आज बात उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी के इलाकों में खौफ का दूसरा नाम रहे देवपाल राणा की। देवपाल राणा कभी एक पुलिस कांस्टेबल था लेकिन जब जुर्म की दुनिया में आया तो आतंक मचा दिया। खौफ फ़ैलाने के साथ ही साथ उसने राजनीति में खासी धमक बनाई। हालांकि, कुख्यात गैंगस्टर देवपाल राणा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन कई सालों तक उसने हत्या, लूट, डकैती की कई सारी वारदातों को अंजाम दिया था।
देवपाल राणा, मूलतः सहारनपुर के बडगांव का रहने वाला था और साल 1995 में बतौर कांस्टेबल पीएसी की 40वीं वाहिनी में भर्ती हुआ था। कहा जाता है कि देवपाल नौकरी के दौरान भी आपराधिक कृत्यों में शामिल था, जिसके चलते उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। जब देवपाल की नौकरी गई तो वह जरायम की दुनिया में तेजी से सक्रिय हो गया। आसपास के इलाकों में कई अपराधों को अंजाम देने के चलते उसे कई बार जेल भी भेजा गया।
देवपाल जैसे ही जेल से जमानत पर छूटा तो उसने सफेदपोश बन अपनी धमक बनानी शुरू की। इसमें वह कामयाब भी हुआ और फिर ननौता सीट से अपनी पत्नी को ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़वाया। इन चुनावों में राणा की पत्नी भी जीत गई। इस जीत ने देवपाल राणा का हौसला भी बढ़ा दिया। फिर देवपाल राणा ने साल 2002 और 2007 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की कोशिश की, लेकिन उसे टिकट नहीं मिला।
यूपी और उत्तराखंड में देवपाल राणा ने हत्या, लूट, गैंगवार और डकैती समेत कई जघन्य अपराधों को अंजाम दिया। देवपाल राणा के ऊपर संगीन जुर्मों के करीब के 16 मुकदमें दर्ज थे। देवपाल राणा, पश्चिमी यूपी के कुख्यात गैंग राठी का शार्प शूटर भी था। देवपाल का नाम फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीन बेचने, विवादित जमीनों को हथियाने और रंगदारी मांगने में भी आया था। देवपाल चर्चा में तब आया था, जब उसने पुलिस नौकरी के दौरान ही सुनार के साथ लूटपाट की थी।
साल 2014 में रुड़की उप कारागार में हुई गैंगवार में शामिल होने के बाद देवपाल राणा का नाम और अधिक सुर्खियों में आ गया था। इस घटना में गैंगस्टर चीनू पंडित के तीन करीबियों की मौत हो गई थी। इसी मामले में उसे साल 2017 की फरवरी में हरियाणा के कुरुक्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। फिर उसे उत्तर प्रदेश के देवबंद जेल भेज दिया गया था। हालांकि, उसी नवंबर में एक पेशी के दौरान उसे कोर्ट में कुछ शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।