उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में चोरों के एक ऐसे गैंग का खुलासा हुआ है, जो एक कॉर्पोरेट कंपनी की तरह काम कर रहा था। इसमें चोरों को हर महीने तनख्वाह मिलती थी। वहीं, मोबाइल चोरी का टारगेट पूरा करने पर इंक्रीमेंट भी तय होता था। पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह गैंग अब तक करोड़ों रुपए के मोबाइल फोन चोरी कर चुका है। साथ ही, इस गैंग का 2 पुलिसकर्मियों से भी कनेक्शन मिला, जिन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही, सहारनपुर में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर का नाम भी सामने आ रहा है।
280 फोन व लैपटॉप बरामद: पुलिस के मुताबिक, यह गैंग करीब 5 साल से शहर में एक्टिव है। वहीं, इसका नेटवर्क हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु आदि राज्यों तक फैला हुआ था। इस गैंग से जुड़े चोर पलक झपकते ही मोबाइल व लैपटॉप पार कर देते थे। चोरी किए गए फोन व लैपटॉप विदेशों में भी बेचे जा रहे थे। पुलिस के मुताबिक, इस पूरे नेटवर्क को शरद गोस्वामी नाम का एक शख्स मेरठ में ही बैठकर ऑपरेट कर रहा था।
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क्रिकेटर मनोज प्रभाकर भी पत्नी को भी लूटा: पुलिस की जांच में सामने आया है कि इसी गैंग के चोरों ने क्रिकेटर मनोज प्रभाकर की पत्नी का मोबाइल भी लूटा था। यह वारदात दिल्ली में मैक्स हॉस्पिटल के पास अंजाम दी गई थी। वहीं, शिकायत दर्ज कराने पर गैंग के सरगना ने फोन पर धमकी भी दी थी। हालांकि, बाद में यह फोन नेपाल से बरामद कर लिया गया था।
1400 फोन से भरी गाड़ी भी लूटी: बताया जा रहा है कि इसी गैंग ने गौतमबुद्धनगर में एक कंपनी की गाड़ी लूट ली थी, जिसमें 1400 मोबाइल फोन थे। वहीं, गिरोह के मेंबर ठक-ठक गैंग की तरह भी वारदात को अंजाम देते थे।
हर महीने लूटते थे 2-3 हजार मोबाइल: पुलिस के मुताबिक, यह गैंग हर महीने 2 से 3 हजार मोबाइल लूटता था, जिनकी कंसाइनमेंट देश के अलग-अलग राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी भेजी जाती थी। इस धंधे की मदद से शरद गोस्वामी अब तक करोड़ों रुपए कमा चुका है।

