यूं तो सियासत में दागदारों की कोई कमी नहीं है। अमूमन हर पार्टी में ऐसे नेताओं की काफी तादाद है जिनपर कई संगीन आरोप लगे हैं। आज हम बात कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी की नेता भारती घोष की। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव सिर पर है और सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं। राज्य में इस वक्त भारती घोष को लेकर भी काफी चर्चा है। कभी ममता बनर्जी की करीबियों में शुमार रहीं भारती घोष बंगाल कैडर की आईपीएस अधिकारी रह चुकी हैं। लेकिन साल 2017 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
भारती घोष की एक पहचान यह भी है कि साल 2019 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वायन की और राज्य की घाटल लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा पर वो हार गईं। लेकिन प्रशासनिक सेवा और राजनीति के अलावा भारती घोष कुछ अन्य वजहों से भी सुर्खियों में रहीं। भारती घोष पर जबरन वसूली और आपराधिक साजिश रचने के आरोप भी लगे।
CID ने की थी छापेमारी
भारती घोष पर कई केस दर्ज हैं हालांकि शीर्ष अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। बताया जाता है कि जब साल 2018 में सीआईडी ने भारती घोष के घर पर छापेमारी की थी तब उनके घर से 2.5 करोड़ रुपए नगद बरामद हुए थे। इतना ही नहीं जांच में सहयोग ना करने पर जांच एजेंसी ने भारती को मोस्ट वांटेड तक घोषित कर दिया था। भारती के पति राजू पर भी केस दर्ज हैं।
दरअसल फरवरी 2018 में चंदन मांझी नाम के एक शख्स ने भारती के खिलाफ वसूली और आपराधिक साज़िश रचने का इल्ज़ाम लगाया था। CID ने इस मामले की जांच के बाद कहा कि भारती के घर पर छापेमारी की गई। उन घरों से बहुत सारा नकद और सोने के गहने बरामद हुए। कुल मिलाकर ढाई करोड़ का सामान मिलने की बात बताई गई थी।
नक्सलियों पर लगाया लगाम
भारती घोष ने सफलतापूर्वक नक्सलियों पर लगाम लगाने में बड़ी भूमिका अदा की थी। कुख्यात माओवादी नेता कोटेश्वर राव के एनकाउंटर का श्रेय भी भारती घोष को ही दिया जाता है। मुख्यमंत्री ममता ने भारती घोष को पश्चिमी मिदनापुर का SP बना दिया था। मिदनापुर माओवादियों से घिरा हुआ क्षेत्र है। माओवादी गतिविधियों पर काबू पाने में भारती घोष की भूमिका के चलते उन्हें 15 अगस्त 2014 को सर्विस मेडल से सम्मानित किया गया था।
कोलकाता में जन्मीं भारती घोष के पास हार्वर्ड से इंटरनेशनल मार्केटिंग में डिग्री है। इसके अलावा यह भी बताया जाता है कि भारती ने एमबीए और एलएलबी की पढ़ाई कर रखी है।
