यूपी के फर्रुखाबाद जिले में दवा लेने के लिए घर से निकली 33 वर्षीय विवाहित महिला को छह लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर आग लगा दी, सैफई अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतका की पहचान निशा सिंह के तौर पर हुई है और वह छह सितंबर को चौरई गांव स्थित अपने घर से स्कूटर पर निकली थी।
इसके कुछ घंटों बाद वह गंभीर रूप से जलने के कारण एक निजी अस्पताल में भर्ती मिली। डॉक्टरों ने उसके पिता बलराम सिंह को फ़ोन पर सूचित किया, जिसके बाद उसे दूसरे अस्पताल ले जाया गया और फिर वहां से लगभग 100 किलोमीटर दूर सैफई के एक और अस्पताल में ले जाया गया और वहीं उसने आखिरी सांस ली।
मरने से पहले पिता को बताई आपबीती
मरने से पहले, उसने अपने पिता को बताया कि दीपक सिंह नाम का एक व्यक्ति उस पर फोन पर बात करने का दबाव बना रहा था। उसने यह भी बताया कि दीपक ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर उसे एक स्कूल के पीछे बाग के पास आग लगा दी। निशा दो बच्चों की मां थी और उसका पति दिल्ली में काम करता है।
पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार, निशा खुद ही गाड़ी चलाकर पास के दरियापुर स्थित एक निजी अस्पताल पहुंची, जहां से उसे करीब 15 किलोमीटर दूर राम मनोहर लोहिया जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
बलराम सिंह ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी की शादी जुलाई 2013 में अमित चौहान से हुई थी। दंपति के दो बेटे रुद्र (11) और शौर्य (8) हैं। निशा के परिवार का आरोप है कि उसके कपड़े बदले हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह घर से सलवार सूट पहनकर निकली थी, लेकिन अस्पताल में वह हाफ ट्राउजर और गोल गले वाली बनियान पहने मिली, जो आमतौर पर पुरुष पहनते हैं।