कभी-कभी जिंदगी में कोई दांव उल्टा पड़ जाता है और कुछ ऐसा ही मल्टीनेशनल कंपनी वालमार्ट के साथ हुआ है। मामला अमेरिका का है, जहां साल 2016 में वालमार्ट के कर्मचारियों ने एक महिला पर चोरी का आरोप लगाया था। इस मामले में गिरफ्तारी के बाद महिला ने भी कंपनी पर केस किया था। ऐसे में अदालत ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी को 15 करोड़ रुपये बतौर हर्जाना देने का आदेश दिया है।

साल 2016 में हुई इस घटना में लेस्ली नर्स नाम की अमेरिकी महिला वालमार्ट स्टोर में खरीददारी करने गई थी। जैसे ही वह बिल का भुगतान कर बाहर आने लगी तो कर्मचारियों ने महिला को रोकते हुए 48 डॉलर यानी 3600 रूपये की कीमत का सामान चोरी करने का आरोप लगाया था।

इस मामले में महिला लेस्ली नर्स का कहना था कि उसने 3600 रुपये के खरीदे गए सामान का भुगतान कर दिया था। इसके बावजूद भी उसे गिरफ्तार कर लिया गया और नौबत यहां तक आ पहुंची कि उस पर कानूनी कार्रवाई की धमकी तक दी जाने लगी। फिर कुछ दिनों बाद उसे एक लॉ फर्म द्वारा नोटिस भी भेजे गए थे।

लेस्ली ने दावा किया कि यह नोटिस मल्टीनेशनल कंपनी वालमार्ट, लॉ फर्म के द्वारा भिजवा रही थी। फिर महिला पर कंपनी द्वारा 3600 रुपये के बदले करीब 15 हजार रूपये का भुगतान करने का दबाव भी बनाया गया। ऐसे में कंपनी की हरकत से आजिज आकर लेस्ली नर्स ने साल 2018 में वालमार्ट के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया था।

वालमार्ट पर दायर किये गए मुकदमें में स्थानीय अदालत ने महिला लेस्ली नर्स के पक्ष में फैसला सुनाया। जिसमें अदालत ने वालमार्ट कंपनी को 2.1 मिलियन डॉलर (15 करोड़ रुपए से अधिक) की धनराशि बतौर हर्जाने के रूप में देने को कहा है। अदालत के फैसले पर लेस्ली नर्स ने कहा कि वालमार्ट पहले भी कई ग्राहकों पर चोरी का आरोप लगाकर पैसे वसूल करता रहा है।

लेस्ली ने बताया कि यह मेरे साथ हुआ इसलिए मैंने कंपनी के खिलाफ आवाज उठाई है, ताकि दूसरे लोगों को इस तरह की समस्याओं से बचाया जा सके। वहीं, मल्टीनेशनल कंपनी वालमार्ट इस फैसले को ऊपरी अदालत में चैलेंज करने की तैयारी में है।