उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साल 2020 में 2 फरवरी को एक हत्याकांड के सनसनी फैल गई थी। इसी दिन विश्व हिंदू महासभा के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत बच्चन की दिनदहाड़े हजरतगंज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस प्रशासन सहित पूरी सरकार सन्न थी कि एक व्यक्ति जो सुबह अपने दोस्त के साथ टहलने निकला था, उसे सार्वजानिक पार्क के सामने गोली मारी गई थी।

इस पूरे हत्याकांड में कई परतें थी जो कुछ हद तक रणजीत के जीवन में हुई घटनाओं के कारण ही पैदा हुई थी, लेकिन आपको थोड़ा पीछे ले चलते हैं। गोरखपुर में जन्में रणजीत श्रीवास्तव अभिनय के शौकीन थे। अमिताभ बच्चन आदर्श थे, इसलिए अपने नाम के आगे भी बच्चन लगा लिया था। साल 2000 में रणजीत की मुलाकात कालिंदी शर्मा नाम की युवती से पहचान एक नुक्कड़ नाटक के दौरान हुई फिर दोनों दोस्त बन गए।

रणजीत ने कालिंदी शर्मा के साथ 4 फरवरी 2002 में शांति का संदेश देने के लिए साइकिल यात्रा शुरू की। आठ साल तक चली यात्रा के बीच में ही 2005 में दोनों ने शादी कर ली। जब यात्रा 2010 में खत्म हुई नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया। साल 2012 में दोनों ने सपा के प्रचार किया और सरकार बनी तो रणजीत को राज्यमंत्री बना दिया गया। साल 2014 आते-आते स्मृति वर्मा नाम की लड़की रणजीत की जिंदगी में आई।

कार की खरीद-फरोख्त के चलते हुई मुलाकात दोस्ती में बदल गई और रणजीत ने कालिंदी को बिना बताए 18 जनवरी 2015 में स्मृति से दूसरी शादी कर ली। उधर गोरखपुर में रह रही कालिंदी ने इसी साल 21 जनवरी को एक बेटे को जन्म दिया। वहीं जब कालिंदी को रणजीत की दूसरी शादी के बारे में पता चला तो उसने गोरखपुर में शिकायत दर्ज करवा दी। बड़े मान-मनौवल के बीच सुलह हुई तो कालिंदी लखनऊ रहने लगी। उधर रणजीत पर दूसरी पत्नी स्मृति का भी दबाव था।

जैसे-तैसे जीवन कट रहा था कि साल 2017 में रणजीत के ढाई साल के बेटे की मौत हो गई। भारी दुःख के बीच रणजीत ने आध्यात्म की तरफ रुख किया और भगवा चोला धारण कर लिया। इसके बाद उन्होंने कई सारे संगठन और सामाजिक संस्थाएं चलाई, जो अलग-अलग जगहों में काम कर रही थी।

साल 2020 में 2 फरवरी के दिन वह अपने दोस्त आदित्य के साथ सुबह टहलने निकले थे कि तभी रणजीत बच्चन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस बड़े हत्याकांड के चलते अफसरान के हांथ-पांव फूल गए और मामले में जांच हेतु तत्काल 6 टीमें गठित कर दी गई। घटना के चार दिन बाद ही पुलिस ने आरोपियों को अरेस्ट कर खुलासा करते हुए कहा था कि रणजीत की हत्या उसकी दूसरी पत्नी स्मृति ने अपने प्रेमी व उसके दोस्त के साथ मिलकर करवाई थी।

दरअसल, स्मृति ने रणजीत से कई बार तलाक लेने की बात कर चुकी थी लेकिन वह तैयार नहीं थे। जवाहर भवन के कोषागार में कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत स्मृति का संपर्क दीपेंद्र नाम के युवक से हुआ था और वह उससे शादी करना चाहती थी। रणजीत के कई बार मना करने के बाद स्मृति ने दीपेंद्र के साथ मिलकर प्लान बनाया और रणजीत की हत्या करवा दी। इस घटना में दीपेंद्र के साथी जितेंद्र और संजीत को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।