उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक बैंक कर्मचारी की मदद से किसान का डुप्लीकेट एटीएम कार्ड बनाकर गैंग ने 1.3 करोड़ रुपए की चोरी को अंजाम दिया। यूपी पुलिस ने बुधवार (9 अक्टूबर) को आरोपी बैंक कर्मी बद्री नारायण को भी गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बद्री ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच मैनेजर और एक एमबीए होल्डर को किसान के सेविंग अकाउंट का एक्सेस दिया था। पुलिस ने कहा कि पीड़ित किसान तैय्यब खान के अब तक सिर्फ 7 लाख रुपए रिकवर हो पाए हैं। इस मामले में ब्रांच मैनेजर पहले ही गिरफ्तार हो चुकी है।

ऐसे लोगों पर रहती थी नजरः गाजियाबाद रूरल एसपी नीरज जादौन ने कहा, ‘यह काम एक गैंग अंजाम देता था, जिसका ऑपरेशन हाकिम नाम का शख्स देखता था। उस पर बैंक कर्मचारियों समेत कई लोगों को जोड़ने का आरोप है। प्रथम दृष्ट्या लगता है कि हाकिम गांव के उन लोगों पर नजर रखता था जिनके पास तकनीकी जानकारी और सुविधाओं का अभाव होता है, ताकि उनके बैंक ट्रांजैक्शन्स पर नजर रखी जा सके। बैंक में वो अपने फोन नंबर और ई-मेल आईडी देता था। बद्री निजी जानकारियां देने में मदद करता था। इस सिलसिले में अब तक चार लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि दो की तलाश जारी है।’

पुराने नंबर से करते थे खेलः पुलिस ने कहा कि यह गैंग आमतौर पर उन किसानों को ही निशाना बनाता था जिन्हें मुआवजे के तौर पर बड़ी रकम मिली होती थी। इस मामले में खान ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की डासना ब्रांच में एक अकाउंट खुलवाया था और अपना प्रीपेड फोन नंबर और ई-मेल आईडी दे दिया। लेकिन बाद में खान ने अपना नंबर बदल लिया और सिम कार्ड डि-एक्टिवेट कर दिया।

किसान की जानकारी के बिना हुए ट्रांजैक्शन्सः हाकिम ने बद्री को इस बात की जानकारी दी और पुराने नंबर से एक डुप्लीकेट एटीएम कार्ड जारी करवा लिया। इसके बाद उसने खान को बताए बिना उनका पुराना नंबर भी एक्टिवेट करवा लिया। लंबे समय से खान ने अपना ई-मेल आईडी भी इस्तेमाल नहीं किया था और चूंकि उनका मोबाइल नंबर भी बंद था तो उन्हें अपने नाम पर हो रहे ट्रांजैक्शन की जानकारी भी नहीं मिली।

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टीसीएस में एक लाख रुपए कमाता है आरोपीः पुलिस के मुताबिक, ‘इस गैंग के एक और बदमाश की पहचान सुनील तिवारी के रूप में हुई। सुनील एमबीए है और टीसीएस में काम करता है। उसकी सैलरी 1 लाख रुपए महीना है। वह फर्जी ग्राहक बनकर बैंक कर्मचारियों से बात करता था और अपनी बातों से उन्हें एटीएम कार्ड देने के लिए मना लेता था। आरोपी अपने किसी साथी को भेजकर खान का कार्ड ले लेते थे। इस मामले में पुलिस ने पिछले हफ्ते बैंक की मैनेजर प्रतिभा जैन और तिवारी को गिरफ्तार किया था। डासना जेल में काम करने के दौरान बद्री, प्रतिभा का असिस्टेंट रह चुका था। यह सोची-समझी साजिश लगती है।’