उज्जैन रेप कांड के मुख्य आरोपी भरत सोनी के घर पर आज बुलडोजर चला। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी ने उज्जैन के नानाखेड़ा क्षेत्र में सरकारी जमीन पर कब्जा जमा रखा था। इस जगह पर अवैध निर्माण कर वह अपने माता-पिता, भाई-बहन के साथ कई सालों से रह रहा था। आरोपी ने मकान के अंदर मंदिर भी बना रखा था। पुलिस फोर्स की मौजूदगी में उसके घर पर बुलडोजर चलाया गया। नगर निगम की टीम आरोपी के घर पहुंची और अवैध निर्माण को गिराकर जगह को खाली कराया गया। दरअसल, आरोपी ने सरकारी जमीन पर मकान बना लिया था। फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त में हैं।
ताजा जानकारी के अनुसार, पुलिस एक महीन के अंदर आरोपी को सजा दिलाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए पुलिस ने ठोस सबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, सतना से शिप्रा एक्सप्रेस में सवार होकर मानसिक रूप से अस्वस्थ बच्ची उज्जैन पहुंच गई थी। 25 सितंबर को वह उज्जैन स्टेशन पर उतरी। जहां भरत सोनी ने उसे अकेला पाकर अपने ऑटो में बैठा लिया औऱ फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके ऑटो में खून के धब्बे मिले थे। इतना ही नहीं आरोपी ने पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश की थी मगर वह सफल नहीं हो सका था।
रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित बच्ची दुष्कर्म के बाद ढाई घंटे तक उज्जैन की गलियों में भटकती रही। उसके कपड़े खून से सने थे। वह लोगों से मदद मांग रही थी। इसके बाद वह आश्रम के पास जाकर गिर गई थी। जहां आचार्य राहुल शर्मा ने उसकी मदद की थी। उन्होंने ही पुलिस को फोन किया था। फिलहाल बच्ची का इंदौर के एमवाय अस्पताल में इलाज चल रहा है।
आरोपी के पिता ने कहा था उसे गोली मार देनी चाहिए थी
जब आरोपी के पिता को खबर लगी कि उज्जैन रेप का आरोपी उनका बेटा है तो उन्होंने कहा था “अगर बेटा सच में आरोपी है तो उसे पकड़ना नहीं चाहिए था, सीधे गोली मार देनी चाहिए थी। बेटे की जगह अगर मैं ऐसा गुनाह करता तो सुसाइड कर लेता, पुलिस के भी हाथ नहीं आता। जो भी ऐसा गुनाह करता है उसे जीने का हक नहीं है। बच्ची के साथ हुई घटना के बारे में मुझे पहले से पता था। आरोपी बेटे से इस बारे में बात की तो उसने कुछ नहीं कहा। वह रोजाना की तरह खाना, पीना, नहाना और सोना करता रहा। उसने किसी को शक तक नहीं दिया था।”