उत्तर प्रदेश के महाराजगंज की एक अदालत ने दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी की हत्या के मामले में एक शख्स और उसकी भाभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक पर 35,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी दी।

महिला के साथ क्रूरता करने का लगाया था आरोप

अतिरिक्त जिला सरकारी वकील सेवादार मणि त्रिपाठी ने कहा कि अदालत ने अंगद यादव (32) और उसकी भाभी रेणु देवी (उसके बड़े भाई की पत्नी) को 2018 में तेजम देवी की हत्या का दोषी पाया। तेजम के पिता वारिस्टर यादव द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था, जिन्होंने अंगद और उसके परिवार पर दहेज की मांग को लेकर उसके साथ क्रूरता करने का आरोप लगाया था।

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महिला की शादी 2013 में कोठीभर क्षेत्र के बसदेला गांव में अंगद से हुई थी। भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए (महिला के साथ क्रूरता), 304बी (दहेज हत्या), 302 (हत्या), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 34 (सामान्य इरादा) के साथ-साथ दहेज निषेध अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई

सर्वेश्वर ने बताया कि मुकदमे के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि दोनों आरोपी तेजम की मौत के लिए जिम्मेदार थे और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

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गौरतलब है कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की एक अदालत ने यूपी पुलिस को 30 साल की महिला के ससुराल वालों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया था। आरोप है कि महिला के सास-ससुर ने दहेज की मांग पूरी न करने पर उसे एचआईवी संक्रमित इंजेक्शन लगाया था। पुलिस ने बताया कि अदालत के निर्देश के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है।