उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में अपने पति को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आयी साजिदा को इलाज तो दूर की बात मरने के बाद पति का शव उठाने वाला भी कोई नहीं मिला। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि साजिदा नाम की महिला अपने पति सुखराम को इलाज के लिए सोमवार सुबह जिला अस्पताल ले कर आयी। वह काफी देर तक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर अपने पति के इलाज के लिए डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों से मदद मांगती रही लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।

उन्होंने बताया कि बहुत देर तक सुखराम वैसे ही इमरजेंसी वार्ड में फर्श पर पड़ा रहा और अंत में उसकी मौत हो गई। साजिदा और सुखराम के दुखों का यहीं अंत नहीं हुआ। मौत के बाद सुखराम का शव वहीं फर्श पर पड़ा देर तक बारिश में भींगता रहा लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया। बहुत देर बाद साजिदा का रोना सुनकर कुछ लोगों ने उसके पति के शव को वहां से लाकर पास बने रैन बसेरा में रख दिया।

मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक डॉक्टर सुनीत वार्षणेय ने जांच का आदेश देते हुए कहा कि दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आपको याद दिला दें कि अप्रैल के महीने में झारखंड के जमशेदपुर से एक ऐसी ही खबर आई थी। यहां सरकारी अस्पताल में प्रसव के लिए आई रिजवाना खातून ने आरोप लगाया था कि सही समय पर इलाज नहीं मिलने से उनके बच्चे की मौत हो गई। उनका कहना था कि काफी देर मिन्नते करने के बाद भी अस्पताल कर्मियों ने उन्हें एडमिट नहीं किया था।

उनका यह भी आरोप था कि ब्लीडिंग होने पर अस्पताल के कर्मचारियों ने उनसे खून साफ करवाया था और उनकी चप्पल से पिटाई भी की गई थी। इस मामले पर खुद राज्य के सीएम हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया था और इसकी जांच के आदेश दिये थे।

हालांकि जांच के बाद अधिकारियों ने कहा था कि रिज़वाना खातून के इलाज में देरी जरुर हुई थी लेकिन उनके साथ मारपीट करने या ब्लड साफ करवाने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। प्रशासन की इस जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद पीड़ित परिवार ने जांच रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए थे।