देश में फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Enforcement Directorate) चर्चा का विषय बनी हुई है। इसी ईडी के पीएमएलए कानून (PMLA Law) की चपेट में अब शिवसेना सांसद संजय राउत भी आ चुके हैं। इससे पहले भी इस कठोर कानून के चलते कई बड़ी-बड़ी हस्ती जेल की हवा खा चुकी है। संयोग तो ऐसा भी है कि जिस नेता ने इस कानून को लागू करवाया, वह भी इसी के चलते जेल में रहे। ऐसे में जानते हैं कि पीएमएलए कानून है क्या और कितना कठोर है।

पी. चिदंबरम ने लागू कराया था कानून?

पीएमएलए कानून साल 2002 में एनडीए शासन काल में बना और यूपीए शासन काल में साल 2005 में लागू हुआ। तब तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने ही इस कानून को लागू कराने में सबसे बड़ी भूमिका अदा की थी। संयोगवश इसी कानून के चलते चिदंबरम को ही दो महीने से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा था। दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत पिछले दो महीनों से सलाखों के पीछे हैं।

पीएमएलए कानून अभी चर्चा में क्यों?

दरअसल, महाराष्ट्र में पात्रा चाल घोटाले के चलते शिवसेना के तेजतर्रार नेता और सांसद संजय राउत भी इसकी चपेट में हैं। इससे पहले महाराष्ट्र में ही पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और नवाब मलिक भी लपेटे में आ चुके हैं। यदि महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में थोड़ा पीछे और जाएं तो एक नाम पूर्व मुख्यमंत्री छगन भुजबल का भी आता है, जो करीब 2 साल तक जेल में रहे थे।

कैसे काम करता है पीएमएलए कानून?

पीएमएलए कानून की कार्यप्रणाली की बात करें तो प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केवल उन मामलों की ही जांच शुरू करता है जिनमें पहले किसी और एजेंसी ने मामला दर्ज कर लिया हो। यानी ईडी के पास भले ही सीधे तौर पर किसी के खिलाफ केस दर्ज करने का अधिकार न हो लेकिन यदि उसने मामले में जांच शुरू की तो उससे ज्यादा ताकतवर कोई नहीं होता है।

काफी कठोर है PMLA कानून?

ईडी के पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) कानून की कठोरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फाइनेंशियल फ्रॉड करने वाले भगोड़े अपराधी वापस देश लौटने में भी कतरा रहे हैं, जिनमें नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे लोगों का नाम शामिल है। कारण भी है कि कानून के चलते गिरफ्तारी होने का मतलब है कि लंबे समय के जेल जाना। पहले भी इस कानून के चलते कई बड़े कारोबारी, राजनेता जेल जा चुके है और कई तो अभी भी सलाखों के पीछे बंद हैं।