हरियाणा के छोटे से कस्बे की रहने वाली अंकिता चौधरी ने IAS बनने का सपना देखा था। उन्हें इस बात का पहले ही एहसास थी कि ये लक्ष्य उनके लिए आसान नहीं होगा। साधारण परिवार से आने वाली अंकिता ने UPSC की परीक्षा के लिए अलग रणनीति के साथ मेहनत करना शुरू किया था। हालांकि उनका इस परीक्षा में पहली बार में चयन नहीं हो पाया था। दूसरी बार में उन्होंने अपनी गलतियों में सुधार किया और सफलता प्राप्त की।

अंकिता बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई रोहतक के मेहाम जिले से की थी। अंकिता शुरुआत से ही पढ़ाई में काफी होशियार थीं। इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन दिल्ली से करने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने पोस्ट-ग्रेजुएशन करने का फैसला किया। पोस्ट-ग्रेजुएशन के दौरान ही अंकिता ने यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया था। पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी होने के बाद अंकिता ने पहली बार यूपीएससी एग्जाम दिया।

क्या थी अंकिता चौधरी की रणनीति: अंकिता चौधरी ने पहली बार यूपीएससी एग्जाम दिया तो उनका चयन नहीं हो पाया। अंकिता ने अपनी गलतियों की पहचान की और उनमें सुधार किया। एक बार फिर उन्होंने अलग रणनीति बनाई और दूसरी बार यूपीएससी एग्जाम दिया। इस बार अंकिता की स्ट्रेटेजी काम कर गई और उन्होंने UPSC 2018 ऑल इंडिया 14 रैंक प्राप्त की। इसके बाद उनका IAS अधिकारी बनने का रास्ता साफ हो गया।

अंकिता चौधरी कहती हैं, ‘आपको मेन्स के लिए सबसे ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। आपको सही सब्जेक्ट चुनना चाहिए। जिसमें आपको पहले से कोई जानकारी हो। मेरा बैकग्राउंड केमिस्ट्री में था। सबसे पहले ठीक ऑप्शनल सब्जेक्ट पर ध्यान दें। क्योंकि मैं शुरू से ही साइंस की छात्रा रही थी। लेकिन यहां सब अलग था। मैंने अपने रुचि के अनुसार सब्जेक्ट चुना। मैंने कुछ नोट्स भी बनाए थे। जिससे मेरा सिलेबस बहुत सीमित हो गया था। बुलेट पॉइंट्स और डायग्राम बनाने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इससे काफी आसानी मिलती है। कम किताबों से पढ़ाई करनी चाहिए और बार-बार रिवीजन करनी चाहिए। ज्यादा किताबों से चीजें खराब ही होती हैं।’