मुंबई का एक कारोबारी अपने बेहिसाब पैसे के बारे में बात करने से भी डरता था। दो शातिर बदमाशों को इस बात का पता चला तो उन्होंने उसकी इस कमजोरी का फायदा उठाया और कारोबारी के मुलाजिम से सात लाख रुपये लूट लिए लेकिन उन्होंने जैसा समझा था वैसा हुआ नहीं। कारोबारी ने पुलिस के पास शिकायत कर दी और फिर सीसीटीवी कैमरे बदमाशों तक पहुंचने का जरिया बन गए।
जी हां मुंबई में बिजनेस मैन के कर्मचारी को दो ठगों ने ठग लिया। उन्होंने पहले कर्मचारी को किडनैप कर लिया फिर उससे 7 लाख रुपये लूट लिए। फिलहाल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि पीड़ित नकदी लेकर जा रहा था। दोनों आरोपियों को पहले से इस बात की जानकारी थी। इसके बाद उन्होंने उसे लूटने की प्लानिंग की। उन दोनों ने कहीं सुना था कि जब कारोबारियों का बेहिसाब पैसा चोरी हो जाता है तो वे पुलिस अधिकारियों से संपर्क करने से बचते हैं। उन्हें यह पता था कि यह कारोबारी अपने बेहिसाब पैसे का ब्योरा देने में डरता है इसके बाद ही ने नकली पुलिस वाले बन गए औऱ लूट की घटना को अंजाम दिया।
दोनों आरोपियों ने खुद को बताया पुलिसकर्मी
पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है। पहला आरोपी चूनाभट्टी का रहने वाला है। उसका नाम राज भीमसेन कांबले है और वह 41 साल है। दूसरा आरोपी मानखुर्द का रहने वाला है। उसका नाम राहुल विलास पेडनेकर है और वह 40 साल का है। पुलिस के अनुसार, 18 मई की शाम करीब 5 बजे शिकायतकर्ता स्वप्निल पोटे अपने मालिक से नकदी लेकर बांद्रा में अपने एक क्लाइंट को देने जा रहा था। जब वह कालबादेवी पहुंचा तो बीएमसी कार्यालय के पास दो लोगों ने उसे रोक लिया। उन्होंने पोटे से कहा कि वे पुलिसकर्मी हैं। इसके बाद उन्होंने पोटे को टैक्सी में बैठने को कहा और उसे रेय रोड के पास ले गए।
पुलिस के अनुसार, दो नकली पुलिसकर्मियों ने पोटे से कहा कि वे जानते हैं कि वह बहुत सारा नकदी लेकर जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे इस पैसे को जब्त कर रहे हैं और दक्षिण मुंबई में कमिश्नर ऑफिस ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास संबंधित दस्तावेज देखने और पैसा वसूलने का आदेश है। इसके बाद उन्होंने पोटे को रेय रोड रेलवे स्टेशन के बाहर छोड़ दिया और फरार हो गए।
व्यवसायी ने कहा कि पोटे के पास जरूरी कागजात थे मगर वह डर गया था। इसी कारण उसने नकली पलिसकर्मियों के खिलाफ कोई आपत्ति नहीं की। पोटे ने जब अपने दोस्तों को घटना के बारे में बताया तब वे थाने पहुंचे और मामले की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज की मदद से दोनों आरोपियों को मुंबई के पूर्वी उपनगर से गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारी का कहना है कि दोनों ने यह योजना इसलिए बनाई क्योंकि कांबले पर दो लाख रुपये का कर्ज था। उन्होंने यह भी सुना था कि बेहिसाब नकदी चोरी होने के बाद भी व्यवसायी पुलिस के पास नहीं जाते हैं। हालांकि व्यवसायी ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।