Written by Jignasa Sinha

प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टरों द्वारा तिहाड़ जेल के अंदर कुख्यात टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के लगभग दो महीने बाद भी दिल्ली जेल विभाग ने जेल परिसर में सुरक्षा कड़ी करने और बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के मकसद से एक सप्ताह बाद एक रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को लागू नहीं किया है। सूत्रों ने कहा कि कई गैंगस्टर और अन्य अपराधी एक ही सेल या पड़ोसी सेल या वार्ड में बंद हैं।

टिल्लू ताजपुरिया को जेल की कोठरी में घुसकर 90 से अधिक बार चाकू मारा गया था

टिल्लू ताजपुरिया को जेल नंबर 8 में उसकी कोठरी के अंदर 2 मई को चार प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टरों ने 90 से अधिक बार चाकू मारा था। दिल्ली पुलिस ने मामले के सिलसिले में चार कैदियों दीपक तितर, योगेश टुंडा, रियाज़ खान और राजेश को गिरफ्तार किया था। स्पेशल सेल ने बाद में हत्या की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में कथित संलिप्तता के लिए दो और कैदियों चवन्नी और रहमान को पकड़ा था।

टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के तुरंत बाद डीजी ने सुरक्षा उपायों पर एलजी को भेजी थी रिपोर्ट

गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के तुरंत बाद दिल्ली जेल विभाग ने मामले में कथित लापरवाही के लिए आठ से अधिक तमिलनाडु विशेष पुलिस कर्मियों (TNSP) को निलंबित कर दिया। महानिदेशक (DG) ने सुरक्षा को उन्नत करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना और संबंधित अधिकारियों के साथ कई बैठकें भी कीं। घटना के एक सप्ताह बाद डीजी द्वारा एक रिपोर्ट एलजी को भेजी गई थी। इसमें ऐसे मामलों को रोकने के लिए लागू किए जाने वाले उपायों का हवाला दिया गया था। हालाँकि, द इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि जेल अधिकारी अपनी योजनाओं को लागू करने से बहुत दूर हैं।

गिरोह के सरगनाओं को दिल्ली की जेलों से बाहर भेजें, डीजी की रिपोर्ट और NIA के सुझाव

डीजी की रिपोर्ट में बताए गए बिंदुओं में से एक गिरोह के सरगनाओं को दिल्ली की जेलों से बाहर स्थानांतरित करने की मांग थी। दिल्ली जेल विभाग ने गैंगस्टरों काला जठेड़ी, मंजीत महल, चेन्नु, कौशल चौधरी, नवीन बाली वगैरह की एक सूची भी बनाई और सुझाव दिया कि जेलों के अंदर “सांठगांठ को तोड़ने” और अपराधों को रोकने के लिए उन्हें अन्य राज्यों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। हालाँकि, जेल अधिकारियों ने कहा कि फ़ाइल गृह मंत्रालय (MHA) के पास है और समीक्षाधीन है। क्योंकि उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से भी इसी तरह के अनुरोध मिले हैं।

Tillu Tajpuriya Case: Special Cell ने Tihar Jail पहुंच किया क्राइम सीन को रिक्रिएट, 2 कैदी अरेस्ट | Video

डीजी की रिपोर्ट में और क्या सुझाव दिए गए थे? अमल को लेकर जारी है इंतजार

रिपोर्ट में कैदी स्थानांतरण अधिनियम में संशोधन का भी उल्लेख किया गया है ताकि जेल प्रशासन राज्य की अनुमति के बिना किसी कैदी को स्थानांतरित कर सके। इसकी भी समीक्षा चल रही है। रिपोर्ट में जेल अधिकारियों को राज्यों (यूटी कैडर के तहत) से स्थानांतरित करने की अनुमति भी मांगी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गैंगस्टरों के बारे में जानकारी और ऐसे हमलों को रोकने में मदद के लिए दिल्ली पुलिस प्रमुख और एनआईए से संपर्क किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया था कि गैंगस्टरों को अलग जेलों में रखा जाएगा।