मेघालय में भाजपा के वरिष्ठ नेता बर्नार्ड एन मारक (Bernard Marak) को यूपी के हापुड़ में गिरफ्तार किया गया है। मारक पर कथित तौर पर वेश्यालय चलाने का आरोप है। इसी मामले में पुलिस ने मेघालय (Meghalaya) के तुरा में उनके फार्महाउस पर छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद फार्महाउस से छह नाबालिगों को छुड़ाया गया था और 73 लोगों को गिरफ्तार करने के साथ 500 पैकेट गर्भनिरोधक, आपत्तिजनक सामान और दर्जनों वाहन बरामद किए थे।
यूपी से हुई गिरफ्तारी
यूपी के हापुड़ (Hapur) में भाजपा नेता बर्नार्ड एन मारक की गिरफ्तारी के बाद जिला पुलिस अधीक्षक विवेकानंद सिंह ने कहा, “बर्नार्ड एन मारक उर्फ रिंपू को उत्तर प्रदेश से तुरा लाने के लिए एक टीम भेजी जा रही है। पुलिस ने नेता के खिलाफ लुकआउट नोटिस (LOC) जारी किया गया था। फरारी के दौरान जारी किये गए वीडियो में मारक ने कहा कि ये सब फर्जीवाड़े के आरोप हैं। मैंने कोई वेश्यालय (Brothel) या वेश्यावृत्ति का रैकेट नहीं चलाया, मैं फरार नहीं हूं। मुझे शिलांग छोड़ना पड़ा क्योंकि मेरी जान को खतरा है।
कौन है बर्नार्ड एन मारक?
मेघालय में वेश्यालय चलाने के आरोप में यूपी (UP) से गिरफ्तार हुआ भाजपा नेता बर्नार्ड एन मारक कभी उग्रवादी हुआ करता था। बर्नार्ड एन मारक मेघालय भाजपा का उपाध्यक्ष (Vice President of BJP Meghalaya unit) है। मारक ने बीते दिनों एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि मैं वेश्यालय नहीं चलाता। यह सब साजिश का हिस्सा है। यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।
मारक के खिलाफ दर्ज हैं 25 से अधिक केस
बर्नार्ड एन मारक (Bernard N Marak) कभी सशस्त्र विद्रोही समूह एएनवीसी (बी) का अध्यक्ष था, जो अचिक नेशनल वालंटियर काउंसिल का एक अलग गुट था। हालांकि, अब एएनवीसी (बी) भंग हो चुका है। मारक बाद में भाजपा में शामिल हो गया था और तुरा आदिवासी परिषद (Tribal Council) का चुनाव जीता था। मारक के खिलाफ साल 2000 से अब तक राज्य भर में 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
क्या है ANVC (B)?
दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल (South Asia Terrorism Portal) के अनुसार, अचिक नेशनल वालंटियर काउंसिल के तहत ‘अचिक भूमि’ (Achik Land) के प्रस्ताव में असम और मेघालय के पश्चिम खासी पहाड़ी जिले के गारो आबादी वाले क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने की कल्पना की गई थी। हालांकि, बाद में इसकी मांग उठनी बंद हो गई थी क्योंकि केंद्र सरकार और मेघालय सरकार ने 2004 में एक युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
एएनवीसी (बी) का अध्यक्ष था मारक
इस करार के बाद अचिक भूमि की मांग उठाने वाले सभी पक्ष शांति वार्ता (Peace Talks) में शामिल हो गए थे। हालांकि, 2012 में अचिक नेशनल वालंटियर काउंसिल (Achik National Volunteer Council) के एक अलग समूह का गठन हुआ जो बातचीत में यकीन (Anti-Talk) नहीं रखता था और इसे ही एएनवीसी-बी का नाम दिया गया था। बर्नार्ड एन मारक इसी सशस्त्र विद्रोही समूह एएनवीसी (बी) का अध्यक्ष था।