मुन्ना बजरंगी उर्फ प्रेम प्रकाश का जन्म साल 1967 में हुआ था। कहा जाता है कि मुन्ना को कम उम्र में ही हथियार रखने का शौक हो गया था। लिहाजा नाबालिग अवस्था में ही वो जुर्म की काली दुनिया में आ गया। मुन्ना बजरंगी ने सिर्फ 5वीं क्लास तक पढ़ाई की थी। मुन्ना बजरंगी के खिलाफ पहला केस उस वक्त दर्ज किया गया जब उसकी उम्र महज 17 साल थी। मुन्ना पर मारपीट करने और अवैध हथियार रखने का आरोप था।
बाद में मुन्ना बजरंगी ने गजराज सिंह के गैंग को ज्वायन कर लिया। जौनपुर में गैंग में शामिल होने के बाद उसकी हसरत जुर्म के दुनिया में छा जाने की थी। बताया जाता है कि साल 1984 में मुन्ना बजरंगी ने पहला बड़ा क्राइम किया। उसपर एक बिजनेसमैन की हत्या का आरोप लगा। इसके बाद मुन्ना बजरंगी पर भारतीय जनता पार्टी के नेता रामचंद्र सिंह की हत्या का आरोप भी लगा।
मुख्तार अंसारी से दोस्ती
बताया जाता है कि 90 के दशक में मुन्ना बजरंगी ने मुख्तार अंसारी के गैंग को ज्वायन किया। काले कारनामों की वजह से वो जल्दी ही मुख्तार अंसारी का दाहिना हाथ बन बैठा। कहा जाता है कि मऊ से ही अंसारी गैंग चलता था और पूरे पूर्वांचल में इस गैंग का दबदबा था। बजरंगी और मुख्तार अंसारी ने मिलकर कई सरकारी ठेकों पर अपना दबदबा कई दिनों तक बनाए रखा।
भाजपा विधायक की हुई हत्या
बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में भी मुन्ना बजरंगी पर आरोप लगे थे। कृष्णानंद राय की उनके गांव से नजदीक ही सैंकड़ों गोलियां चलाकर हत्या कर दी थी। आरोप लगे कि इस घटना को मुन्ना बजरंगी ने मुख्तार अंसारी के इशारे पर अंजाम दिया था। कहा जाता है कि कृष्णानंद राय के सिर पर माफिया डॉन बृजेश सिंह का हाथ था। पूर्वांचल में मुख्तार और बृजेश सिंह गैंग में अदावत की कहानी पुरानी है। कई लोगों की हत्या इन दोनों की दुश्मनी में हो चुकी है।
मुख्तार से बिगड़े संबंध
कहा जाता है कि इस हत्याकांड के कुछ दिनों बाद मुन्ना बजरंगी के मुख्तार अंसारी से संबंध खराब हो गए। इधर कृष्णनंदन राय की हत्या के बाद पुलिस मुन्ना बजरंगी की सरगर्मी से तलाश कर रही थी। कृष्णानंद राय की हत्या के बाद भाग-भाग कर थक चुके मुन्ना बजरंगी को मुंबई के मलाड इलाके से 2009 में गिरफ्तार किया गया था। ऐसा भी माना जाता है कि अपनी गिरफ्तारी खुद ही मुन्ना बजरंगी ने करवाई थी।
सियासत में आजमाई किस्मत
बता दें कि मु्न्ना बजरंगी ने साल 2012 में तिहाड़ जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ा था। वो मरियाहू सीट से अपना दल और पीस पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर मैदान में था। इस चुनाव में मुन्ना बजरंगी ने तीसरा स्थान हासिल किया।
जेल में मारा गया मुन्ना बजरंगी
कहा जाता है कि मुन्ना बजरंगी ने 40 हत्याएं की थीं। पुलिस की फाइलों में उसपर कई संगीन जुर्म दर्ज हैं। साल 2018 में मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का आरोप एक और कुख्यात गैंगस्टर सुनील राठी पर लगा था।