उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में एक सभा में कहा था कि अगर कोई महिलाओं को परेशान करता है तो मृत्यु के देवता यमराज उसकी प्रतीक्षा कर रहे होंगे। उनके इस बयान के कुछ ही घंटों बाद आगरा के एक गांव में नशे में धुत एक पुलिस उपनिरीक्षक (SI) ने एक घर की दीवार फांद कर रविवार रात को 16 वर्षीय लड़की से कथित तौर पर छेड़छाड़ की। नाबालिग पीड़िता द्वारा मदद के लिए चिल्लाने के बाद बगल के कमरे में सो रहे उसके माता-पिता और आसपास के लोग उसकी मदद के लिए दौड़े।

देर रात नशे में धुत नग्न पुलिसकर्मी को खंभे से बांधकर ग्रामीणों ने जमकर पीटा

नाबालिग की मदद के लिए दौड़े लोगों के मुताबिक देर रात उन्होंने देखा कि एक लगभग नग्न पुलिसकर्मी लड़की को जबरन पकड़ने की कोशिश कर रहा था। इसके बाद गांव वालों ने नशे में धुत पुलिसकर्मी को पकड़कर एक खंभे में रस्सी से बांध दिया और स्थानीय पुलिस को सूचना देने से पहले उसकी पिटाई शुरू कर दी। मौके पर पुलिस के पहुंचने के बाद भी वे लोग करीब एक घंटे तक उस पुलिसकर्मी को पीटते रहे।

एक महीने से लड़क के घर के आसपास देखा जा रहा था आरोपी पुलिसकर्मी- ग्रामीण

गांव वालों ने पुलिस उपनिरीक्षक के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए उसे खंभे से खोलने और वहां से जाने देने से इनकार कर दिया। जल्द कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने पुलिसकर्मी को जाने दिया। घायल पुलिसकर्मी को पहले स्थानीय पुलिस स्टेशन और फिर मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि एसआई को पिछले एक महीने से लड़की के घर के आसपास देखा जा रहा था।

पुलिसकर्मी की पिटाई का वीडियो वायरल, लड़की ने शेयर किया शिकायत का वीडियो

पीड़िता नाबालिग लड़की ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें दावा किया गया कि पुलिसकर्मी उसे पिछले महीने से परेशान कर रहा था। वीडियो में लड़की ने कहा था, “अगर मैंने उनकी शर्तें नहीं मानी तो उन्होंने मेरे पिता को झूठे मामले में फंसाने की भी धमकी दी थी।” सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से घटना के प्रकाश में आने के तुरंत बाद आगरा के पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने उप-निरीक्षक को निलंबित कर दिया। क्योंकि पुलिसकर्मी की पिटाई का वीडियो वायरल हो गया था।

आरोपी पुलिसकर्मी सस्पेंड- मामला दर्ज, आगरा पुलिस कमिश्नर ने दिए विभागीय जांच के आदेश

डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने घटना की विभागीय जांच के भी आदेश दिये हैं। आगरा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ACP) सौरभ सिंह ने कहा,
“यह एक निंदनीय घटना है और पुलिसकर्मी को तुरंत निलंबित कर दिया गया। हम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।” आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 (छेड़छाड़) और 447 (आपराधिक अतिक्रमण) के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई है।

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