उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में हाल में हुई बैंक कर्मचारी से 26 लाख रुपए की लूट के मामले में पूछताछ के मकसद से हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वहीं मृतक के परिजनों ने पुलिस पर हिरासत में प्रताड़ना देने और जहर खिलाने का आरोप लगाया है। लेकिन मामले में पुलिस ने इन आरोपों को गलत बताया है और इस पर जांच करने की बात कही है। यह मामला पीपरपुर क्षेत्र का है। वहीं इस मामले में संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ सुल्तानपुर नगर कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
लूट के बाद पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लिया थाः अमेठी के अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम ने बताया कि यूको बैंक की दूसरी शाखा में पैसे जमा करने जा रहे शाखा प्रबन्धक से 26 लाख रुपए की लूट हुई थी। मामले में पुलिस तथा स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने सत्य प्रकाश शुक्ला (50) तथा उनके बेटों को 28/29 अक्टूबर की दरम्यानी रात करीब दो बजे घर से हिरासत में लिया था। यह घटना पांच अक्टूबर को पीपरपुर थाना क्षेत्र के परसोईया इलाके में घटी है।
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पुलिस पर लगा प्रताड़ित करने का आरोपः पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शुक्ला ने दबिश के दौरान अपने घर में ही जहर खा लिया और रास्ते में तबीयत खराब होने पर उसे सुलतानपुर जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शुक्ला के परिजन ने बताया कि पुलिस ने उसे बेहद प्रताड़ित किया और जहर खिला दिया जिससे उसकी मौत हो गई।
अफसरों और कर्मियों के खिलाफ मामला दर्जः इस घटना के खिलाफ शिकायत किए जाने पर सुलतानपुर के पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार के निर्देश पर शहर कोतवाली में एसओजी अमेठी और पीपरपुर पुलिस के सम्बन्धित अफसरों और कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ धारा 302 (हत्या), 392 (लूट के लिए दण्ड), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 452 (बिना अनुमति घर में घुसना, चोट पहुंचाने के लिए हमले की तैयारी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने आरोपों को गलत ठहरायाः अपर पुलिस अधीक्षक ने शुक्ला को प्रताड़ित करने और पुलिस द्वारा जहर खिलाए जाने के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने इस पर बयान देते हुए कहा कि पुलिस 26 लाख रुपए की लूट के मामले में पूछताछ के लिए उसे पकड़ने गई थी तभी उसने घर के अंदर ही जहर खा लिया।
पोस्टमॉर्टम में जहर खाने की पुष्टि हुईः मामले में उधर देर शाम सरकारी सूत्रों ने लखनऊ में बताया कि ‘अभी तक की जांच में जो तथ्य सामने आए है उनके मुताबिक अमेठी की घटना में जिस अस्पताल में सबसे पहले ले जाया गया वहां के डाक्टर ने जो रिपोर्ट बनाई है इसमें किसी जहरीली चीज के खाने की बात बताई गई है। डाक्टर ने इसे अपने रिपोर्ट में भी दर्ज किया है। वहीं पोस्टमॉर्टम में शरीर पर जख्म की कोई रिपोर्ट नहीं है।’
विपक्ष ने लगाया आरोपः दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इस मामले में प्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा, ‘अमेठी में पुलिस-हिरासत में हुई सत्य प्रकाश शुक्ला की मौत से उपजे जनाक्रोश को भाजपा सरकार झूठी दलीलें देकर दबाना चाह रही है। परिजनों ने थर्ड डिग्री की प्रताड़ना का जो आरोप लगाया है उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए नहीं तो भाजपा सरकार से जनता का रहा-सहा भरोसा भी उठ जाएगा।’

