प्रधानाचार्या को उनकी मौजूदगी में कुछ छात्रों से कथित तौर पर ‘सोक पिट’ साफ कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
टीचर पर पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुआ मामला
एक अन्य मामले में एक शिक्षक को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला कि मालूर तालुका के मोरारजी देसाई स्कूल में आठवीं नौवीं और 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले कुछ छात्रों को कथित तौर पर एक दिसंबर को स्कूल में एक ‘सोक पिट’ को साफ करने के लिए मजबूर किया गया था। मामले की जानकारी तब हुई जब घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। मीडिया के अनुसार, मामले में जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। उन्होंने बताया कि समिति घटनास्थल का दौरा करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।