गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ (Canada Gangster Goldy Brar) ने एक कथित फेसबुक पोस्ट के जरिये दावा किया था कि मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की हत्या यूथ अकाली दल के नेता विक्रमजीत सिंह उर्फ ​​विक्की मिद्दुखेड़ा (33) की हत्या का बदला लेने के लिए की गई थी। बता दें कि, विक्की मिद्दुखेड़ा की 7 अगस्त, 2021 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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विक्की मिद्दूखेड़ा का मूसेवाला से कनेक्शन: कभी अकाली दल का उभरता हुआ नेता रहा विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की (Vicky Middukhera) पंजाब के मुक्तसर जिले की मलौत तहसील के गांव मिद्दुखेड़ा का रहने वाला था। विक्की भी सिद्धू मूसेवाला की तरह ही अपने उपनाम की जगह गांव के नाम को इस्तेमाल में लाता था। आपको बता दें कि, मिद्दुखेड़ा की हत्या में मूसेवाला के मैनेजर शगन प्रीत का नाम सामने आया था; जिसके बाद वह आस्ट्रेलिया भाग गया था। लॉरेंस के गैंग (Lawrence Bishnoi Gang) ने मूसेवाला पर भी हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था।

छात्र नेता: विक्की मिद्दुखेड़ा, अपनी आगे की पढ़ाई को पूरी करने के लिए चंडीगढ़ (Chandigarh) चला गया था। कॉलेज में पढ़ाई के दिनों में वह अपने बड़े भाई अजय पाल सिंह के साथ सेक्टर 69, मोहाली में रहता था। सूत्रों का कहना है कि, विक्की ने एक बार लॉरेंस बिश्नोई का समर्थन किया था। उस दौरान विक्की मिद्दुखेड़ा डीएवी कॉलेज, सेक्टर 10 में पंजाब विश्वविद्यालय (SOPU) के छात्र संगठन के छात्र नेता के रूप में चुनाव लड़ रहा था।

सुखबीर बादल ने बनाया SOI का अध्यक्ष: कॉलेज में पढ़ाई के दौरान लंबे समय तक मिद्दुखेड़ा सोपू (SOPU) के सदस्य थे, लेकिन बाद में उसने स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (SOI) का दामन थाम लिया था, जिसे यूथ अकाली दल का समर्थन प्राप्त है। कुछ समय बाद अकाली दल के वरिष्ठ नेता सुखबीर सिंह बादल ने मिद्दुखेड़ा को स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (SOI) का चंडीगढ़ अध्यक्ष बना दिया था।

नकल विवाद लेकिन बड़ी पहचान: जून, 2015 में, विक्की मिद्दुखेड़ा उस समय विवादों में आ गया था, जब उसे एक लॉ कोर्स (Law) की प्रवेश परीक्षा में नकल करते हुए पाया गया। बाद में पीयू (Punjab University) में पढ़ाई जारी रखने के लिए उसने मास्टर्स कोर्स ऑफ डिफेंस स्टडीज में दाखिला लिया था। चंडीगढ़ और पंजाब में युवाओं के बीच विक्की मिद्दुखेड़ा का एक बड़ा नेटवर्क था। साथ ही उसका नाम सामाजिक कामों के कारण मीडिया में भी छाया रहता था।

मात्र एक एफआईआर: अक्टूबर, 2020 में चंडीगढ़ के सेक्टर 39 पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के अलावा विक्की मिद्दुखेड़ा (Vicky Middukhera Murder)की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी। प्राथमिकी में उसका नाम शहर में सक्रिय लॉरेंस बिश्नोई गिरोह (Lawrence Bishnoi) के सदस्यों के रूप में शामिल था। मिद्दुखेड़ा पर आरोप था कि वह गिरोह के सदस्यों को रसद में मदद देता था।