देश का एक राज्य पंजाब हर मामले में उपजाऊ रहा। चाहे बात खेती की हो या फिर राज्य से निकली सेना के जवानों और खिलाड़ियों के खेप की। लेकिन कहते हैं कि हर सुखद बात का एक दुखद पहलू भी होता है। पंजाब में अपराध और नशे का काला जाल भी जमकर फैला है। ऐसे में आज हम उस गैंगस्टर की कहानी बताने जा रहे हैं जो कभी नेशनल प्लेयर था लेकिन गलत संगत ने उसे जुर्म की दुनिया में धकेल दिया। हम बात कर रहे हैं इनामी गैंगस्टर जयपाल भुल्लर की।

इसी साल जून में कोलकाता में हुए एक एनकाउंटर में जयपाल भुल्लर को उसके साथी जसप्रीत जस्सी के साथ मार गिराया गया था। लेकिन अब आपको बताते है कि कैसे हैमर थ्रो जैसे खेल का एक राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी गैंगस्टर में तब्दील हो गया। वहीं जयपाल के पिता कोई सामान्य व्यक्ति नही थे बल्कि खुद एक पुलिस इंस्पेक्टर थे।

इंडियाटुडे के मुताबिक, परिजनों को तो कभी भनक भी नहीं लगी कि उनका बेटा जिस रास्ते पर निकल पड़ा है उसका अंत सिर्फ मौत है। हालांकि उसके पिता को जयपाल की संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी तो रही लेकिन वह उसे अपराध की दुनिया में जाने से नहीं रोक सके।

कैसे हुई अपराध की दुनिया में एंट्री: भुल्लर, राज्य सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली स्पीड फंड अकादमी से जुड़ा था। लेकिन इसी बीच साल 2004 में जयपाल ने गैंगस्टर के इशारे पर सिनेमा हाल के मालिक के बेटे का अपहरण किया और खेल की दुनिया कोसो दूर छूट गई। इसके बाद जब पिता ने समझाया तो वह घर पर ही रुका रहा लेकिन लगातार मिल रही धमकियों ने उसे परिवार से दूर कर दिया।

इस खूंखार गैंगस्टर के संपर्क में था भुल्लर: जयपाल जब जेल में था तो वह राजीव उर्फ़ राजा नाम के अपराधी के संपर्क में था, जिस पर 3 लोगों के क़त्ल का इल्जाम था। ऐसे में जब जयपाल को बेल मिली और वह बाहर आया तो एक तीसरे साथी शेरा के साथ मिलकर साल 2009 में राजीव को जेल से भगाने में मदद भी की। इसके बाद इन तीनों अपराधियों ने पूरे प्रदेश में जमकर आतंक मचाया।

क्या थी जयपाल की केस हिस्ट्री: पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक उस पर कुल 43 संगीन मामले दर्ज थे। जिनमें हत्या, डकैती, लूटपाट, अपहरण मुख्य थे। जयपाल ड्रग्स की तस्करी में भी शामिल था लेकिन यह खुलासा तब हुआ जब मोहाली पुलिस ने एक ड्रग्स तस्करी के मामले में सूबे के मशहूर स्मगलर गुरजंट को पकड़ा था। वह ए कैटेगरी का अपराधी और 10 लाख का इनामी भी था।